बस्तर में सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन: 31 नक्सलियों को मार गिराया
Anti Naxal Operation | मंगलवार, 4 अक्टूबर को, दोपहर 1 बजे, दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले की सीमा पर एक बड़ा नक्सल विरोधी ऑपरेशन लॉन्च किया गया, जिसमें सुरक्षा बलों ने अब तक के सबसे बड़े हमले में 31 नक्सलियों को मार गिराया। यह ऑपरेशन लगभग 1000 जवानों की एक संयुक्त टीम द्वारा दो घंटे में पूरा किया गया। ऑपरेशन के दौरान मारे गए सभी माओवादी नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। यह अभियान बस्तर के पूर्वी डिवीजन के तहत संचालित हुआ।
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पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी की नीति समेत बड़े नक्सली कमांडर ढेर
सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के ठिकानों तक पहुंचने के लिए 3-4 पहाड़ और नदी-नाले पार किए। मुठभेड़ में पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी की लीडर नीति समेत कई बड़े नक्सली मारे गए। नीति पर 8-10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ में AK-47 समेत कई अत्याधुनिक हथियार जब्त किए हैं।
सटीक योजना और इंटर डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेशन से मिली बड़ी सफलता
माओवादियों के खिलाफ इस ऑपरेशन की शुरुआत 3 अक्टूबर को हुई, जब पुलिस को अबूझमाड़ के थुलथुली इलाके में 50 से अधिक नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली। अफसरों ने घंटों तक इस ऑपरेशन की योजना बनाई और अंततः यह निर्णय लिया कि अलग-अलग दिशाओं से जवानों को भेजकर घेराबंदी की जाएगी। पांच जिलों के सर्वश्रेष्ठ जवानों को इस ऑपरेशन में शामिल किया गया। भारी बारिश के बावजूद जवानों ने सफलता हासिल की।
जवानों की घेराबंदी ने रोका नक्सलियों का भागने का रास्ता
4 अक्टूबर की दोपहर, जवान नक्सलियों के बेहद करीब पहुंचे और अचानक फायरिंग की। नक्सलियों को जवानों की उपस्थिति का पता नहीं चला, क्योंकि भारी बारिश की वजह से उनका मूवमेंट ठप हो गया था। जवानों की फायरिंग के बाद नक्सली भागने लगे, लेकिन दूसरी तरफ से जवानों ने उन्हें घेर लिया। शुरुआती मुठभेड़ में ही 7 नक्सली ढेर हो गए, और धीरे-धीरे इस संख्या को बढ़ाकर 31 कर दिया गया।
बड़े नक्सली कमांडरों की मौत से कमजोर हुआ नक्सली संगठन
इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में कई बड़े कैडर के नक्सली थे, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। कुछ घायल नक्सली अपने साथियों द्वारा ले जाए गए हैं। यह मुठभेड़ इस साल का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेशन बताया जा रहा है। इससे पहले कांकेर में 16 अप्रैल को एक मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे।
2026 तक बस्तर होगा नक्सल-मुक्त
बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में करीब 60 हजार से अधिक जवान तैनात हैं। विभिन्न सुरक्षा बल जैसे SSB, BSF, ITBP, STF, CRPF, DRG, और बस्तर फाइटर्स ने संयुक्त रूप से यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 2026 तक बस्तर नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा, और इस ऑपरेशन ने उनके दावे की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। पिछले 9 महीनों में 188 माओवादी मारे जा चुके हैं, जो इस दिशा में एक बड़ी प्रगति है।
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