20 मासूमों की मौत के बाद कंपनी मालिक एस. रंगनाथन गिरफ्तार, एमपी पुलिस की चेन्नई में बड़ी कार्रवाई
Coldrif Syrup doctor arrested News | तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स (Sresan Pharmaceuticals) द्वारा निर्मित जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सीरप ने मध्य प्रदेश में कम से कम 20 बच्चों की जान ले ली है। कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को चेन्नई में मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सीरप में 48% तक डायइथाइलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीले रसायन की मिलावट पाई गई है, जो किडनी फेलियर का कारण बनी। इस त्रासदी ने फार्मा इंडस्ट्री के नियामक तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने कंपनी के खिलाफ छापेमारी की, दस्तावेज जब्त किए और वितरण नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश सरकार ने प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने और सख्त कार्रवाई का वादा किया है। लोगों से अपील है कि कोल्ड्रिफ सीरप का इस्तेमाल तुरंत बंद करें।
तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा की ओर से बनाए गए इस कफ सीरप ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कहर बरपा दिया। शुरुआत में 9 बच्चों की मौत की खबर आई, जो अब बढ़कर 20 हो गई है, जबकि 5 बच्चे अभी भी इलाजाधीन हैं। राजस्थान में भी 2 मौतें दर्ज की गई हैं। बच्चों को सर्दी-खांसी के इलाज के लिए यह सीरप दिया गया, लेकिन मिलावटी रसायन से उनकी किडनी खराब हो गई, जिससे उल्टी, पेशाब रुकना और अंततः मौत हो गई।
गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई
छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने बताया कि रंगनाथन को कल रात चेन्नई के अशोक नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया। मध्य प्रदेश पुलिस की एक सात सदस्यीय टीम ने तमिलनाडु पुलिस के साथ मिलकर यह ऑपरेशन चलाया। रंगनाथन को आज चेन्नई कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां ट्रांजिट रिमांड हासिल कर उन्हें छिंदवाड़ा लाया जाएगा। कंपनी के खिलाफ हत्या, दवा में मिलावट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस ने चेन्नई और कांचीपुरम में कंपनी के कार्यालय व फैक्ट्री पर छापेमारी की। प्रारंभिक जांच में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी, GMP सर्टिफिकेशन की कमी और 48.6% DEG मिलावट का खुलासा हुआ। फैक्ट्री में जंग लगे उपकरण और 14 साल पुरानी लापरवाही के सबूत मिले। एक डॉक्टर प्रवीण सोनी को भी गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने बच्चों को यह दवा लिखी थी। विशेष जांच दल (SIT) गठित कर वितरण नेटवर्क, दवा दुकानों और अन्य संदिग्धों की तलाश तेज कर दी गई है।
पीड़ित परिवारों का दर्द और सरकारी प्रतिक्रिया
पीड़ित परिवारों में गुस्सा और शोक की लहर है। बच्चे सितंबर 2 से मौत का शिकार हो रहे थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और मुआवजे का ऐलान किया। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि सभी दुकानों से स्टॉक जब्त किया जा रहा है और घर-घर जाकर दवा बरामद की जा रही है। कांग्रेस ने 1 करोड़ रुपये प्रति परिवार मुआवजे की मांग की है।
मध्य प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों ने कोल्ड्रिफ सीरप और कंपनी के सभी उत्पादों पर बैन लगा दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने CDSCO को लाइसेंस रद्द करने का निर्देश दिया।
प्रदेश में अब बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं बिकेगा कोई कफ सिरप
नियामक तंत्र पर सवाल
यह घटना भारत की फार्मा इंडस्ट्री के लिए झटका है, जहां पहले भी मिलावटी कफ सीरप से मौतें हुई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कड़े गुणवत्ता नियंत्रण, नियमित निरीक्षण और WHO मानकों का पालन जरूरी है। रंगनाथन से पूछताछ में मिलावट के स्रोत और लापरवाही की पूरी सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य विभाग की अपील – कोल्ड्रिफसीरप न इस्तेमाल करें। बच्चो को कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह मामलाअभी जांच के दायरे में है, और आगेअपडेट्स के लिए आधिकारिक स्रोतों पर नजर रखें।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।