आज से शुरू हुआ पवित्र चातुर्मास, इन पांच देवताओं की उपासना से बदलें अपना भाग्य

आज से शुरू हुआ पवित्र चातुर्मास, इन पांच देवताओं की उपासना से बदलें अपना भाग्य

Chaturmas_2025_Shubh_Aradhana | सनातन धर्म में चातुर्मास एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक काल माना जाता है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी (देवशयनी एकादशी) से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवउठनी एकादशी) तक चलता है। यह चार महीनों का समय भगवान विष्णु के योगनिद्रा में चले जाने के कारण विशेष रूप से तप, साधना, संयम, और भक्ति के लिए समर्पित होता है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं, क्योंकि यह समय आत्मिक शुद्धि और ईश्वरीय भक्ति के लिए उपयुक्त माना गया है। Chaturmas_2025_Shubh_Aradhana

चातुर्मास 2025 की शुरुआत 6 जुलाई 2025 से हो रही है, जब सावन मास शुरू होगा। यह समय न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी विशेष है। वर्षा ऋतु में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और जल-वायु में बैक्टीरिया की वृद्धि होती है। इसलिए, इस दौरान संयमित आहार, ब्रह्मचर्य, और सत्संग का पालन करने की सलाह दी जाती है। इस लेख में हम चातुर्मास के प्रत्येक माह के महत्व, पूजा-अनुष्ठान, और पांच प्रमुख देवताओं की आराधना के बारे में विस्तार से जानेंगे। Chaturmas_2025_Shubh_Aradhana

चातुर्मास के चार महीने और उनकी विशेषताएं

चातुर्मास के चार महीने—श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, और कार्तिक—प्रत्येक अपने विशिष्ट पर्वों, पूजा-अनुष्ठानों, और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। इस दौरान भक्तगण भगवान शिव, विष्णु, श्रीकृष्ण, मां दुर्गा, और गणेश जी की उपासना में लीन रहते हैं। आइए, प्रत्येक माह के महत्व को समझें:

1. श्रावण मास: भगवान शिव की भक्ति का पवित्र समय

तारीख: 6 जुलाई 2025 से शुरू
श्रावण मास चातुर्मास का पहला और भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस माह में शिव भक्त रुद्राभिषेक, पार्थिव शिवलिंग पूजन, और शिव सहस्त्रनाम का पाठ करते हैं। शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा, और भांग चढ़ाकर भोलेनाथ की कृपा प्राप्त की जाती है।

  • महत्वपूर्ण पर्व: सावन सोमवार, नाग पंचमी, रक्षाबंधन

  • व्रत और अनुष्ठान: सोलह सोमवार व्रत की शुरुआत इस माह से होती है। भक्तगण उपवास रखकर शिव मंदिरों में विशेष पूजा करते हैं।

  • लाभ: श्रावण में भागवत कथा श्रवण, दान, और भक्ति से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यह समय मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए आदर्श है।

  • विशेष टिप: सावन में हर सोमवार को शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाएं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

2. भाद्रपद मास: श्रीकृष्ण और गणेश की उपासना

तारीख: अगस्त 2025
भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण और प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस माह में दो बड़े पर्व—श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी—मनाए जाते हैं।

  • श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर मथुरा-वृंदावन में भव्य पूजा और रासलीला का आयोजन होता है। भक्त रात भर जागरण और भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं।

  • poussi गणेश चतुर्थी: इस दिन गणपति बप्पा की स्थापना की जाती है, और दस दिवसीय गणेश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

  • व्रत और अनुष्ठान: भक्तगण उपवास, भजन, और गणेश अथर्वशीर्ष पाठ करते हैं।

  • लाभ: इस माह में श्रीकृष्ण और गणेश की पूजा से बुद्धि, समृद्धि, और विघ्न नाश होता है।

  • विशेष टिप: गणेश चतुर्थी पर मोदक और लड्डू का भोग लगाएं और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।

3. आश्विन मास: मां दुर्गा की शक्ति उपासना

तारीख: सितंबर-अक्टूबर 2025
आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जो मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का समय है। इस दौरान भक्त नौ दिन तक उपवास रखते हैं, कलश स्थापना करते हैं, और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं।

  • महत्वपूर्ण पर्व: नवरात्रि, दशहरा (विजयादशमी)

  • व्रत और अनुष्ठान: मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा, हवन, और कन्या पूजन इस माह की विशेषता है। दशहरे पर असत्य पर सत्य की विजय का उत्सव मनाया जाता है।

  • लाभ: मां दुर्गा की उपासना से शक्ति, साहस, और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

  • विशेष टिप: नवरात्रि में प्रतिदिन मां दुर्गा के मंत्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” का जाप करें और लाल फूल अर्पित करें।

4. कार्तिक मास: पुण्य और दीपोत्सव का महीना

तारीख: अक्टूबर-नवंबर 2025
कार्तिक मास चातुर्मास का अंतिम और सबसे पुण्यदायी महीना है। इस माह में भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं, और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।

  • महत्वपूर्ण पर्व: दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, देवउठनी एकादशी

  • व्रत और अनुष्ठान: कार्तिक स्नान, दीपदान, तुलसी पूजन, और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ इस माह की विशेषता है।

  • लाभ: इस माह में भक्ति और दान से मोक्ष की प्राप्ति और जीवन में समृद्धि आती है।

  • विशेष टिप: दीपावली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करें और घर में दीप प्रज्वलित करें।

पांच प्रमुख देवताओं की उपासना

चातुर्मास के दौरान निम्नलिखित पांच देवताओं की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है:

  1. भगवान शिव: श्रावण मास में शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, और धतूरा चढ़ाएं। रुद्राभिषेक और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

  2. भगवान विष्णु: कार्तिक मास में विष्णु सहस्त्रनाम और तुलसी पूजन करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप अत्यंत लाभकारी है।

  3. श्रीकृष्ण: भाद्रपद मास में जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा और रासलीला में भाग लें।

  4. मां दुर्गा: आश्विन मास में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करें।

  5. श्रीगणेश: गणेश चतुर्थी पर गणपति की स्थापना और मोदक भोग से विघ्न नाश होता है।

इसके अतिरिक्त, हनुमान जी, सूर्य देव, जल देव, और भगवानवामन की पूजा भी इस काल में विशेष फल देती है। हनुमान चालीसा का पाठ और सूर्य को अर्घ्य देना इस समय की शुभता को बढ़ाता है।

चातुर्मास में पालन करने योग्य नियम

  • संयमित आहार: सात्विक भोजन ग्रहण करें। लहसुन, प्याज, और मांसाहार से बचें।

  • ब्रह्मचर्य: मानसिक और शारीरिक संयम का पालन करें।

  • सत्संग और दान: भागवत कथा, रामचरितमानस पाठ, और दान-पुण्य करें।

  • ध्यान और योग: प्रतिदिन ध्यान, प्राणायाम, और योग करें।

  • यात्रा से परहेज: अनावश्यक यात्राओं से बचें, क्योंकि यह समय एक स्थान पर रहकर साधना के लिए उपयुक्त है।

चातुर्मास का वैज्ञानिक और स्वास्थ्य दृष्टिकोण

वर्षा ऋतु में चातुर्मास का पालनस्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इस दौरान पाचन शक्ति कमजोर होती है, और जल-वायु में बैक्टीरिया की वृद्धि होती है। इसलिए, सात्विक और हल्का भोजन, नियमित व्यायाम, और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, इस समय हल्दी, अदरक, और तुलसी जैसे प्राकृतिक तत्वों का उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। Chaturmas_2025_Shubh_Aradhana

डिस्क्लेमर
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, और धार्मिकग्रंथों पर आधारित है। इसकी सटीकता और पूर्णता के लिए हम उत्तरदायी नहीं हैं। चातुर्मास के दौरान पूजा और अनुष्ठान से पहले स्थानीयपंडित या ज्योतिषी से सलाहलेना उचित होगा। Chaturmas_2025_Shubh_Aradhana


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