11 मुस्लिमों के लिए 25 करोड़ का इस्लामिक सेंटर: विवाद और विरोध से मच गया बवाल
Britain Lake District Plan | ब्रिटेन के लेक डिस्ट्रिक्ट के डाल्टन-इन-फर्नेस कस्बे में, जहां केवल 11 मुस्लिम निवास करते हैं, 25 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य तीन मंजिला इस्लामिक सेंटर बनाने की योजना ने स्थानीय समुदाय में तीव्र विवाद पैदा कर दिया है। इस परियोजना, जिसे साउथ लेक्स इस्लामिक सेंटर (SLIC) के नाम से जाना जाता है, का विरोध विशेष रूप से हिंदू समुदाय और अन्य स्थानीय निवासियों द्वारा किया जा रहा है। उनका मानना है कि इतनी कम मुस्लिम आबादी के लिए इतना बड़ा सेंटर बनाना न केवल अनावश्यक है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान के लिए खतरा भी है। यह लेख हिंदू समुदाय की चिंताओं और सांस्कृतिक संरक्षण की मांग को केंद्र में रखकर इस विवाद की गहराई से पड़ताल करता है। Britain Lake District Plan
साउथ लेक्स इस्लामिक सेंटर: योजना का अवलोकन
साउथ लेक्स इस्लामिक सेंटर (SLIC) की योजना 2021 में बारो के फर्नेस जनरल अस्पताल में कार्यरत 11 मुस्लिम डॉक्टरों द्वारा प्रस्तावित की गई थी। उनका दावा था कि क्षेत्र में धार्मिक गतिविधियों के लिए कोई सुविधा नहीं है, और निकटतम मस्जिद 77 किलोमीटर दूर लैंकेस्टर में है। इस सेंटर को 1000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में तीन मंजिलों में बनाया जाना है, जिसमें शामिल हैं:
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ग्राउंड फ्लोर: सामुदायिक हॉल, जिसे सामाजिक और शैक्षिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाएगा।
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पहली मंजिल: प्रार्थना स्थल, मुख्य रूप से नमाज के लिए।
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दूसरी मंजिल: प्रशासनिक कार्यालय।
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छत: एक शांत गार्डन, जो विश्राम और सामुदायिक गतिविधियों के लिए होगा।
इस परियोजना की फंडिंग SLIC नामक चैरिटी द्वारा की जा रही है। दिसंबर 2021 में मंजूरी मिलने के बावजूद, स्थानीय विरोध के कारण निर्माण कार्य 2024 में शुरू हुआ। परियोजना को शुरू में अस्पताल के पास बनाने की योजना थी, लेकिन जमीन की अनुपलब्धता के कारण डाल्टन-इन-फर्नेस, जो अस्पताल से 7 किलोमीटर दूर है, को चुना गया।
चिंताएं
डाल्टन-इन-फर्नेस की 7500 की जनसंख्या में केवल 11 मुस्लिम निवास करते हैं, फिर भी इतने बड़े पैमाने पर इस्लामिक सेंटर बनाने की योजना ने स्थानीय हिंदू समुदाय और अन्य निवासियों में गहरी चिंता पैदा की है। हिंदू समुदाय की प्रमुख आपत्तियां निम्नलिखित हैं:
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सांस्कृतिक पहचान का संकट: लेक डिस्ट्रिक्ट अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। हिंदू समुदाय का मानना है कि यह सेंटर क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को कमजोर करेगा, जो मुख्य रूप से ईसाई और स्थानीय परंपराओं से जुड़ी है।
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अनावश्यक परियोजना: केवल 11 मुस्लिमों की मौजूदगी में इतने बड़े सेंटर का निर्माण हिंदू समुदाय को अतार्किक और जबरन थोपा हुआ प्रतीत होता है। उनका कहना है कि इतनी कम आबादी के लिए छोटी सुविधा पर्याप्त हो सकती थी।
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आप्रवास और अपराध का डर: हिंदू समुदाय सहित कई स्थानीय लोग चिंतित हैं कि यह सेंटर अवैध प्रवास को बढ़ावा दे सकता है, जिससे अपराध और सामाजिक अशांति में वृद्धि हो सकती है।
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पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: लेक डिस्ट्रिक्ट पर्यटन पर निर्भर है, और हिंदू समुदाय को डर है कि इस तरह की परियोजना से क्षेत्र की शांत और प्राकृतिक छवि को नुकसान पहुंचेगा, जिससे स्थानीय व्यापार प्रभावित होगा।
विरोध प्रदर्शन और सामुदायिक एकता
8 अगस्त 2025 को डाल्टन-इन-फर्नेस में इस्लामिक सेंटर के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन होने वाला है, जिसमें हिंदू समुदाय के साथ-साथ अन्य स्थानीय निवासी, विशेष रूप से महिलाएं और व्यापारी, शामिल होंगे। यह प्रदर्शन क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान और सामुदायिक एकता को बचाने की मांग को रेखांकित करता है। हिंदू समुदाय के नेताओं ने इस प्रदर्शन को शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ संदेश देने वाला बताया है, जिसमें वे स्थानीय प्रशासन से इस परियोजना पर पुनर्विचार करने की मांग करेंगे।
स्थानीय प्रशासन ने बढ़ते तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। हिंदू समुदाय ने स्पष्ट किया है कि उनका विरोध किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत की रक्षा के लिए है।
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समर्थकों का दृष्टिकोण और हिंदू समुदाय की प्रतिक्रिया
कुछ लोग इस सेंटर को धार्मिक स्वतंत्रता और समावेशिता का प्रतीक मानते हैं। SLIC का दावा है कि यह सेंटर सभी समुदायों के लिए खुला होगा और सामाजिक एकता को बढ़ावा देगा। हालांकि, हिंदू समुदाय इस तर्क को खारिज करता है, उनका कहना है कि इतनी कम मुस्लिम आबादी के लिए इतना बड़ा सेंटर बनाना क्षेत्र की जनसांख्यिकीय संरचना के साथ तालमेल नहीं रखता। वे इसे एक ऐसी परियोजना के रूप में देखते हैं, जो स्थानीय समुदाय की भावनाओं को नजरअंदाज करती है।
राष्ट्रीय और वैश्विक संदर्भ
यह विवाद ब्रिटेन में सांस्कृतिक संरक्षण और आप्रवास के मुद्दों पर एक बड़ी बहस का हिस्सा बन गया है। हिंदू समुदाय, जो ब्रिटेन में एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक समुदाय है, इस मुद्दे को अपनी सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण लड़ाई के रूप में देखता है। X पर इस मुद्दे को लेकर हिंदू समुदाय के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं, जहां कई लोग इस परियोजना को स्थानीय संस्कृति पर जबरन थोपा हुआ बदलाव मान रहे हैं।
SLIC की प्रतिक्रिया और हिंदू समुदाय की मांग
SLIC ने इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की इच्छा जताई है और स्थानीय समुदाय के साथ संवाद की बात कही है। हालांकि, हिंदू समुदाय का कहना है कि इस तरह की परियोजनाओं को लागू करने से पहले स्थानीय लोगों की राय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वे मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस परियोजना की आवश्यकता और प्रभाव का पुनर्मूल्यांकन करे और स्थानीय समुदाय की चिंताओं को गंभीरता से ले। रने से पहले स्थानीय लोगों की राय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वे मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस परियोजना की आवश्यकता और प्रभाव का पुनर्मूल्यांकन करे और स्थानीय समुदाय की चिंताओं को गंभीरता से ले।
डाल्टन-इन-फर्नेस में साउथ लेक्स इस्लामिक सेंटर का निर्माण एक जटिल और संवेदनशीलमुद्दा है, जो सांस्कृतिक संरक्षण और सामुदायिक एकता की रक्षा के लिए हिंदूसमुदाय की चिंताओं को उजागर करता है। यह विवाद न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक सामंजस्य के सवाल उठा रहा है। हिंदू समुदाय अपनी विरासत और मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट हो रहा है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मुद्दे का समाधान कैसे निकलता है। Britain Lake District Plan
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।