ग्राहकों के हित में ट्राई के नए नियम: वॉयस और एसएमएस के लिए अलग प्लान अनिवार्य
Customer-Centric Tariff Plans for Voice Calls and SMS | भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने हाल ही में विशेष रिचार्ज कूपन (Special Recharge Coupons) और विशेष टैरिफ वाउचर (Special Tariff Vouchers) से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की है। ये बदलाव ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं और इसका उद्देश्य सेवा प्रदाताओं पर यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ताओं को उनकी जरूरतों के मुताबिक सेवाएं मिलें।
विशेष रिचार्ज कूपन की वैधता बढ़ी
लाहोटी ने घोषणा की कि विशेष रिचार्ज कूपन (Special Recharge Coupons) की अधिकतम वैधता 90 दिनों से बढ़ाकर 365 दिनों तक कर दी गई है। यह बदलाव ग्राहकों को लंबे समय तक सेवा का लाभ देने के लिए किया गया है। इसके तहत सेवा प्रदाताओं को कम से कम एक ऐसा टैरिफ वाउचर (Tariff Voucher) पेश करना होगा, जो केवल वॉयस कॉल्स (Voice Calls) और एसएमएस (SMS) के लिए हो। यह उन ग्राहकों के लिए विशेष रूप से मददगार होगा जो डाटा सेवाओं (Data Services) का उपयोग नहीं करते।
वॉयस और एसएमएस के लिए अलग प्लान अनिवार्य
ट्राई ने स्पष्ट किया है कि मोबाइल सेवा प्रदाताओं को उन ग्राहकों के लिए वॉयस कॉल्स (Voice Calls) और एसएमएस (SMS) पर केंद्रित अलग प्लान पेश करने होंगे, जो डाटा सेवाओं (Data Services) का उपयोग नहीं करते। यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहक केवल उन्हीं सेवाओं के लिए भुगतान करें, जिनकी उन्हें आवश्यकता है। लाहोटी ने कहा, “हम ग्राहकों को डाटा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए मजबूर नहीं कर सकते।”
डिजिटल डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
ग्राहकों को कमर्शियल मैसेज (Commercial Messages) से बचाने के लिए डिजिटल डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (Distributed Ledger Technology – DLT) का पायलट प्रोजेक्ट इसी महीने शुरू होगा। यह तकनीक ग्राहकों की सहमति (Customer Consent) को सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगी। वर्तमान में, जब कोई स्पैम कॉल या संदेश की शिकायत की जाती है, तो सेवा प्रदाता यह कह सकता है कि उसके पास ग्राहक की सहमति है। डीएलटी तकनीक इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाएगी और ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करेगी।
डिजिटल सहमति अधिग्रहण पर काम जारी
लाहोटी ने कहा कि डिजिटल सहमति अधिग्रहण (Digital Consent Acquisition) के लिए एक नई प्रणाली तैयार की जा रही है। इस प्रणाली के तहत, ग्राहकों द्वारा दी गई सहमति को डीएलटी प्लेटफॉर्म पर ले जाया जाएगा। हालांकि, इस प्रक्रिया में बड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन ट्राई इसे इस साल के भीतर लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नियामक सुधार और आईटी अपग्रेडेशन
लाहोटी ने यह भी बताया कि ट्राई ने नियामक सुधार (Regulatory Reforms) के लिए एक विशेष एजेंसी नियुक्त करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, आईटी अपग्रेडेशन (IT Upgradation) को भी प्राथमिकता दी जाएगी। ये सभी कदम ग्राहकों और उद्योग दोनों के लिए फायदेमंद होंगे।
ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा प्राथमिकता
ट्राई का मानना है कि ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा (Protection of Customer Rights) करना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। ग्राहकों को यह अधिकार होना चाहिए कि वे केवल उन्हीं सेवाओं के लिए भुगतान करें, जिनकी उन्हें वास्तव में जरूरत है। ट्राई के ये नए नियम ग्राहकों और उद्योग दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। जहां एक ओर ग्राहक केवल अपनी आवश्यक सेवाओं के लिए भुगतान कर पाएंगे, वहीं दूसरी ओर सेवा प्रदाताओं को ग्राहकों की जरूरतों को समझने और उनके मुताबिक सेवाएं प्रदान करने का अवसर मिलेगा। वॉयस कॉल्स (Voice Calls) और एसएमएस (SMS) पर केंद्रित प्लान न केवल ग्राहकों की सुविधा को बढ़ाएंगे, बल्कि उद्योग में पारदर्शिता भी लाएंगे। यह कदम भारतीय दूरसंचार उद्योग के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है और ग्राहकों को उनकी जरूरतों के अनुसार सेवाओं का चयन करने की स्वतंत्रता देगा।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।