भौम प्रदोष व्रत के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, कर्ज से मिल सकता है छुटकारा

भौम प्रदोष व्रत के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, कर्ज से मिल सकता है छुटकारा

Bhaum Pradosh Vrat 2025 | हिंदू धर्म में भौम प्रदोष व्रत को विशेष महत्व दिया जाता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, और जब यह तिथि मंगलवार को पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। यह व्रत विशेष रूप से कर्ज से मुक्ति और आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए लाभकारी माना जाता है।

भौम प्रदोष व्रत का महत्व:

भौम प्रदोष व्रत का आयोजन करने से व्यक्ति को न केवल कर्ज से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह व्रत स्वास्थ्य, वैवाहिक जीवन में सुख, और समृद्धि का भी कारक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ:

भौम प्रदोष व्रत के दिन ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को कर्ज से छुटकारा मिल सकता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।

स्तोत्र का पाठ:

मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः।।

लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः।।

अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः।।

एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्।।

स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्।।

अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय।।

ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा।।

अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्।।

विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः।।

पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः।।

एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा।।

।। इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम्।।

स्तोत्र का महत्व:

  1. कर्ज से मुक्ति: यह स्तोत्र ऋण के बोझ को कम करने में सहायक होता है। इसके नियमित पाठ से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से राहत मिलती है।
  2. वित्तीय समृद्धि: ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से वित्तीय समृद्धि और आर्थिक स्थिरता में वृद्धि होती है।
  3. मानसिक शांति: इस स्तोत्र का पाठ मानसिक और शारीरिक पीड़ा से राहत प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति का मन शांत रहता है।
  4. सभी परेशानियों का समाधान: यह स्तोत्र व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करने में सहायक होता है।

पाठ विधि:

  • भौम प्रदोष व्रत के दिन, प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • एक स्थान पर भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करें।
  • दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
  • श्रद्धा पूर्वक ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें।
  • अंत में भगवान से प्रार्थना करें कि वे आपके सभी कर्ज और आर्थिक समस्याओं को दूर करें।

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