jammu kasmir and hariyana election date declared: जम्मू-कश्मीर में इस समय 87.09 लाख मतदाता (Voters) हैं, जिनमें से 20 लाख से अधिक युवा मतदाता हैं। 20 अगस्त को अंतिम मतदाता सूची (Voter List) जारी की जाएगी। हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान (Voting) होगा, जबकि हरियाणा में एक चरण में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। दोनों राज्यों में चुनाव परिणाम (Results) 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की जनता बदलाव की ओर देख रही है और चुनाव को लेकर काफी उत्सुकता है। चुनाव आयोग की टीम ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा भी किया था। उन्होंने कहा कि हम मौसम के ठीक होने और अमरनाथ यात्रा के समाप्त होने का इंतजार कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर में इस समय 87.09 लाख मतदाता (Voters) हैं, जिनमें से 20 लाख से अधिक युवा मतदाता हैं। 20 अगस्त को अंतिम मतदाता सूची (Voter List) जारी की जाएगी।
हरियाणा में पिछला विधानसभा चुनाव 2019 में हुआ था, जिसमें भाजपा (BJP) को 41 और जजपा (JJP) को 10 सीटें मिली थीं। भाजपा ने 6 निर्दलीय (Independent) और एक HLP विधायक के समर्थन से सरकार बनाई थी, जिसमें मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) को मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनाया गया था। हालांकि, गठबंधन 12 मार्च 2024 को टूट गया, जिसके बाद नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। वर्तमान में राज्य में अल्पमत सरकार (Minority Government) है।
2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में मनोहर लाल खट्टर ने करनाल सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2,32,577 वोटों से हराया। वर्तमान में मोदी 3.0 सरकार (Modi 3.0 Government) में खट्टर के पास शहरी विकास मंत्रालय (Urban Development Ministry) और ऊर्जा मंत्रालय (Energy Ministry) की जिम्मेदारी है।
गौरतलब है कि 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा (Statehood) वापस दिया जाए, जबकि लद्दाख (Ladakh) को केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) बनाए रखने का फैसला बरकरार रखा गया।