कैसे-कैसे लोग रहते हैं यार यहां…..लोन पर 90 हजार में बाइक खरीदी और जश्न पर कर दिए 60 हजार खर्च
Bike Celebration | शिवपुरी, मध्य प्रदेश – जिंदगी में खुशियां मनाना सबको पसंद है, लेकिन कभी-कभी कुछ लोग अपनी खुशी को अनोखे तरीके से जाहिर करते हैं। ऐसी ही एक कहानी है मुरारीलाल कुशवाह की, जो शिवपुरी में चाय बेचने का काम करते हैं। मुरारीलाल ने हाल ही में नई बाइक खरीदी, लेकिन यह कोई साधारण बाइक खरीदने का मामला नहीं था। उनकी इस खरीदारी की खुशी ने शिवपुरी की सड़कों पर धूम मचा दी। उन्होंने न केवल बाइक खरीदी, बल्कि अपनी खुशी को जश्न में बदल दिया – डीजे, ढोल-नगाड़े, बग्गी, और दोस्तों के साथ पूरे शहर में जुलूस निकाला। इस भव्य आयोजन पर उन्होंने 60 हजार रुपये खर्च कर दिए, जबकि बाइक की डाउन पेमेंट सिर्फ 20 हजार रुपये थी। इस बाइक की पूरी कीमत 90 हजार जिसे उन्होंने लोन पर खरीदा था।
बाइक खरीदने का अनोखा जश्न
मुरारीलाल की यह नई बाइक 90 हजार रुपये की थी, जिसे उन्होंने फाइनेंस कराया। लेकिन यह खरीदारी उनके लिए एक साधारण सौदा नहीं थी। अपनी नई बाइक की डिलीवरी लेने के लिए उन्होंने एक खास योजना बनाई थी – ढोल-नगाड़ों और डीजे के साथ बाइक को शोरूम से घर तक लाने का। मुरारीलाल न केवल बाइक खरीदने शोरूम पहुंचे, बल्कि इसके लिए उन्होंने 60 हजार रुपये का जुलूस निकाला।
शोरूम से बाइक की डिलीवरी लेने से पहले, मुरारीलाल ने उसकी पूजा की, बाइक को माला पहनाई और उसे एक क्रेन पर लटका दिया। यह दृश्य देखकर लोगों का ध्यान उनकी ओर खिंच गया। मुरारीलाल की खुशी उनके दोस्तों और साथियों के साथ मिलकर और बढ़ गई। साथियों ने डीजे की तेज धुन पर नाचते हुए पूरे शहर में धूम मचाई। इस भव्य जश्न को देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
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पुलिस की कार्रवाई
मुरारीलाल की खुशी का यह उत्सव ज्यादा देर तक नहीं चल पाया, क्योंकि बीच रास्ते में पुलिस ने दखल दे दिया। मुरारीलाल का जुलूस एसपी कोठी के पास से गुजर रहा था, जब पुलिस ने डीजे की तेज आवाज की शिकायत पर कार्रवाई की। कोतवाली पुलिस ने तुरंत डीजे को बंद कराकर जब्त कर लिया। कोतवाली प्रभारी रोहित दुबे ने बताया कि मुरारीलाल और डीजे संचालक के खिलाफ बिना अनुमति के तेज आवाज में डीजे बजाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। ध्वनि प्रदूषण के इस मामले में पुलिस ने सख्त कदम उठाया और मुरारीलाल की खुशी कुछ ही देर में कानून की पेचीदगियों में बदल गई।
मुरारीलाल: बच्चों की खुशी के लिए करता हूं सब कुछ
मुरारीलाल कुशवाह, जो पेशे से चायवाले हैं, का कहना है कि उन्होंने यह सब अपने बच्चों की खुशी के लिए किया। मुरारीलाल के तीन बच्चे हैं – एक बेटी प्रियंका और दो बेटे राम और श्याम। उनका कहना है कि जब भी वह कुछ बड़ा या नया खरीदते हैं, तो वह इसे खास तरीके से मनाने की कोशिश करते हैं। उनके अनुसार, यह सब उनके बच्चों के लिए है। उनका कहना है कि वह चाहते हैं कि उनके बच्चे खुश रहें और इसीलिए वह अपनी हर खुशी को इस तरह से जश्न के रूप में मनाते हैं।
पहले भी कर चुके हैं ऐसा जुलूस
मुरारीलाल की यह पहली घटना नहीं है जब उन्होंने इस तरह का जश्न मनाया हो। तीन साल पहले भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया था। तब उन्होंने अपनी बेटी के लिए 12,500 रुपये का मोबाइल खरीदा था। उस समय उन्होंने मोबाइल की कीमत से ज्यादा 25,000 रुपये केवल जुलूस और डीजे पर खर्च कर दिए थे। वह मोबाइल खरीदने के बाद भी डीजे और बग्गी के साथ जुलूस निकालते हुए घर पहुंचे थे। उस समय भी उन्होंने अपनी बेटी की खुशी के लिए यह सब किया था।
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गाड़ी की खरीद: लोन और डाउन पेमेंट
मुरारीलाल की नई बाइक खरीदने की कहानी भी दिलचस्प है। चाय की दुकान से उन्होंने पैसे बचाए, लेकिन बाइक की पूरी कीमत चुकाना उनके लिए संभव नहीं था। इसलिए, उन्होंने बाइक को फाइनेंस कराया। 90 हजार रुपये की इस बाइक के लिए उन्होंने 20 हजार रुपये की डाउन पेमेंट की और बाकी रकम लोन के जरिए चुकाई। हालांकि, मुरारीलाल ने बाइक की खरीदारी से ज्यादा पैसा उसके जश्न पर खर्च कर दिया।
शिवपुरी की सड़कों पर जुलूस
मुरारीलाल की इस अनोखी खुशी ने शिवपुरी की सड़कों पर धूम मचा दी। डीजे की तेज आवाज, ढोल-नगाड़े और मुरारीलाल के साथियों के नाच-गाने ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। इस जुलूस को देखने के लिए लोग सड़क किनारे खड़े होकर आनंद ले रहे थे। मुरारीलाल की बाइक को क्रेन पर लटकाना इस जुलूस का सबसे अनोखा हिस्सा था, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा।
पुलिस की सख्ती और ध्वनि प्रदूषण
हालांकि, मुरारीलाल के जश्न में ध्वनि प्रदूषण के कारण कानूनी अड़चनें आ गईं। पुलिस ने बिना अनुमति के डीजे बजाने पर सख्त कार्रवाई की और डीजे को जब्त कर लिया। तेज आवाज के कारण कई लोगों ने शिकायत की थी, जिसके बाद पुलिस ने मुरारीलाल और डीजे संचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया। ध्वनि प्रदूषण के तहत दर्ज इस केस से मुरारीलाल की खुशी का उत्सव अचानक कानूनी प्रक्रिया में तब्दील हो गया।
खुशियां मनाने का अनोखा अंदाज
मुरारीलाल कुशवाह का यह अनोखा अंदाज लोगों को आकर्षित तो कर रहा है, लेकिन साथ ही यह भी दिखाता है कि खुशी मनाने के लिए नियमों का पालन करना कितना जरूरी है। मुरारीलाल की आदत है कि जब भी वह कुछ बड़ा खरीदते हैं, वह इसे साधारण तरीके से नहीं, बल्कि भव्य तरीके से मनाते हैं। चाहे वह तीन साल पहले का मोबाइल खरीदने का मामला हो या अब की बाइक खरीदारी – दोनों ही बार उन्होंने अपनी खुशी को जुलूस और ढोल-नगाड़ों के साथ शहर के सामने पेश किया।
सीखने की जरूरत
इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि खुशी मनाने का तरीका सही होना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर नियमों का पालन और दूसरों की शांति का ध्यान रखना जरूरी है। मुरारीलाल ने अपनी बाइक की खरीदारी को जश्न में बदलकर खुशी जरूर पाई, लेकिन उनके इस उत्सव ने उन्हें कानूनी मुश्किलों में डाल दिया।
यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि किसी भी खुशी को मनाने से पहले हमें सोचना चाहिए कि कहीं हमारा जश्न दूसरों के लिए परेशानी का कारण तो नहीं बन रहा। मुरारीलाल की कहानी जहां एक ओर उनके अनोखे अंदाज को दर्शाती है, वहीं यह भी बताती है कि नियमों का पालन न करने से कैसी मुश्किलें आ सकती हैं।
मुरारीलाल कुशवाह की यह कहानी उनकी जीवनशैली और खुशियां मनाने के अनोखे तरीके को दर्शाती है। चाय बेचने वाले इस युवक ने अपनी मेहनत और संघर्ष से एक नई बाइक खरीदी, लेकिन उसकी खुशी को कानून की पाबंदियों ने रोक दिया। यह घटना न केवल मुरारीलाल के लिए, बल्कि हर किसी के लिए एक सबक है कि खुशियां तभी पूरी होती हैं जब वह जिम्मेदारी और नियमों के दायरे में हो।
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