मध्यप्रदेश सरकार शहीदों की मां को देगी प्रतिमाह 10 हजार रुपए : बहन-बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपए
Cm mohan yadav | भोपाल। मध्यप्रदेश के बैरागढ़ स्थित थ्री ईएमई सेंटर में रविवार को पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिजनों के सम्मान में भूतपूर्व सैनिकों की रैली का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिरकत की और शहीदों के परिवारों के लिए कई नई योजनाओं और वित्तीय सहायता की घोषणाएं कीं, जिनमें शहीदों की मां के लिए प्रतिमाह दी जाने वाली सहायता राशि को 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करना प्रमुख रहा।
शहीदों के परिवारों के लिए अहम घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि अब शहीदों की बहन-बेटियों की शादी में मिलने वाली सरकारी सहायता राशि को 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार रुपए कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, शहीदों की मां के लिए मिलने वाली प्रतिमाह की सहायता राशि को 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया गया है। इस घोषणा को सुनकर कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिजनों ने जोरदार तालियों से मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
शहीद की मां के लिए सम्मान का भाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद की मां उस वीर सपूत की जननी होती है, जिसने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इसलिए उनकी देखभाल और सम्मान के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। शहीद की पत्नी के साथ-साथ अब माता-पिता को भी सम्मान निधि का हिस्सा मिलेगा। उन्होंने बताया कि शहीद की पत्नी को मिलने वाली सम्मान राशि में संशोधन किया गया है। अब आधी राशि शहीद की पत्नी को और आधी राशि माता-पिता को दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “शहीद की मां का योगदान अतुलनीय है, और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।”
शहीदों की बहन-बेटियों के लिए विवाह अनुदान
शहीदों की बहन और बेटियों के विवाह के लिए सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। पहले शहीदों की बहन और बेटियों को विवाह अनुदान के रूप में 15 हजार रुपए दिए जाते थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 51 हजार रुपए कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के परिवारों का आर्थिक संबल बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है और इस प्रकार की वित्तीय सहायता उन्हें एक नई राह देने का काम करेगी।
रैली के दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में देश की सेना और पूर्व सैनिकों की तारीफ करते हुए कहा कि शहीदों का परिवार राष्ट्र की संपत्ति है और उनके लिए किए जाने वाले हर प्रयास से हमें गर्व महसूस करना चाहिए। कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख के साथ-साथ सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी अपने विचार साझा किए और सेना की वीरता का वर्णन किया।
शहीद की मां और परिवार की भूमिका पर मुख्यमंत्री का विशेष जोर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीदों की मां की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए कहा कि एक मां ही होती है जो अपने बेटे को देश की सेवा के लिए प्रेरित करती है। शहीद की मां का जीवन बलिदान और समर्पण का प्रतीक होता है। इसलिए उनकी आर्थिक सुरक्षा और सम्मान हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने आगे कहा, “शहीद की मां ने जिस साहस के साथ अपने बेटे को देश के लिए समर्पित किया है, उस साहस को हम कभी नहीं भूल सकते। उनका सम्मान बढ़ाना सरकार की जिम्मेदारी है।”
102 रेजिमेंट के जवानों का शानदार प्रदर्शन
कार्यक्रम में 102 इंजीनियर रेजिमेंट के जवानों ने अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया, जिसमें सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों को भी शामिल किया गया। इस प्रदर्शन ने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री ने जवानों के इस प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि ये सैनिक ही हमारे देश की शान हैं और उनकी वीरता हमारे देश की ताकत है।
शहीदों के परिजनों के लिए नई पहल
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों के लिए कई और महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि अब शहीदों के परिवारों को सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही, शहीदों की बहन-बेटियों के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “शहीदों के परिवारों के लिए जो कुछ भी किया जा सकता है, वह कम है। हम उनकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।”
शहीदों की विधवाओं और परिवारों के लिए विशेष घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने शहीदों की विधवाओं के लिए भी विशेष घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि अब शहीद की पत्नी और माता-पिता को एक समान रूप से सम्मान निधि प्रदान की जाएगी। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि शहीद के माता-पिता भी आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें। इसके साथ ही, शहीदों की बेटियों के पुनर्विवाह के लिए भी सरकार ने विशेष वित्तीय सहायता की योजना बनाई है।
मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के अनुशासन और जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत की सेना आज भी दुनिया की सबसे अनुशासित और वीर सेना है। उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने हर युद्ध में अपनी श्रेष्ठता साबित की है। चाहे वह आजादी के पहले का युद्ध हो या बाद का, भारतीय सेना ने हमेशा अपनी वीरता का प्रदर्शन किया है और देश की सुरक्षा सुनिश्चित की है।”
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने सभी पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों को दीवाली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दीवाली का यह पर्व हमें उन सैनिकों की याद दिलाता है जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता और हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए कि उनके परिवारों का सम्मान और उनका जीवन बेहतर हो सके।
इस आयोजन के माध्यम से शहीदों की मां को सम्मानित करने की दिशा में सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शहीदों के परिवारों के लिए आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है, और इस प्रकार की घोषणाओं से उनका जीवन बेहतर बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास किया गया है।
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