महाकाल मंदिर: श्रद्धालुओं की पीड़ा और वीआईपी व्यवस्था में भ्रष्टाचार
Corruption in Mahakal Temple | उज्जैन | उज्जैन का श्री महाकालेश्वर मंदिर न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे भारत में अपनी आध्यात्मिक महत्ता और पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। 2024 में, एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 6 करोड़ श्रद्धालु महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचे। हालांकि, यह तीर्थस्थल जितना श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है, उतना ही प्रशासनिक अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का गढ़ बनता जा रहा है। वीआईपी व्यवस्था और उससे जुड़े भ्रष्टाचार के चलते न केवल आम श्रद्धालु बल्कि मंदिर की गरिमा भी प्रभावित हो रही है। Corruption in Mahakal Temple
वीआईपी व्यवस्था: श्रद्धालुओं की समस्या
महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए वीआईपी व्यवस्था का बड़ा हिस्सा प्रोटोकॉल कोटे के तहत आरक्षित रहता है। भस्मारती, जो मंदिर की सबसे प्रसिद्ध आरती है, में कुल 2500 सीटों की क्षमता है। इनमें से 1000 सीटें वीआईपी और प्रोटोकॉल के नाम पर आरक्षित रहती हैं। शहर के प्रभावशाली लोग इन सीटों को अपने मेहमानों और शिष्यों के नाम पर बुक करवा लेते हैं और श्रद्धालुओं से भारी धनराशि वसूलते हैं। यह प्रक्रिया न केवल अनुचित है, बल्कि मंदिर की पवित्रता और प्रशासन की निष्ठा पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि वीआईपी कोटे की वजह से आम श्रद्धालुओं के लिए सीटें बेहद सीमित हो जाती हैं। यही नहीं, गर्भगृह के दर्शन भी अधिकांश श्रद्धालुओं के लिए एक सपना बनकर रह जाते हैं। बाहरी श्रद्धालुओं को गणेश मंडप या कार्तिक मंडप से ही दर्शन करने पड़ते हैं, जो उनके लिए अत्यंत निराशाजनक होता है।
भ्रष्टाचार का खुलासा और प्रशासनिक कदम
मंदिर में वीआईपी व्यवस्था के तहत चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा वर्तमान जिलाधीश ने किया। मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ सहित कई लोगों को इस भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर उनके पदों से हटा दिया गया। यह कदम सराहनीय है, लेकिन यह सवाल भी उठाता है कि इतने लंबे समय तक इस व्यवस्था को क्यों अनदेखा किया गया। नए प्रशासक के रूप में उज्जैन के एडीएम अनुकूल जैन ने हाल ही में पदभार ग्रहण किया है। श्रद्धालुओं को उम्मीद है कि वे इस व्यवस्था में सुधार लाएंगे और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएंगे।
श्रद्धालुओं की समस्याएं और सुझाव
- गर्भगृह के दर्शन- श्रद्धालुओं को गर्भगृह के सामने से दर्शन कराए जाने चाहिए। चाहे यह दर्शन 5 सेकंड के लिए ही क्यों न हो, लेकिन इतना पर्याप्त है कि श्रद्धालु भगवान महाकाल के निकटता का अनुभव कर सकें।
- महाकाल प्रसाद काउंटर- वर्तमान में महाकाल मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण के लिए पर्याप्त काउंटर नहीं हैं। श्रद्धालुओं को प्रसाद लेने के लिए लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है। प्रशासन को प्रसाद काउंटरों की संख्या बढ़ानी चाहिए और सभी काउंटरों पर ऑनलाइन भुगतान की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।
- भस्मारती में पारदर्शिता- भस्मारती में प्रोटोकॉल कोटा पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए। यह आरती आम श्रद्धालुओं के लिए होती है और इसका लाभ सिर्फ रसूखदारों को मिलना अनुचित है।
- ई-रिक्शा और होटल व्यवसाय- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उज्जैन में ई-रिक्शा और होटल व्यवसाय बढ़े हैं। हालांकि, इनकी मनमानी वसूली पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
मंदिर की गरिमा बचाने के लिए पहल
स्वर्णिम भारत मंच ने भस्मारती में वीआईपी कोटे के दुरुपयोग और श्रद्धालुओं के कष्टों के खिलाफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है। यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण हो सकता है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को दूर करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाना आवश्यक है। महाकाल मंदिर न केवल उज्जैन बल्कि देश की आध्यात्मिक धरोहर है। इसकी पवित्रता बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। नए प्रशासक से उम्मीद की जाती है कि वे इन समस्याओं का समाधान करेंगे और मंदिर की गरिमा को पुनः स्थापित करेंगे। Corruption in Mahakal Temple
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।