देश की एकता से परेशान हैं कुछ लोग, ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का विपक्षी कर रहे विरोध- PM मोदी

देश की एकता से परेशान हैं कुछ लोग, ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का विपक्षी कर रहे विरोध- PM मोदी

batenge to katenge | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती और राष्ट्रीय एकता दिवस पर गुजरात के केवड़िया में एकता और अखंडता का संदेश दिया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता की जरूरत को समझाया और कुछ विभाजनकारी ताकतों द्वारा ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे को निशाना बनाए जाने पर चिंता जताई। उन्होंने अपने संबोधन में देश को एकजुट रखने के लिए आठ अहम मुद्दों को उठाया और आह्वान किया कि हर नागरिक इस दिशा में अपना योगदान दें।

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‘एक हैं तो सेफ हैं’ का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में उन ताकतों की आलोचना की जो भारत की एकता को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब स्कूलों में ‘हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं’ जैसे एकता के गीत गाए जाते थे। आज, अगर कोई यह कहे कि ‘एक हैं तो सेफ हैं’, तो कुछ लोग इसे गलत ठहराने में लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति समाज को बांटने और देश की एकता को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में हर भारतीय को एकजुट होकर इस प्रकार की प्रवृत्तियों से सतर्क रहना चाहिए। batenge to katenge

मोदी ने स्पष्ट किया कि कुछ समूह और विदेशी ताकतें देश में विभाजन फैलाना चाहती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत जानकारी और सेना के खिलाफ चलाए जा रहे भ्रामक अभियानों पर भी कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग जाति-धर्म के नाम पर समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में, देशवासियों को ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के मूल संदेश को समझते हुए सावधान रहना होगा। batenge to katenge

वन नेशन, वन इलेक्शन: लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में

प्रधानमंत्री मोदी ने वन नेशन, वन इलेक्शन की संकल्पना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस विचार पर काम जारी है, जो भारत के लोकतंत्र को और मजबूत करेगा। मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने पहले ही वन नेशन, वन आइडेंटिटी के तहत आधार कार्ड की व्यवस्था लागू की है। इसके अलावा वन नेशन, वन टैक्स सिस्टम के तहत GST लागू कर व्यापारियों के लिए एक समान कर प्रणाली बनाई गई है। आयुष्मान भारत के रूप में वन नेशन, वन इंश्योरेंस की सुविधा दी गई है।

उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन से न सिर्फ चुनाव खर्च में कमी आएगी, बल्कि लोकतंत्र को भी मजबूती मिलेगी। इस एकीकृत चुनाव प्रणाली से देश में विकास की गति तेज होगी, जो ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को आगे बढ़ाएगा।

समान नागरिक संहिता की ओर बढ़ता भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने इसे सरदार पटेल के विचारों से प्रेरित बताया और कहा कि यूसीसी से देश के विभिन्न समुदायों के बीच एकता और समानता की भावना मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि यूसीसी के क्रियान्वयन से अलग-अलग वर्गों में शिकायत का भाव कम होगा और समाज में एकता का वातावरण बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भारत में एक देश, एक संविधान का सपना पूरा हुआ है। यह सरदार पटेल की दूरदर्शिता का ही परिणाम है। batenge to katenge

प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे को भी एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह धारा वहां के विकास में बाधक बनी हुई थी। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार भारत के संविधान के तहत मुख्यमंत्री ने शपथ ली है। इससे संविधान का सम्मान हुआ है और वहां की जनता में एकता का भाव बढ़ा है।

जम्मू-कश्मीर में स्थिरता और नॉर्थ-ईस्ट में शांति

प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर की जनता की सराहना की जो अलगाववाद के एजेंडे को खारिज कर मुख्यधारा में शामिल हो रही है। उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर के लोगों ने आतंकवाद और अलगाववाद का विरोध किया है। नॉर्थ-ईस्ट में शांति स्थापित करने के लिए भारत सरकार ने समझौते किए और पुराने विवादों को सुलझाया। batenge to katenge

उन्होंने बताया कि त्रिपुरा में नेशनल लिबरेशन फ्रंट के साथ हुए समझौतों के चलते शांति बहाल हो सकी है। इन क्षेत्रों में विकास की नई परियोजनाएं लागू हो रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को विकास का लाभ मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समाज ने भी लंबे समय से नक्सलवाद से जूझते हुए अंततः इसे समाप्त करने में सहयोग किया है।

नक्सलवाद पर काबू पाना: विकास की राह पर

प्रधानमंत्री ने नक्सलवाद को भारत की एकता के लिए चुनौती बताया और कहा कि पिछले 10 वर्षों में नक्सलवाद का प्रभाव तेजी से कम हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले नेपाल के पशुपति से लेकर तिरुपति तक एक रेड कॉरिडोर का निर्माण हो गया था, जिसमें नक्सलवादी गतिविधियाँ चल रही थीं। आदिवासी समाज को लंबे समय से विकास से वंचित रखा गया था, लेकिन आज सरकार उनकी उन्नति के लिए प्रतिबद्ध है। batenge to katenge

उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की रफ्तार तेज हुई है। अब वहाँ के लोग अपने क्षेत्र में सड़क, बिजली और पानी की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार हो रहा है।

बिना भेदभाव के सुशासन: सबका साथ, सबका विकास

प्रधानमंत्री मोदी ने भेदभावमुक्त सुशासन की दिशा में उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में नीति और नीयत में भेदभाव था, जिससे देश की एकता कमजोर होती थी। परंतु पिछले 10 वर्षों में सबका साथ, सबका विकास की नीति अपनाते हुए सरकार ने देश में सुशासन का एक नया मॉडल स्थापित किया है। batenge to katenge

उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में जल पहुँचाया जा रहा है और पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को आर्थिक मदद दी जा रही है। आयुष्मान भारत योजना का लाभ बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को मिल रहा है, जिससे उनका सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जो सरदार पटेल की प्रतिमा है, भारत की अखंडता और एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण में किसानों के खेतों से लोहा इकट्ठा किया गया था, क्योंकि सरदार पटेल स्वयं एक किसान के पुत्र थे। batenge to katenge

उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत को आजादी मिली थी, तो दुनिया के कुछ लोगों को यकीन नहीं था कि यह देश एकजुट रह सकेगा। सरदार पटेल ने अलग-अलग रियासतों को एक साथ जोड़कर एक भारत का निर्माण किया। यह उनकी संकल्प शक्ति और दूरदर्शिता का परिणाम था। batenge to katenge

वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत का विकास

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक उथल-पुथल के बीच भी स्थायित्व और विकास की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व के कई हिस्सों में संकट चल रहे हैं, परंतु भारत इन चुनौतियों का सामना कर विकास की ओर अग्रसर है।

उन्होंने बताया कि दुनिया के कई देशों में भारत की छवि एक शांति और शक्ति संपन्न देश के रूप में उभर रही है। यह दर्शाता है कि भारत अपने अंतर्निहित मूल्यों के प्रति सजग और सतर्क है। batenge to katenge

एकजुट रहना है महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के अंत में नागरिकों से आह्वान किया कि वे देश की एकता को बनाए रखें और देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण समय है जब हमें देश की एकता का साथ देना होगा और समाज में भाईचारे का माहौल बनाए रखना होगा।

प्रधानमंत्री का यह संबोधन उन तत्वों को कड़ा संदेश था जो भारत की एकता को कमजोर करना चाहते हैं। उन्होंने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के संदेश को आगे बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे कि देश एकजुट रह सके और आगे बढ़ सके। batenge to katenge

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