जम्‍मू कश्‍मीर के बड्डाल गांव में मौतों का सिलसिला जारी: अब तक 17 की मौत, केंद्रीय टीम जांच में जुटी

जम्‍मू कश्‍मीर के बड्डाल गांव में मौतों का सिलसिला जारी: अब तक 17 की मौत, केंद्रीय टीम जांच में जुटी

Baddal Village Tragedy | जम्मू-कश्मीर के राजोरी (Rajouri) जिले के बड्डाल गांव (Baddal Village) में पिछले 43 दिनों (43 Days) में 12 बच्चों समेत 17 लोगों की मौत का रहस्यमय मामला सामने आया है। रविवार को 15 वर्षीय यास्मीन कौसर (Yasmeen Kausar) ने एसएमजीएस अस्पताल (SMGS Hospital) जम्मू में दम तोड़ दिया। इस त्रासदी की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के निर्देश पर एक अंतर मंत्रालयीय टीम (Inter-Ministerial Team) जांच के लिए गठित की गई है।

जांच के लिए केंद्रीय टीम को सक्रिय किया गया 

रविवार को 11 सदस्यीय उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम (Central Team) जम्मू पहुंची। टीम ने जीएमसी (GMC) जम्मू के प्रिंसिपल कार्यालय (Principal Office) में स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. आबिद रशीद शाह के साथ बैठक की। इस दौरान टीम को घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी गई। बैठक में स्वास्थ्य निदेशक (Health Director) डॉ. राकेश मगोत्रा, जीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष गुप्ता (Principal of GMC Jammu) और अन्य वरिष्ठ डॉक्टर व महामारी विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

बैठक के बाद केंद्रीय टीम राजोरी पहुंची, जहां उन्होंने स्थानीय जिला प्रशासन (Local District Administration) और पुलिस अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। टीम में स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health), फूड सेफ्टी (Food Safety), कृषि (Agriculture), रसायन एवं उर्वरक (Chemicals and Fertilizers), और जल संसाधन मंत्रालय (Ministry of Water Resources) के विशेषज्ञ शामिल हैं।

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किसी संक्रमण नहीं, जहर की आशंका

अब तक की जांच में बड्डाल में हुई मौतों का कारण किसी संक्रामक रोग (Infectious Disease) को नहीं पाया गया है। हालांकि, भेजे गए नमूनों में कुछ टॉक्सिन (Toxins) पाए गए हैं, जिससे जहर की वजह से मौतों की आशंका बढ़ गई है। पुलिस ने आपराधिक पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है और इसके लिए एक विशेष जांच टीम (Special Investigation Team – SIT) गठित की गई है।

बढ़ती मौतों को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई 

गांव में बढ़ती मौतों को देखते हुए सुरक्षा (Security) बढ़ा दी गई है। साथ ही, सेना (Indian Army) भी सेवा कार्यों में जुटी हुई है। सेना ने गांववासियों को टेंट (Tents), राशन (Ration), और पानी (Water) जैसे जरूरी सामान उपलब्ध कराए हैं। स्थानीय निवासी मोहम्मद बशीर (Mohammad Bashir) ने सेना की मदद के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “सेना ने हमें 4-5 दिनों के लिए भोजन, पानी और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया है।”

किन आधारों पर कर रहे जांच 

नमूनों की जांच (Sample Testing): प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं में नमूनों की जांच के आधार पर जहर की पुष्टि की जा रही है।

विशेषज्ञों की राय (Expert Opinions): केंद्रीय टीम मौतों के कारणों की गहराई से जांच कर रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देगी।

  • पुलिस जांच (Police Investigation): SIT द्वारा आपराधिक पहलुओं की जांच की जा रही है।
  • स्थानीय निवासियों बताई अपनी आपबीती

बड्डाल गांव के निवासी इस भयावह स्थिति से बेहद डरे हुए हैं। 15 वर्षीय यास्मीन कौसर की मौत ने सभी को झकझोर दिया है। उनकी मां शकिया बेगम (Shakiya Begum) की तबीयत में सुधार हुआ है, और उन्हें जीएमसी राजोरी (GMC Rajouri) से छुट्टी दे दी गई है। केंद्रीय टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी। स्वास्थ्य विभाग और सेना के संयुक्त प्रयासों से प्रभावित परिवारों को राहत दी जा रही है।

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पूरे देश में बनी चिंता का विषय

बड्डाल गांव की त्रासदी पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुकी है। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं, सुरक्षा, और पर्यावरणीय खतरों पर ध्यान केंद्रित किया है। केंद्रीय टीम के सुझावों के आधार पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (National Health Policy) में भी बदलाव संभव है।


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