सूर्य का चमत्कारी रत्न से चमकेगा भाग्य, जानें धारण करने का सही तरीका और फायदे
Benefits of wearing Sun gemstone | ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव माना जाता है। जिस तरह ग्रहों की चाल और दशा हमारे जीवन को संचालित करती है, उसी तरह रत्न शास्त्र में कुछ विशेष रत्नों का उल्लेख है जो जीवन को सकारात्मक दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें से एक है सूर्य का रत्न माणिक्य (Ruby), जो न केवल भाग्य को चमकाता है, बल्कि जीवन में चमत्कारी बदलाव भी ला सकता है। आइए जानते हैं इस रत्न के बारे में विस्तार से। Benefits of wearing Sun gemstone
सूर्य का रत्न: माणिक्य (Ruby)
माणिक्य सूर्य का शक्तिशाली रत्न है, जो किसी भी व्यक्ति के भाग्य को सूर्य की तरह तेजस्वी और चमकदार बना सकता है। यह लाल रंग का चमकीला रत्न है, जिसमें हल्का पीलापन भी दिखाई देता है। जब इसे सूर्य की रोशनी में रखा जाता है, तो यह चारों ओर लाल किरणें बिखेरता है, जो इसकी दिव्य शक्ति को दर्शाता है। यह रत्न सूर्य की ऊर्जा को संतुलित करता है और कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत करने में मदद करता है।
माणिक्य के चमत्कारी फायदे
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भाग्य में वृद्धि: माणिक्य धारण करने से भाग्य में सकारात्मक बदलाव आता है और सफलता के नए द्वार खुलते हैं।
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आत्मविश्वास में बढ़ोतरी: यह रत्न आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है, जो करियर और व्यक्तिगत जीवन में लाभकारी है।
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स्वास्थ्य लाभ: माणिक्य हृदय, रक्त संचार और नेत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक माना जाता है।
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मानसिक शांति: यह तनाव और चिंता को कम कर मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।
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सामाजिक प्रतिष्ठा: माणिक्य धारण करने से सामाजिक सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
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नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: यह रत्न नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव करता है।
कब करें माणिक्य धारण
माणिक्य धारण करने से पहले कुंडली का विश्लेषण अत्यंत आवश्यक है। निम्नलिखित परिस्थितियों में इसे धारण करना शुभ माना जाता है:
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लग्नेश सूर्य: जब कुंडली में सूर्य लग्नेश (प्रथम भाव का स्वामी) हो, तब माणिक्य धारण करना अत्यंत लाभकारी होता है।
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तृतीय भाव में सूर्य: यदि सूर्य तीसरे भाव में विराजमान है, तो यह रत्न साहस और पराक्रम को बढ़ाने में मदद करता है।
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सप्तम भाव में सूर्य: सूर्य के सप्तम भाव में होने पर ज्योतिषी की सलाह से माणिक्य धारण करें, यह स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करता है।
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चतुर्थ भाव में सूर्य: जब सूर्य चौथे भाव में हो और आय में रुकावट आ रही हो, तब माणिक्य धारण करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।
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राशि अनुसार: वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले ज्योतिषी की सलाह से माणिक्य पहन सकते हैं।
कब न करें धारण
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अष्टम भाव में सूर्य: यदि सूर्य कुंडली के आठवें भाव में हो, तो माणिक्य धारण करने से बचें, क्योंकि इससे कष्ट बढ़ सकता है।
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तृतीय भाव में सूर्य (विशिष्ट मामलों में): कुछ ज्योतिषियों के अनुसार, तृतीय भाव में सूर्य होने पर भी इसे धारण न करें, खासकर यदि अन्य ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल हो।
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बिना सलाह के: बिना किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह के माणिक्य धारण न करें, क्योंकि गलत स्थिति में यह नुकसानदायक हो सकता है।
कैसे करें माणिक्य धारण
माणिक्य को सही तरीके से धारण करने से ही इसके पूरे लाभ प्राप्त होते हैं। नीचे इसका सही तरीका बताया गया है:
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शुभ दिन: माणिक्य धारण करने के लिए रविवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है।
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शुभ नक्षत्र: कृतिका, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा या उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में इसे धारण करें।
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वजन: 5 से 7 कैरेट का माणिक्य आदर्श माना जाता है। गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए, रत्न में दरार या धब्बे नहीं होने चाहिए।
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धातु और अंगूठी: माणिक्य को सोने या तांबे की अंगूठी में बनवाएं और इसे कनिष्ठिका (छोटी उंगली) या अनामिका (रिंग फिंगर) में पहनें।
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समय: सूर्योदय से सुबह 9 बजे तक का समय धारण करने के लिए शुभ है।
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मंत्र जाप: धारण करने से पहले सूर्य मंत्र “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ ह्रीं सूर्याय नमः” का 108 बार जाप करें।
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शुद्धिकरण: माणिक्य को धारण करने से पहले गंगाजल, कच्चे दूध और शहद के मिश्रण में 10-15 मिनट तक डुबोकर शुद्ध करें। फिर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें और रत्न को धारण करें।
सावधानियां
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गुणवत्ता: हमेशा प्रमाणित और उच्च गुणवत्ता वाला माणिक्य ही खरीदें।
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ज्योतिष सलाह: कुंडली के आधार पर ज्योतिषी से सलाह लें, क्योंकि हर व्यक्ति की कुंडली अलग होती है।
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रखरखाव: माणिक्य को समय-समय पर गंगाजल से साफ करें ताकि इसकी शक्ति बनी रहे।
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अन्य रत्नों के साथ सावधानी: माणिक्य को नीले नीलम, गोमेद या हीरे के साथ धारण न करें, क्योंकि ये ग्रहों के बीच विरोधाभास पैदा कर सकते हैं।
माणिक्य एक चमत्कारी रत्न है जो सूर्य की शक्ति को जागृत कर जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है। यह न केवल भाग्य को चमकाता है, बल्कि स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और समृद्धि में भी वृद्धि करता है। हालांकि, इसे धारण करने से पहले कुंडली का विश्लेषण और ज्योतिषी की सलाह अनिवार्य है। सही तरीके से धारण करने पर यह रत्न आपके जीवन को सूर्य की तरह तेजस्वी बना सकता है।
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य ज्योतिषीय मान्यताओं और रत्न शास्त्र के आधार पर दी गई है। इसके सत्यापन और सटीकता की गारंटी नहीं है। किसी भी रत्न को धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें। Benefits of wearing Sun gemstone
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।