नेपाल सीमा पर धर्मांतरण का खेल: ATS की कार्रवाई
Conversion_Racket_Expose | उत्तर प्रदेश की एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने नेपाल सीमा से सटे क्षेत्रों में चल रहे एक बड़े धर्मांतरण रैकेट (Conversion Racket) का खुलासा किया है। इस रैकेट का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर ने ईसाई मिशनरियों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर गरीब और कमजोर परिवारों को निशाना बनाया। छांगुर पीर ने नेपाल के सात मुस्लिम बहुल जिलों में एक मजबूत नेटवर्क स्थापित किया था, जिसके जरिए वह अवैध धर्मांतरण की साजिश को अंजाम दे रहा था। इस नेटवर्क को विदेशी फंडिंग और ISI के ‘मिशन आबाद’ का समर्थन प्राप्त था, जिसका उद्देश्य भारत में सामाजिक और सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था। Conversion_Racket_Expose
छांगुर पीर का अवैध धर्मांतरण नेटवर्क
ATS की जाँच में सामने आया कि छांगुर पीर ने नेपाल सीमा से सटे सात जिलों में एक सुनियोजित नेटवर्क बनाया था। इस नेटवर्क में ईसाई मिशनरियों के वॉलंटियर्स शामिल थे, जिन्हें छांगुर पीर पैसे देकर गरीब, दलित, बीमार, और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की जानकारी हासिल करता था। ये वॉलंटियर्स मिशनरियों के लिए जमीनी स्तर पर काम करते थे और छांगुर पीर को संवेदनशील जानकारी मुहैया कराते थे।
छांगुर पीर इन परिवारों को आर्थिक मदद, मुफ्त शिक्षा, और रोजगार के झूठे वादों के जरिए अपने प्रभाव में लेता था। इसके बाद वह उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करता था। उसकी कथित पत्नी नसरीन (नीतू) इस पूरे ऑपरेशन का हिसाब-किताब रखती थी और फंडिंग के लेन-देन को मैनेज करती थी। छांगुर पीर ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को रिश्वत देकर अपने इस गैरकानूनी काम को सुचारू रूप से चलाने की व्यवस्था भी की थी।
ईसाई मिशनरियों का संगठित नेटवर्क
जाँच में पता चला कि देवीपाटन मंडल और नेपाल के तराई क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों ने एक मजबूत नेटवर्क स्थापित किया था। इस नेटवर्क में प्रचारक, पास्टर, और पादरी शामिल थे, जो अलग-अलग समुदायों को टारगेट करते थे। इनके पास दलित, वंचित, और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की पूरी जानकारी होती थी। छांगुर पीर इस जानकारी का इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए करता था।
मिशनरियों के इस नेटवर्क ने हर वर्ग के लिए अलग-अलग प्रचारक नियुक्त किए थे, जो स्थानीय भाषा और संस्कृति का इस्तेमाल करके लोगों को प्रभावित करते थे। यह नेटवर्क इतना संगठित था कि यह स्थानीय स्तर पर सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों को प्रभावित करने में सक्षम था।
विदेशी फंडिंग और ISI का ‘मिशन आबाद’
ATS और खुफिया एजेंसियों की जाँच में छांगुर पीर के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी सामने आए हैं। वह सऊदी अरब इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक, मुस्लिम वर्ल्ड लीग, दावत-ए-इस्लाम, और इस्लामिक संघ ऑफ नेपाल जैसे संगठनों से जुड़ा था। इन संगठनों से उसे भारी मात्रा में विदेशी फंडिंग मिल रही थी, जिसका इस्तेमाल धर्मांतरण और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था।
सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि छांगुर पीर का सीधा संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से था। वह हाल ही में काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था, जिसमें ISI और पाकिस्तान की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के अधिकारी मौजूद थे। इस कार्यक्रम के बाद पाकिस्तानी दल ने भारत-नेपाल सीमा का दौरा किया, जिस दौरान छांगुर पीर ने ISI के साथ अपने कनेक्शन को और मजबूत किया। यह पूरा ऑपरेशन ISI के ‘मिशन आबाद’ का हिस्सा था, जिसका मकसद भारत में अस्थिरता पैदा करना था। Conversion_Racket_Expose
धर्मांतरण के लिए प्रलोभन और प्रचार
छांगुर पीर अपनी और नसरीन की कहानी सुनाकर लोगों को प्रभावित करता था। वह दावा करता था कि वह और नसरीन पहले सिंधी हिंदू थे, लेकिन इस्लाम अपनाने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई। वह लोगों को अपनी आलीशान जिंदगी, महंगी गाड़ियाँ, और संपत्ति दिखाकर लुभाता था। उसका कहना था कि इस्लाम अपनाने से गरीब परिवारों की जिंदगी में भी समृद्धि आएगी। यह प्रलोभन कमजोर और जरूरतमंद परिवारों को आसानी से प्रभावित कर लेता था। Conversion_Racket_Expose
ATS की कार्रवाई और आगे की चुनौतियाँ
ATS ने छांगुर पीर को हिरासत में लेकर इस रैकेट का पर्दाफाश किया है। जाँच में मिले सबूतों को गृह मंत्रालय को सौंपा गया है, और इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पूर्व IB अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के नेटवर्क भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। नेपाल की खुली सीमा और वहाँ बढ़ती मुस्लिम आबादी इस साजिश को और खतरनाक बनाती है। Conversion_Racket_Expose
भारत और नेपाल को मिलकर इस खतरे से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने,सीमा पर निगरानी बढ़ाने, और विदेशी फंडिंग पर नकेल कसने की जरूरत है। साथ ही, स्थानीय समुदायों को जागरूक करके और आर्थिक रूप से सशक्तबनाकर इस तरह के रैकेट कोकमजोर किया जा सकता है। Conversion_Racket_Expose
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।