60 की उम्र से पहले स्ट्रोक का खतरा? A1 ब्लड ग्रुप वालों को 16% ज्यादा रिस्क, जानें पूरी स्टडी
Blood group and stroke risk | आपका ब्लड ग्रुप न सिर्फ रक्तदान में मदद करता है, बल्कि कई बीमारियों के खतरे का संकेत भी देता है। हाल की रिसर्च बताती है कि ब्लड ग्रुप A (खासकर A1 सबग्रुप) वाले लोगों को 60 साल से पहले स्ट्रोक का खतरा 16% ज्यादा होता है। न्यूरोलॉजी जर्नल में पब्लिश इस स्टडी से पता चला है कि जेनेटिक्स और ब्लड टाइप के बीच गहरा कनेक्शन है। आइए जानते हैं, स्ट्रोक का खतरा ब्लड ग्रुप से कैसे जुड़ा है, कौन सबसे ज्यादा रिस्क में है और एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं। Blood group and stroke risk
रिसर्च में क्या निकला? मुख्य तथ्य
न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित इस बड़े अध्ययन में 48 जेनेटिक रिसर्च को शामिल किया गया। इसमें 17,000 स्ट्रोक पीड़ित और 6 लाख स्वस्थ लोग (उम्र 18-59 साल) थे। जीनोम-वाइड एसोसिएशन स्टडी (GWAS) से वैज्ञानिकों को ऐसे जेनेटिक लोकेशन मिले जो अर्ली-ओनसेट स्ट्रोक (EOS) से जुड़े हैं।
- A1 ब्लड सबग्रुप का खतरा: A1 वाले लोगों को अन्य ब्लड ग्रुप्स की तुलना में 16% ज्यादा रिस्क। यह आइसकेमिक स्ट्रोक (रक्त के थक्के से होने वाला) से जुड़ा है।
- O1 सबग्रुप का प्रोटेक्शन: O1 ब्लड टाइप वाले लोगों को स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
- कारण: अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं, लेकिन संभवतः क्लॉटिंग फैक्टर्स (रक्त के थक्के बनाने वाले तत्व) या अन्य मैकेनिज्म प्रभावित होते हैं।
यह स्टडी 2022 में पब्लिश हुई, लेकिन इसके नतीजे आज भी युवाओं के लिए चेतावनी हैं। युवाओं में स्ट्रोक के केस बढ़ रहे हैं, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं।
एक्सपर्ट की राय: जेनेटिक्स क्यों महत्वपूर्ण?
स्टडी के को-प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, डॉ. स्टीवन जे. किटनर (यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन, न्यूरोलॉजी प्रोफेसर) कहते हैं: “युवाओं में अर्ली स्ट्रोक के केस बढ़ रहे हैं। ऐसे मरीजों की मौत का खतरा ज्यादा होता है, और जो बच जाते हैं, उन्हें दशकों तक विकलांगता झेलनी पड़ सकती है। शुरुआती स्ट्रोक के कारणों पर रिसर्च कम हुई है।”
वे आगे जोड़ते हैं कि जेनेटिक्स, जिसमें ब्लड टाइप शामिल है, रिस्क को बढ़ा या घटा सकती है। इससे जोखिम वाले लोगों की जल्द पहचान हो सकेगी और टार्गेटेड प्रिवेंशन (जैसे दवाएं या लाइफस्टाइल चेंज) संभव होंगे।
किन ब्लड ग्रुप्स को सबसे ज्यादा खतरा?
- टाइप A (A1 सबग्रुप): सबसे ज्यादा रिस्क (16% बढ़ा हुआ)। युवा उम्र में थक्के बनने की संभावना ज्यादा।
- अन्य ग्रुप्स: O, B, AB में रिस्क सामान्य या कम, लेकिन O1 में प्रोटेक्टिव इफेक्ट।
- सामान्य सलाह: अगर आपका ब्लड ग्रुप A है, तो हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, धूम्रपान जैसी रिस्क फैक्टर्स पर नजर रखें।
स्ट्रोक से बचाव के टिप्स
- नियमित ब्लड प्रेशर चेकअप।
- स्वस्थ डाइट: फल, सब्जियां, कम नमक।
- व्यायाम: रोज 30 मिनट वॉक या योग।
- धूम्रपान/शराब छोड़ें।
- अगर फैमिली हिस्ट्री हो, तो डॉक्टर से जेनेटिक टेस्टिंग पर चर्चा करें।
Disclaimer: यह जानकारीन्यूरोलॉजी जर्नल की स्टडी और एक्सपर्टओपिनियन पर आधारित है। यह मेडिकल एडवाइस नहीं है। कोई नयाव्यायाम या बदलाव अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। स्ट्रोक के लक्षण (चेहरे का लकवा, बोलने में दिक्कत, कमजोरी) दिखें तोतुरंत मेडिकल हेल्प लें। Blood group and stroke risk
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।