केंद्र सरकार का बड़ा कदम: 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध, अश्लील कंटेंट रोकने की सख्त कार्रवाई

केंद्र सरकार का बड़ा कदम: 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध, अश्लील कंटेंट रोकने की सख्त कार्रवाई

Ban on OTT Platforms | नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सख्ती दिखाते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को प्रतिबंधित कर दिया है। यह कार्रवाई अश्लील और भद्दे कंटेंट के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से की गई है। इस कदम के पीछे 2021 में लागू किए गए आईटी नियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए का पालन किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

राज्यसभा में शिवसेना-यूबीटी के सदस्य अनिल देसाई के सवाल का जवाब देते हुए सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने बताया कि यह कदम समाज में नैतिकता बनाए रखने और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता को रोकने के लिए उठाया गया है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने मार्च 2024 में इन प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया।

अश्लील सामग्री पर रोक लगाने की वजह

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है। लेकिन, कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से उपलब्ध अश्लील और भद्दे कंटेंट ने दर्शकों, खासकर युवाओं और बच्चों, पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। यह सामग्री न केवल सामाजिक मूल्यों को कमजोर करती है, बल्कि अपराध को बढ़ावा देने का कारण भी बनती है।

एल. मुरुगन ने कहा, “यह कार्रवाई इसलिए की गई है ताकि अश्लील और पोर्नोग्राफिक कंटेंट पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।” उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को भारतीय कानूनों और नैतिकता का पालन करना अनिवार्य है।

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आईटी नियम, 2021: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त दिशानिर्देश

डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने के लिए केंद्र सरकार ने फरवरी 2021 में आईटी नियम लागू किए। इसके तहत:

  • कंटेंट मॉडरेशन: ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अपनी सामग्री पर नजर रखनी होती है।
  • गवर्नेंस फ्रेमवर्क: प्लेटफॉर्म्स को शिकायतों के समाधान के लिए एक ग्रेवांस अधिकारी नियुक्त करना अनिवार्य है।
  • रेस्पॉन्सिबल पब्लिशिंग: कोई भी सामग्री जो समाज में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, उसे तुरंत हटाने का प्रावधान है।
  • नैतिक जिम्मेदारी: प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनका कंटेंट भारतीय कानूनों और नैतिकता के अनुरूप हो।

नेटवर्क विनियमन अधिनियम, 1995 का पालन जरूरी

डिजिटल मीडिया को केबल टेलीविजन (नेटवर्क विनियमन अधिनियम, 1995) के तहत बनाए गए कार्यक्रम संहिता का पालन करना अनिवार्य है। एल. मुरुगन ने बताया कि इस कानून के तहत कोई भी सामग्री जो अश्लील, भ्रामक या समाज को नुकसान पहुंचाने वाली हो, उस पर कार्रवाई की जा सकती है।

ब्लॉक किए गए प्लेटफॉर्म्स की सूची

हालांकि, सरकार ने इन 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की पूरी सूची जारी नहीं की है। लेकिन, यह साफ है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता और भद्दे कंटेंट का प्रसार हो रहा था।

यूट्यूब चैनलों पर भी सख्ती

एल. मुरुगन ने यह भी स्पष्ट किया कि डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म्स जैसे बोलता हिंदुस्तान और नेशनल दस्तक को भी आईटी नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इन चैनलों पर भी सरकार की कड़ी नजर है।

उन्होंने कहा, “डिजिटल मीडिया को आईटी नियम, 2021 के भाग-III के तहत सामग्री प्रकाशित करनी चाहिए। यदि कोई सामग्री देश की संप्रभुता, अखंडता या सुरक्षा को प्रभावित करती है, तो इसे ब्लॉक करने का अधिकार सरकार के पास है।”

अश्लीलता और सामाजिक प्रभाव

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता ने समाज में गंभीर चिंताएं पैदा की हैं। मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता और हिंसा को बढ़ावा देने से पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों को नुकसान पहुंचा है।

एक समाजशास्त्री ने कहा, “युवाओं पर इस तरह के कंटेंट का गहरा प्रभाव पड़ता है। यह न केवल उनकी मानसिकता को प्रभावित करता है, बल्कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध को भी बढ़ावा देता है।” Ban on OTT Platforms |

आलोचना और समर्थन: जनता की राय

सरकार के इस कदम को समाज के एक बड़े वर्ग से समर्थन मिला है। कई लोग इसे सही दिशा में उठाया गया कदम मानते हैं। उनका कहना है कि अश्लीलता पर रोक लगाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।

वहीं, कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं। उनका तर्क है कि इससे क्रिएटिव फ्रीडम और रचनात्मकता को नुकसान पहुंच सकता है। Ban on OTT Platforms |

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी

इस कार्रवाई ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को एक स्पष्ट संदेश दिया है। उन्हें अपनी सामग्री को लेकर अधिक जिम्मेदार होना होगा। साथ ही, यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी सामग्री भारतीय कानूनों और सामाजिक मूल्यों के अनुरूप हो। Ban on OTT Platforms |

आगे की राह: क्या बदलना होगा?

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को:

  • अपने कंटेंट की सख्त मॉडरेशन करनी होगी।
  • ग्रेवांस रिड्रेसल सिस्टम को मजबूत बनाना होगा।
  • सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
  • अपनी नीति में पारदर्शिता लानी होगी।

डिजिटल युग में नैतिकता की जरूरत

डिजिटल मीडिया ने मनोरंजन की दुनिया को नई ऊंचाईयां दी हैं, लेकिन इसके साथ ही नैतिकता और जिम्मेदारी का पालन करना भी जरूरी है। केंद्र सरकार का यह कदम समाज को अश्लीलता और भद्दे कंटेंट से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं और भारतीय समाज को स्वस्थ और नैतिक मनोरंजन प्रदान करने की दिशा में क्या कदम उठाते हैं। Ban on OTT Platforms |


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