अगर आप जुए, सट्टे या आईपीएल में बार-बार हार रहे हैं तो आपका यह ग्रह कमजोर है

अगर आप जुए, सट्टे या आईपीएल में बार-बार हार रहे हैं तो आपका यह ग्रह कमजोर है

Astrology for luck in gambling | आज के समय में लोग तेजी से पैसा कमाने की होड़ में तरह-तरह के रास्ते अपनाते हैं। इनमें से एक है जुआ, सट्टा या आईपीएल जैसे गेम्स पर दांव लगाना। हालांकि कुछ लोग इसमें बड़ी-बड़ी रकम जीतते भी हैं, लेकिन अधिकतर लोग लगातार हारते जाते हैं, और कर्ज में डूब जाते हैं। सवाल यह है कि क्यों कुछ लोग इन खेलों में लगातार जीतते हैं जबकि कुछ हर बार हार जाते हैं? इसका जवाब आपको आपके जन्म कुंडली में छिपा हुआ मिल सकता है। Astrology for luck in gambling

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारे जीवन की हर घटना का संबंध ग्रहों की स्थिति और चाल से होता है। जुआ, सट्टा या किसी भी तरह के रिस्की निवेश में सफलता या असफलता का सीधा संबंध कुछ खास ग्रहों से होता है, खासकर राहु, चंद्रमा, शुक्र और बुध से। अगर ये ग्रह कमजोर या अशुभ भावों में स्थित हों, तो व्यक्ति चाहे जितनी भी चालाकी दिखाए, उसे नुकसान ही उठाना पड़ता है। Astrology for luck in gambling

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि किन ग्रहों के कारण आपको बार-बार हार का सामना करना पड़ता है, और कैसे इनकी स्थिति को सुधारकर अपने भाग्य को बदला जा सकता है।

1. राहु – माया और छल का कारक ग्रह

राहु को ज्योतिष में एक छाया ग्रह माना गया है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत गहरा होता है। राहु छल, माया, लालच, भ्रम और आकस्मिक घटनाओं का कारक है। जुए-सट्टे जैसी गतिविधियों में राहु की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है।

कैसे राहु हार का कारण बनता है?

  • अगर राहु नीच का हो या छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो, तो व्यक्ति को भ्रम में रखता है।
  • राहु जब कमजोर या पाप प्रभाव में होता है, तो व्यक्ति को गलत निर्णय लेने पर मजबूर करता है।
  • ऐसा व्यक्ति सट्टे या जुए में “आज तो पक्का जीतूंगा” जैसी सोच लेकर बार-बार पैसा लगाता है, और बार-बार हारता है।
  • राहु की दशा/अंतरदशा में यदि ये अशुभ भावों में है, तो जीवन में बार-बार असफलताएं आती हैं।

2. चंद्रमा – मन और निर्णय शक्ति का प्रतिनिधि

चंद्रमा हमारे मन, भावनाओं और निर्णय क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। जब चंद्रमा कमजोर होता है, तो व्यक्ति भावनात्मक रूप से अस्थिर हो जाता है और सही निर्णय नहीं ले पाता।

कैसे चंद्रमा नुकसान कराता है?

  • कमजोर चंद्रमा वाला व्यक्ति जल्दी उत्तेजित या निराश हो जाता है।
  • ऐसे लोग नुकसान के बाद “डबल या कुछ नहीं” जैसी मानसिकता के साथ दुबारा पैसे लगाते हैं और फिर हार जाते हैं।
  • चंद्रमा की नीच राशि में स्थिति, शनि या राहु के साथ युति, या पाप ग्रहों की दृष्टि इसकी निर्णय क्षमता को खत्म कर देती है।
  • ऐसा व्यक्ति कल्पनाओं की दुनिया में रहता है और ground reality को नजरअंदाज करता है।

3. शुक्र – विलासिता और आकर्षण का ग्रह

शुक्र भोग-विलास, धन, आकर्षण, और सांसारिक सुखों का कारक है। जुए-सट्टे जैसे कार्यों में व्यक्ति को आकर्षण यहीं से मिलता है। लेकिन अगर शुक्र नीच का हो या दूषित हो जाए, तो यह व्यक्ति को लोभ और लालच में फंसा देता है।

कमजोर शुक्र का असर

  • व्यक्ति को बिना सोचे-समझे ज्यादा से ज्यादा पाने की लालसा होती है।
  • वह बार-बार हारने के बाद भी उम्मीद नहीं छोड़ता, और हर दांव में और बड़ी रकम लगाता है।
  • नीच का शुक्र या राहु-शुक्र की युति व्यक्ति को भ्रमित करती है – “अगली बार जरूर जीतूंगा।”
  • ऐसा जातक दिखावे की जिंदगी चाहता है और उसकी वजह से बार-बार रिस्क लेता है।

4. बुध – गणना और बुद्धिमत्ता का कारक

बुध निर्णय क्षमता, गणना, व्यापार-बुद्धि और तर्कशक्ति का प्रतीक है। अगर बुध मजबूत है, तो व्यक्ति सोच-समझकर कदम उठाता है, लेकिन अगर यह कमजोर हो जाए, तो उसकी समझने और आंकलन करने की शक्ति कमजोर हो जाती है।

कमजोर बुध का दुष्प्रभाव

  • व्यक्ति सटीक निर्णय नहीं ले पाता।
  • वह दूसरों की बातों में आकर निवेश करता है, बजाय अपने अनुभव और तर्क के।
  • बुध अगर पाप ग्रहों से पीड़ित हो, तो व्यक्ति अजीब तरह के लॉजिक लगाता है – जो वास्तविकता से परे होते हैं।

5. पंचम और द्वादश भाव का विशेष महत्व

पंचम भाव – भाग्य और सट्टा का भाव

  • पंचम भाव को सट्टा, जुआ, लॉटरी और शेयर मार्केट से जोड़कर देखा जाता है। यदि पंचम भाव में पाप ग्रह बैठे हों या इसके स्वामी की स्थिति खराब हो, तो व्यक्ति को इस क्षेत्र में नुकसान होता है।

द्वादश भाव – हानि का भाव

  • द्वादश भाव हानि, खर्च, बर्बादी और बंदी का भाव माना जाता है। अगर राहु, शनि या केतु जैसे ग्रह इस भाव में हों, तो व्यक्ति को लगातार घाटा होता है। अगर सट्टे में बार-बार पैसा डूब रहा है, तो यह भाव जरूर पीड़ित होगा।

6. कुंडली में योग और दोष जो नुकसान कराते हैं

  • ग्रहण योग (सूर्य या चंद्रमा पर राहु/केतु की युति) – व्यक्ति को भ्रमित करता है।
  • चांडाल योग (गुरु + राहु) – गलत सलाह और लालच की ओर ले जाता है।
  • नीच भंग रहित ग्रह – जब कोई ग्रह नीच का हो और उसे भंग करने वाला योग न हो, तो वह पूरी तरह अशुभ परिणाम देता है।
  • दशा/अंतरदशा का प्रभाव – अगर चल रही दशा अशुभ ग्रह की हो, तो जितनी भी कोशिश करें, हार तय होती है।

7. उपाय – कमजोर ग्रहों को कैसे करें मजबूत?

अगर आप जुए-सट्टे में बार-बार हार रहे हैं, तो जरूरी है कि आप पहले यह समझें कि आपके ग्रह कौन से कमजोर हैं। किसी अनुभवी ज्योतिषी से कुंडली का विश्लेषण कराएं। सामान्यतः निम्न उपाय लाभकारी हो सकते हैं:

राहु के लिए:

  • राहु केतु का शांति पूजन करें।
  • सरसों का तेल, नीला कपड़ा, उड़द दान करें।
  • “ॐ रां राहवे नमः” का 108 बार जाप करें।

चंद्रमा के लिए:

  • सोमवार का व्रत रखें।
  • चंद्रमा को कच्चा दूध अर्पित करें।
  • “ॐ सोम सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें।

शुक्र के लिए:

  • सफेद कपड़े पहनें, चावल, दूध और शक्कर का दान करें।
  • शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करें।
  • “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का जाप करें।

बुध के लिए:

  • हरे कपड़े पहनें, मूंग का दान करें।
  • बुधवार को गणेश जी की पूजा करें।
  • “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप करें।

जुए, सट्टे या आईपीएल में जीत और हार का खेल सिर्फ किस्मत पर नहीं, बल्कि आपके ग्रहों पर भी निर्भर करता है। बार-बार हारना इस बात का संकेत है कि आपके ग्रह या तो कमजोर हैं या गलत भावों में बैठे हैं। ऐसे में बिना सोच-समझे पैसा लगाना केवल हानि ही देगा।

इसलिए बेहतर है कि आप अपनी कुंडली की जांच करवाएं, अपने ग्रहों को संतुलित करें और समझदारी से काम लें। जुए-सट्टे में किस्मत आजमाने से बेहतर है कर्म पर भरोसा रखें, क्योंकि कर्म ही सबसे बड़ा उपाय है।

अस्वीकरण:

यह लेख केवल सामान्य जानकारी और ज्योतिषीय सिद्धांतों पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी को जुए, सट्टे या अनैतिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करना नहीं है। ज्योतिष एक संभाव्य विज्ञान है, न कि निश्चित समाधान। हर व्यक्ति की कुंडली और जीवन परिस्थितियां अलग होती हैं, इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से व्यक्तिगत सलाह अवश्य लें। लेखक या प्रकाशक इस लेख के किसी भी प्रकार के व्यावहारिक उपयोग से होने वाले लाभ या हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। आर्थिक निर्णय लेते समय विवेक, जिम्मेदारी और वैधानिक नियमों का पालन करें। Astrology for luck in gambling


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