Asteroid Collision | धरती की तरफ बढ़ रहा एक नया खतरा: अगर टकराया तो होगा विनाश
क्या ‘अराजकता का देवता’ पृथ्वी पर कहर बरपाएगा?
Asteroid Collision | 99942 एपोफिस, जिसे ‘अराजकता का देवता’ (God of Chaos) के नाम से जाना जाता है, ने वैज्ञानिकों और दुनिया को फिर से चिंता में डाल दिया है। इस विशाल [एस्टेरॉयड] (Asteroid) के प्रक्षेप पथ (Trajectory) का हालिया पुनर्मूल्यांकन इसके पृथ्वी से टकराव (Collision) की संभावनाओं को फिर से चर्चा में ला चुका है। वर्ष 2004 में खोजे गए एपोफिस के बारे में पहले सोचा गया था कि यह 2029 में पृथ्वी के निकट से गुजरेगा, लेकिन टकराने की संभावना केवल 2.7% थी। इसके बावजूद, अब संशोधित गणनाओं ने भविष्य के प्रक्षेपवक्र (Trajectory) और पृथ्वी पर संभावित खतरे (Threat) को लेकर नई चिंताएं बढ़ा दी हैं।
क्या खतरा सच में है?
हाल के वैज्ञानिक अध्ययन और शोधों से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि एपोफिस के टकराव का खतरा (Impact Threat) अभी के लिए कम है। कनाडा के अंतरिक्ष विशेषज्ञ पॉल विएगर्ट (Paul Wiegert) द्वारा किए गए शोध ने इस मुद्दे को पुनर्जीवित किया है। उनके अनुसार, यदि यह [एस्टेरॉयड] (Asteroid) अंतरिक्ष में एक छोटी वस्तु से टकरा जाता है, तो इसका प्रक्षेप पथ (Trajectory) बदल सकता है। इससे पृथ्वी की ओर इसका रुख भी बदलने की संभावना है।
विएगर्ट का अनुमान है कि ऐसा होने की संभावना लगभग दो अरब में से एक है। उन्होंने यह भी बताया कि एपोफिस को अपने [Trajectory] को बदलने के लिए कम से कम 3.4 मीटर आकार की एक छोटी वस्तु से 510 मीटर प्रति सेकंड की गति से टकराने की आवश्यकता होगी। यह काफी असंभव घटना है, लेकिन यदि ऐसा होता है, तो पृथ्वी पर भारी नुकसान हो सकता है।
एपोफिस का रास्ता बदलने का खतरा कितना है?
वर्ष 2021 से एपोफिस की सटीक स्थिति पर निगरानी नहीं रखी गई है, और वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति के कारण 2027 तक इसकी कोई भी सही जानकारी प्राप्त नहीं की जा सकेगी। यह तथ्य हमें और अधिक चिंतित करता है, क्योंकि यह एस्टेरॉयड (Asteroid) अपने इतिहास में सबसे करीब से पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है।
[एस्टेरॉयड] चट्टानों (Rocks) से बने होते हैं, और इनमें से कुछ टुकड़े जब पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते हैं, तो वे [Meteorites] बन जाते हैं। इन उल्कापिंडों (Meteorites) ने अतीत में पृथ्वी पर जीवन को कई बार खतरे में डाला है। सबसे विनाशकारी उल्कापिंड लगभग साढ़े छह करोड़ साल पहले पृथ्वी से टकराया था, जिसने डायनासोर समेत कई जीवों का अंत कर दिया था।
एपोफिस की अब तक की जानकारी क्या है?
विएगर्ट के शोध के अनुसार, इस एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की संभावना 2 बिलियन में 1 से भी कम है। हालांकि यह संभावना नगण्य है, लेकिन चांस को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता। इसके अलावा, यदि एपोफिस का मार्ग थोड़ी सी हलचल से बदल भी जाता है, तो इसके पृथ्वी की ओर पुनर्निर्देशित (Redirect) होने की संभावना केवल 5% है।
इसका मतलब यह है कि टक्कर का जोखिम काफी कम है, लेकिन फिर भी यह पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। यह हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सौर मंडल (Solar System) में कितने अनिश्चित तत्व मौजूद हैं और कैसे ये तत्व हमारे ग्रह पर गंभीर परिणाम डाल सकते हैं।
अगर टकराया तो क्या होगा?
यदि यह विशाल एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराता है, तो इसका प्रभाव (Impact) विनाशकारी हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि एपोफिस का आकार लगभग 370 मीटर है, और यदि यह पृथ्वी पर टकराता है, तो इससे निकलने वाली ऊर्जा (Energy) परमाणु बम से भी कई गुना ज्यादा हो सकती है। हालांकि, यह संभावना बहुत ही कम है, लेकिन इस तरह की घटनाएं अतीत में हो चुकी हैं, और पृथ्वी पर उनके परिणाम खतरनाक रहे हैं।
पिछले उल्कापिंड टकराव और उनका असर क्या रहा?
इतिहास हमें यह सिखाता है कि जब भी कोई बड़ा उल्कापिंड पृथ्वी से टकराता है, तो इसके परिणाम बहुत गंभीर होते हैं। लगभग साढ़े छह करोड़ साल पहले, एक विशाल उल्कापिंड (Asteroid) ने डायनासोर (Dinosaurs) और पृथ्वी पर जीवन के अधिकांश रूपों को समाप्त कर दिया था। इसके प्रभाव ने पृथ्वी के वातावरण में धूल और धुंध की एक परत बना दी थी, जिससे कई वर्षों तक सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाई, और अंधेरा छा गया था।
सन् 1944 में भी एक महत्वपूर्ण घटना घटी थी, जब 10-12 उल्कापिंड बृहस्पति ग्रह (Jupiter) से टकरा गए थे, जिसके बाद वहां पर महाप्रलय की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। आज तक बृहस्पति (Jupiter) पर उस टक्कर के परिणामस्वरूप लगी आग और तबाही शांत नहीं हो सकी है। इस तरह की घटनाएं हमें यह बताती हैं कि [एस्टेरॉयड] के टकराव (Asteroid Collision) से होने वाले खतरे कितने बड़े और भयंकर हो सकते हैं।
क्या हमें चिंतित होना चाहिए?
वर्तमान में एपोफिस के पृथ्वी से टकराने की संभावना बहुत कम है, लेकिन फिर भी यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारा सौर मंडल कितना खतरनाक हो सकता है। भले ही पृथ्वी पर जीवन की सुरक्षा के लिए कई तकनीकी प्रयास (Technological Efforts) किए जा रहे हैं, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि यह खतरा हमेशा मौजूद रहेगा।
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