महागठबंधन के नेताओं ने रेलवे और सड़क यातायात ठप किया
BPSC Protest : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (70th Prelims Exam) को रद्द करने की मांग को लेकर राज्य में माहौल गरम है। महागठबंधन के नेताओं ने सड़क और रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर यातायात व्यवस्था को पूरी तरह बाधित कर दिया। प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में उतरे वामपंथी दल और राजद कार्यकर्ताओं ने दरभंगा, आरा, समस्तीपुर और अन्य स्थानों पर ट्रेनों और गाड़ियों को रोक दिया। इस दौरान नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।
प्रदर्शन की प्रमुख घटनाएं (Key Incidents of Protest)
- समस्तीपुर में आइसा (AISA) और आरवाइए (RYA) के कार्यकर्ताओं ने समस्तीपुर-पटना मार्ग पर जाम लगा दिया। इस जाम के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
- दरभंगा में बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट ट्रेन (Bihar Sampark Kranti Superfast Train) को रोककर प्रदर्शन किया गया।
- आरा में बक्सर-पटना पैसेंजर ट्रेन को 10 मिनट तक रोका गया।
- गांधी मैदान में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने छात्रों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज किया।
पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर नाराजगी
प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा वाटर कैनन का उपयोग और लाठीचार्ज की घटना ने माहौल को और अधिक उग्र बना दिया। छात्रों ने आरोप लगाया कि ठंड के मौसम में पुलिस ने अत्यधिक बल प्रयोग किया, जिससे कई छात्र घायल हो गए। आइसा के जिला सचिव सुनील कुमार सिंह ने कहा, “सरकार छात्रों की मांगों को अनदेखा कर रही है। बीपीएससी परीक्षा में हुई धांधली (Irregularities in BPSC Exam) की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और परीक्षा रद्द कर फिर से आयोजित की जानी चाहिए।”
छात्रों ने किया प्रशांत किशोर का विरोध
रविवार को गांधी मैदान में प्रदर्शन के दौरान प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) भी छात्रों से मिलने पहुंचे। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि, छात्रों ने प्रशांत किशोर पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए “पीके गो बैक” (PK Go Back) के नारे लगाए। प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “पुलिस ने छात्रों पर अत्यधिक बल प्रयोग किया है। हम इस मामले को कोर्ट तक ले जाएंगे।”
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने दिया समर्थन
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव (Purnia MP Pappu Yadav) ने पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में घायल छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने छात्रों से संयम बनाए रखने की अपील की और लंबी लड़ाई लड़ने का सुझाव दिया। पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर पर कटाक्ष करते हुए कहा, “छात्रों को राजनीति में नहीं उलझना चाहिए।”
आंदोलन में महागठबंधन के नेता हुए सक्रिय
महागठबंधन के नेताओं ने छात्रों के समर्थन में राज्यव्यापी प्रदर्शन की योजना बनाई है। दरभंगा, आरा और समस्तीपुर में ट्रेनों को रोकने के बाद अब यह प्रदर्शन अन्य जिलों में फैल रहा है।
वे मुख्य मांगें (Key Demands) जिनके लिए छात्र कर रहे आंदोलन
- बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द (Cancellation of 70th BPSC Prelims Exam)
- धांधली की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई।
- प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई।
आंदोलन के चलते सड़कों पर यातायात ठप (Road Traffic Halted)
समस्तीपुर-पटना मार्ग (Samastipur-Patna Route) पर तीन घंटे तक जाम लगा रहा। बेतिया, आरा और अन्य स्थानों पर भी सड़क जाम से आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
आंदोलन को लेकर पुलिस ने कई छात्रों और लोगों पर प्रकरण दर्ज किया है
जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने लाठीचार्ज के दौरान कोचिंग संचालक रहमांशु मिश्रा (Coaching Director Rehmanshu Mishra) समेत 12 छात्रों को डिटेन किया। वहीं, एक छात्र की तबीयत बिगड़ने पर उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद प्रशांत किशोर, मनोज भारती और अन्य 21 नामजद नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
छात्रों का कहना है कि उनकी मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। घायल छात्रों ने स्पष्ट किया है कि अब कोई बातचीत नहीं होगी। वे केवल परीक्षा रद्द होने के बाद ही आंदोलन खत्म करेंगे।
सरकार पर बढ़ता दबाव (Growing Pressure on the Government)
नीतीश सरकार (Nitish Government) के लिए यह प्रदर्शन बड़ा राजनीतिक संकट बनता जा रहा है। विपक्षी दलों और छात्र संगठनों ने सरकार पर दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया है।
बीपीएससी परीक्षा से जुड़ा यह आंदोलन अब सिर्फ छात्रों की मांगों तक सीमित नहीं रहा। यह सरकार की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक जवाबदेही पर भी सवाल खड़े कर रहा है। आने वाले दिनों में इस आंदोलन का असर पूरे राज्य पर दिखाई देने की संभावना है।
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