च्यवनप्राश: आयुर्वेदिक अमृत जो बूढ़े को जवान बनाने की ताकत रखता हैं… जानें क्यों कहते हैं इसे सुपरफूड
Benefits of Chyawanprash | च्यवनप्राश, आयुर्वेदिक चिकित्सा की एक अद्भुत देन है, जो सदियों से स्वास्थ्य और शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग की जाती रही है। इसे “आयुर्वेदिक सुपरफूड” भी कहा जा सकता है। च्यवनप्राश का नाम महर्षि च्यवन के नाम पर रखा गया है, जिन्हें इस औषधीय टॉनिक के उपयोग से उनकी खोई हुई युवा शक्ति वापस मिली थी। यह न केवल शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाला बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करने वाला एक प्रभावी उत्पाद है।
च्यवनप्राश की उत्पत्ति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
च्यवनप्राश का उल्लेख चरक संहिता जैसे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में मिलता है। माना जाता है कि यह पहली बार महर्षि च्यवन के लिए तैयार किया गया था। जब उनकी उम्र अधिक हो गई और वे कमजोर हो गए, तो आयुर्वेद के विशेषज्ञों ने उनके लिए एक खास मिश्रण तैयार किया, जिससे उनकी ऊर्जा और स्वास्थ्य में सुधार हुआ। Benefits of Chyawanprash
आज, यह औषधीय टॉनिक न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में लोकप्रिय है। इसका उपयोग हर उम्र के लोग कर सकते हैं, और यह सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है।
च्यवनप्राश के प्रमुख घटक
च्यवनप्राश बनाने में लगभग 50 से अधिक जड़ी-बूटियों और औषधीय घटकों का उपयोग किया जाता है। इनमें से कुछ मुख्य घटक हैं:
- आंवला: यह च्यवनप्राश का मुख्य घटक है, जो विटामिन C से भरपूर है। यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और त्वचा को चमकदार बनाता है।
- अश्वगंधा: यह शरीर की ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
- गुडुची (गिलोय): रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए प्रसिद्ध है।
- दालचीनी: पाचन सुधारने और सर्दी-खांसी से बचाने में मदद करती है।
- शहद: च्यवनप्राश को मीठा और स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- सफेद चंदन: यह त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
इनके अलावा, शतावरी, मुलेठी, घृत, और भृंगराज जैसे औषधीय तत्व भी इसमें डाले जाते हैं, जो इसे संपूर्ण स्वास्थ्य टॉनिक बनाते हैं। Benefits of Chyawanprash
च्यवनप्राश के स्वास्थ्य लाभ
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
च्यवनप्राश नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से बचाव करता है, खासकर सर्दियों में। - श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ावा
यह फेफड़ों को मजबूत करता है और खांसी, अस्थमा, व श्वसन संबंधी अन्य समस्याओं को कम करता है। - पाचन तंत्र का सुधार
च्यवनप्राश का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद जड़ी-बूटियां कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाती हैं। - युवावस्था बनाए रखना
आंवले और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण, यह उम्र बढ़ने के लक्षणों को धीमा करने में मदद करता है। त्वचा को जवां और बालों को स्वस्थ बनाए रखने में यह बेहद लाभकारी है। - मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करना
च्यवनप्राश मानसिक थकावट को दूर करता है और एकाग्रता व स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक है। - ऊर्जा और शक्ति का स्रोत
इसमें मौजूद अश्वगंधा और अन्य टॉनिक जड़ी-बूटियां शरीर को ऊर्जावान बनाए रखती हैं और थकावट को कम करती हैं।
च्यवनप्राश का सही सेवन कैसे करें?
- उम्र के अनुसार सेवन:
- बच्चों के लिए: आधा चम्मच
- वयस्कों के लिए: 1 से 2 चम्मच
- समय: इसे सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले दूध के साथ लेना सबसे अच्छा होता है।
- मात्रा का ध्यान रखें: जरूरत से ज्यादा सेवन करने से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
च्यवनप्राश के उपयोग में सावधानियां
- मधुमेह के रोगी: इसमें शहद और गुड़ की मात्रा अधिक होती है, इसलिए मधुमेह से ग्रसित लोग डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।
- गर्मियों में सेवन: च्यवनप्राश का सेवन गर्मियों में कम मात्रा में करें, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।
- अत्यधिक सेवन से बचें: इसकी अधिक मात्रा लेने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है।
ब्रांड और च्यवनप्राश का चयन
बाजार में कई ब्रांड च्यवनप्राश बेचते हैं, लेकिन आपको हमेशा गुणवत्ता और विश्वसनीयता की जांच करनी चाहिए।
प्रमुख ब्रांड्स:
- डाबर च्यवनप्राश
- पतंजलि च्यवनप्राश
- वैद्यनाथ च्यवनप्राश
- झंडू च्यवनप्राश
घर पर च्यवनप्राश कैसे बनाएं?
यदि आप बाजार के उत्पादों से बचना चाहते हैं, तो इसे घर पर भी बनाया जा सकता है।
आवश्यक सामग्री:
- 1 किलो आंवले
- 500 ग्राम शहद
- 100 ग्राम गाय का घी
- 50 ग्राम पिसी हुई जड़ी-बूटियां (दालचीनी, इलायची, अश्वगंधा आदि)
विधि:
- आंवले को उबालकर उसका पेस्ट बना लें।
- इसे घी में भूनें और जड़ी-बूटियां मिलाएं।
- ठंडा होने पर शहद मिलाएं और एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें।
च्यवनप्राश सिर्फ एक आयुर्वेदिक उत्पाद नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रतीक है। यह आपकी जीवनशैली को सुधार सकता है और रोगों से बचाव में सहायक हो सकता है। अगर इसे सही मात्रा और विधि से उपयोग किया जाए, तो यह एक अमृत के समान है। इसलिए, इस आयुर्वेदिक खजाने को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जिएं। Benefits of Chyawanprash
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