कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक से मौतों का कोई संबंध नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ICMR-AIIMS अध्ययन के साथ दी साफ-साफ बात
Corona Vaccine Heart Attack Clarification 2025 | हाल के दिनों में देशभर में हार्ट अटैक और अचानक होने वाली मौतों के मामलों में वृद्धि ने लोगों के बीच चिंता पैदा की है। सोशल मीडिया और कुछ सार्वजनिक बयानों में इन मौतों को कोविड-19 वैक्सीन से जोड़ने की अफवाहें उड़ीं, जिससे आम जनता में भ्रम और वैक्सीन के प्रति अविश्वास बढ़ा। इस मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट और दो टूक जवाब दिया है, जिसमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के व्यापक अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा गया है कि कोविड-19 वैक्सीन और अचानक होने वाली मौतों या हार्ट अटैक के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। यह बयान न केवल वैक्सीन की सुरक्षा को रेखांकित करता है, बल्कि भ्रामक दावों को खारिज करने के लिए वैज्ञानिक तथ्यों पर जोर देता है। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं। Corona Vaccine Heart Attack Clarification 2025
स्वास्थ्य मंत्रालय का स्पष्टीकरण
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2 जुलाई 2025 को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि कोविड-19 वैक्सीन को अचानक होने वाली मौतों या हार्ट अटैक से जोड़ने वाले दावे “गलत और भ्रामक” हैं। मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि भारत में इस्तेमाल की गई कोविड-19 वैक्सीन, जैसे कोविशील्ड और कोवैक्सिन, सुरक्षित और प्रभावी हैं। ICMR, AIIMS, और NCDC द्वारा किए गए व्यापक अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि इन वैक्सीन्स से गंभीर दुष्प्रभाव अत्यंत दुर्लभ हैं। मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी कि बिना वैज्ञानिक आधार के दावे वैक्सीन के प्रति लोगों का भरोसा कम कर सकते हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
ICMR और NCDC के अध्ययन
ICMR और NCDC ने 18 से 45 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों के कारणों को समझने के लिए दो पूरक अध्ययन किए। ये अध्ययन अलग-अलग शोध पद्धतियों पर आधारित थे:
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ICMR का पहला अध्ययन: ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) द्वारा मई से अगस्त 2023 तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 तृतीयक देखभाल अस्पतालों में “Factors associated with unexplained sudden deaths among adults aged 18-45 years in India – A multicentric matched case-control study” शीर्षक से एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच अचानक मृत्यु वाले स्वस्थ व्यक्तियों के मामलों की जांच की गई। निष्कर्षों ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन से अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ता। इसके बजाय, आनुवंशिक उत्परिवर्तन, पारिवारिक इतिहास, जीवनशैली (जैसे धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन), और कोविड के बाद की जटिलताएं प्रमुख कारणों के रूप में सामने आईं।
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AIIMS का दूसरा अध्ययन: AIIMS, नई दिल्ली द्वारा ICMR के सहयोग से “Establishing the cause in sudden unexplained deaths in young” शीर्षक से एक वास्तविक समय अध्ययन चल रहा है। इस अध्ययन के प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (हार्ट अटैक) इस आयु वर्ग में अचानक मृत्यु का प्रमुख कारण बना हुआ है। stud में यह भी पाया गया कि पिछले वर्षों की तुलना में मृत ascendancy की तुलना में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। अधिकांश अचानक मृत्यु के मामलों में आनुवंशिक उत्परिवर्तन एक संभावित कारण के रूप में सामने आए हैं। इस अध्ययन की अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।
हार्ट अटैक के अन्य कारण
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अचानक हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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आनुवंशिक कारक: परिवार में हृदय रोग का इतिहास या आनुवंशिक उत्परिवर्तन।
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जीवनशैली: धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, नशीली दवाओं का उपयोग, और तीव्र शारीरिक परिश्रम।
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पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं: उच्च रक्तचाप, मधुमेह, और कोलेस्ट्रॉल की समस्या।
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कोविड के बाद की जटिलताएं: कोविड-19 से उबरने के बाद रक्त के थक्के बनने और हृदय पर दबाव जैसी समस्याएं।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि कोविड-19 वैक्सीन के दुष्प्रभाव, जैसे मायोकार्डिटिस या पेरीकार्डिटिस, अत्यंत दुर्लभ हैं और ज्यादातर मामलों में हल्के होते हैं। वैक्सीनेशन से होने वाले जोखिम की तुलना में कोविड-19 संक्रमण से हृदय संबंधी जटिलताओं का खतरा कहीं अधिक है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बयान और सरकार का जवाब
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में हसन जिले में 40 दिनों के भीतर 22 लोगों की हार्ट अटैक से हुई मौतों का हवाला देते हुए कोविड वैक्सीन की “जल्दबाजी में मंजूरी और वितरण” को संभावित कारण बताया था। इनमें से पांच लोग 19 से 25 वर्ष की आयु के थे, और कई मौतें बिना किसी लक्षण के हुईं। सिद्धारमैया ने इस मामले की जांच के लिए डॉ. रवींद्रनाथ की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित की है, जिसे 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिद्धारमैया के इस बयान का खंडन करते हुए कहा कि वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी देने का दावा गलत है। मंत्रालय ने जोर दिया कि भारत में कोविड-19 वैक्सीन्स को कठोर वैज्ञानिक परीक्षणों और नियामक प्रक्रियाओं के बाद ही मंजूरी दी गई थी। ICMR और NCDC के अध्ययनों ने यह पुष्टि की है कि वैक्सीन्स सुरक्षित हैं और इनका हार्ट अटैक से कोई संबंध नहीं है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भ्रामक दावे वैक्सीनेशन कार्यक्रम को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जो गंभीर बीमारियों से बचाव और जीवन रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता
भारत में कोविड-19 वैक्सीन्स, जैसे कोविशील्ड और कोवैक्सिन, ने महामारी के दौरान लाखों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ICMR और NCDC के अध्ययनों के अनुसार, ये वैक्सीन्स न केवल गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचाव में प्रभावी हैं, बल्कि इनके दुष्प्रभाव अत्यंत दुर्लभ हैं। वैक्सीनेशन ने भारत में कोविड-19 के गंभीर प्रभावों को कम करने में मदद की है और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बना हुआ है। मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे वैक्सीन पर भरोसा बनाए रखें और भ्रामक सूचनाओं से बचें।
वैक्सीन से संबंधित मिथकों का खंडन
सोशल मीडिया पर कोविड वैक्सीन को हार्ट अटैक से जोड़ने वाली अफवाहें तेजी से फैलीं, खासकर हसन, कर्नाटक में हाल की घटनाओं के बाद। कुछ लोगों ने दावा किया कि वैक्सीन के दुष्प्रभाव, जैसे मायोकार्डिटिस, इन मौतों का कारण हो सकते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि मायोकार्डिटिस के मामले अत्यंत दुर्लभ हैं और आमतौर पर हल्के होते हैं, जो जल्दी ठीक हो जाते हैं। इसके विपरीत, कोविड-19 संक्रमण से हृदय संबंधी जटिलताएं, जैसे रक्त के थक्के और हृदय पर दबाव, अधिक गंभीर और सामान्य हैं। मंत्रालय ने लोगों से वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा करने और वैक्सीनेशन के महत्व को समझने की अपील की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मुद्दे पर चल रही जांच को और गहराई से करने का आश्वासन दिया है। AIIMS और ICMR के संयुक्त अध्ययन की अंतिम रिपोर्ट जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी, जो अचानक होने वाली मौतों के कारणों को और स्पष्ट करेगी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि वैक्सीनेशनकार्यक्रम को मजबूत करने और भ्रामकसूचनाओं को रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि वे कोविड-19 वैक्सीन को लेकर भय और संदेह से बचें और वैक्सीनेशन को अपनाकर अपने और अपने समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
नोट: कोविड-19 वैक्सीन भारत में सुरक्षित और प्रभावी साबित हुई है। यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए, बल्कि सामुदायिक स्तर पर महामारी के नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है। भ्रामकसूचनाओं से बचें और वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा करें। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी चिंता के लिए अपनेचिकित्सक या स्थानीयस्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। Corona Vaccine Heart Attack Clarification 2025
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।