महाकुंभ का डिजिटल अनुभव: 3D मेटावर्स और ऑडियो टूर से पर्यटक घर बैठे करेंगे आभासी यात्रा

Digital prayagraj Mahakumbh 2025 | महाकुंभ का डिजिटल अनुभव: 3D मेटावर्स और ऑडियो टूर से पर्यटक घर बैठे करेंगे आभासी यात्रा

Digital prayagraj Mahakumbh 2025 | उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की एक आश्चर्यजनक पहल के तहत, प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को डिजिटल रूप से सुलभ बनाने की दिशा में काम हो रहा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों और ऐतिहासिक स्थलों को 3D मेटावर्स तकनीक और ऑडियो टूर के माध्यम से पर्यटकों तक पहुंचाना है। इसके तहत, लखनऊ और प्रयागराज के प्रमुख 1500 पर्यटन स्थलों का 360-डिग्री पैनोरमिक डेटा एकत्र कर जियो-रेफरेंस मैप्स से जोड़ा जाएगा।

महाकुंभ के घाटों का 3D अनुभव

योगी सरकार की इस परियोजना के तहत प्रयागराज के महाकुंभ के घाटों का 3D वर्चुअल अनुभव पर्यटकों को उपलब्ध कराया जाएगा। महाकुंभ में हर साल करोड़ों श्रद्धालु आते हैं और इस बार डिजिटल तकनीक से जुड़कर, वे लोग जो खुद वहाँ नहीं पहुंच सकते, आभासी यात्रा का हिस्सा बन सकेंगे। प्रयागराज के अलावा अयोध्या, वाराणसी, आगरा, और श्रावस्ती जैसे प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को भी इस वर्चुअल टूर में शामिल किया गया है।

3D मेटावर्स: पर्यटन का नया आयाम

पर्यटकों के लिए लखनऊ और प्रयागराज के 1500 पर्यटन स्थलों को 3D मेटावर्स प्लेटफॉर्म के जरिये उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्लेटफॉर्म पर पर्यटक घर बैठे इन जगहों का अनुभव कर सकेंगे। 360-degree panoramic view की मदद से पर्यटक इन स्थानों की हर एक अद्भुत विशेषता को महसूस कर सकेंगे। लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा, चिकनकारी हब, और प्रयागराज के घाटों को डिजिटल रूप से वर्चुअल रेंडरिंग के माध्यम से दिखाया जाएगा।

इस पूरी परियोजना का डेटा एक integrated system में संग्रहीत किया जाएगा, जिसमें न केवल भारत के, बल्कि विश्व के किसी भी कोने से पर्यटक इन स्थलों की यात्रा कर सकेंगे। इस तकनीक से राज्य की tourism potential में वृद्धि होगी और उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।

QR कोड आधारित ऑडियो टूर: सजीव अनुभव

इसके अतिरिक्त, प्रदेश के 100 प्रमुख स्थलों के लिए QR code enabled audio tour भी विकसित किया जा रहा है। पर्यटक अपने स्मार्टफोन के जरिए इन स्थानों पर लगे QR कोड को स्कैन कर वहां की जानकारी को अपनी भाषा में ऑडियो के माध्यम से सुन सकेंगे। इस ऑडियो टूर में प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या और आगरा के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को प्राथमिकता दी गई है।

ऑडियो टूर की यह सुविधा राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी सुलभ और सजीव बनाएगी। इससे देश-विदेश के पर्यटकों को न केवल स्थलों की जानकारी मिलेगी, बल्कि वह उनके इतिहास और संस्कृति से भी जुड़ सकेंगे। Mobile application के जरिए यह टूर और भी सरल और आकर्षक हो जाएगा।

महाकुंभ की वैश्विक पहुंच

महाकुंभ के डिजिटल रूप से सुलभ होने से, यह भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध होगा। Virtual reality (VR) और augmented reality (AR) जैसी तकनीकों का प्रयोग कर, महाकुंभ के घाटों का अद्भुत दृश्य व आभासी अनुभव प्राप्त किया जा सकेगा। महाकुंभ में स्नान का महत्व और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को भी डिजिटल रूप में दिखाया जाएगा।

महाकुंभ के अलावा, वाराणसी के गंगा आरती, अयोध्या के राम मंदिर और लखनऊ के ऐतिहासिक स्थलों को भी इस वर्चुअल टूर में शामिल किया जाएगा। यह कदम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटकों को immersive experience भी प्रदान करेगा।

तकनीकी क्रांति: 3D मेटावर्स और ऑडियो टूर का महत्व

उत्तर प्रदेश के पर्यटन को डिजिटल युग में ले जाने के लिए 3D मेटावर्स और QR कोड आधारित ऑडियो टूर जैसी तकनीकें पर्यटन में क्रांति लाने का काम करेंगी। इन अत्याधुनिक तकनीकों के साथ पर्यटकों को interactive tourism experience प्राप्त होगा, जो उनकी यात्रा को न केवल रोचक बनाएगा बल्कि उन्हें स्थलों से वास्तविक रूप से जोड़ने का अनुभव देगा।

Metaverse technology पर्यटकों को एक ऐसा प्लेटफार्म प्रदान करेगी जहाँ वे किसी भी स्थल पर वास्तविक उपस्थिति महसूस कर सकेंगे। इस तकनीक से पर्यटकों को सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों का सजीव अनुभव प्राप्त होगा, जो उनके लिए यादगार रहेगा।

परियोजना के लाभ: वैश्विक और स्थानीय पर्यटन का विकास

इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का डिजिटल प्रमाणीकरण और प्रचार-प्रसार होगा। यह tourist footfall को बढ़ाने में मदद करेगा और साथ ही राज्य के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।

उत्तर प्रदेश को एक preferred tourist destination के रूप में स्थापित करने के लिए यह परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इसमें प्रयागराज के महाकुंभ, वाराणसी के घाट, अयोध्या के राम मंदिर, आगरा का ताजमहल और लखनऊ के ऐतिहासिक इमारतों को प्रमुखता दी जा रही है।

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इस परियोजना से न केवल राज्य के पर्यटन उद्योग में बढ़ोतरी होगी, बल्कि स्थानीय समुदायों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। Tourism development के इस डिजिटल मॉडल से राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को संरक्षित किया जाएगा और उसे वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा।

पर्यटकों के लिए आसान और सुलभ अनुभव

इस पूरी परियोजना को एक mobile app के जरिए भी सुलभ बनाया जाएगा, जहाँ पर्यटक अपने स्मार्टफोन से ही इन स्थलों का वर्चुअल टूर कर सकेंगे। इस mobile-friendly interface से पर्यटकों को जगह-जगह भटकने की ज़रूरत नहीं होगी, वे कहीं से भी इन स्थलों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

User-friendly interface और multilingual support के साथ, यह ऐप पर्यटकों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। इसके जरिए पर्यटक यात्रा से पहले ही स्थलों के बारे में जान सकेंगे और अपनी यात्रा की योजना बेहतर तरीके से बना सकेंगे।

उत्तर प्रदेश: भारत का प्रमुख डिजिटल पर्यटन स्थल

योगी सरकार की यह परियोजना उत्तर प्रदेश को India’s leading digital tourism destination के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके जरिए राज्य के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण और प्रचार-प्रसार डिजिटल माध्यम से किया जाएगा।

इस पहल से राज्य में sustainable tourism को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि डिजिटल पर्यटन के माध्यम से पर्यटकों की भीड़ का बोझ कम होगा और पर्यटन स्थलों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों को 3D मेटावर्स और QR कोड आधारित ऑडियो टूर के माध्यम से सुलभ बनाना राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने का एक अद्वितीय प्रयास है। Tourism promotion के इस डिजिटल मॉडल से न केवल राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि यह उन्हें एक नया और समृद्ध अनुभव भी प्रदान करेगा।

महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों को डिजिटल रूप में प्रस्तुत करना, योगी सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जो पर्यटन के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली है। Digital tourism का यह मॉडल आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाने में मदद करेगा।


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