पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए, अनुभव को बताया शब्दों से परे
Diljit Dosanjh in Ujjain | पंजाबी और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गायक एवं अभिनेता दिलजीत सिंह दोसांझ ने आज सुबह उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्म आरती में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर आरती का दर्शन किया और बाबा महाकाल के निराकार से साकार स्वरूप का अद्भुत अनुभव प्राप्त किया। भस्म आरती के बाद दिलजीत ने मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी भावनाएं साझा कीं और कहा कि इस अनुभव को व्यक्त करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं।
भस्म आरती का दिव्य अनुभव
दिलजीत दोसांझ सुबह-सुबह महाकाल मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की आरती में भाग लिया। इस दौरान उन्हें भस्म आरती की भव्यता और गहन आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव हुआ। मंदिर में आरती के बाद, उन्होंने चांदी द्वार पर भगवान का पूजन और दर्शन भी किया। दिलजीत ने बाबा महाकाल के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा, “यह अनुभव मेरे जीवन के सबसे विशेष क्षणों में से एक है।”
मंदिर प्रबंधन द्वारा स्वागत
महाकाल मंदिर की जनसंपर्क अधिकारी श्रीमती गौरी जोशी ने बताया कि दिलजीत दोसांझ का मंदिर परिसर में विशेष स्वागत किया गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने दिलजीत दोसांझ को सम्मानित किया। पूजा के दौरान मंदिर के पुजारी पंडित राम गुरु और राघव पुजारी ने पूजा विधि संपन्न कराई।
कई सुपरहिट फिल्मों के अभिनेता
दिलजीत दोसांझ पंजाबी और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार हैं। उन्होंने न केवल पंजाबी फिल्मों में बल्कि बॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनाई है। उनकी चर्चित हिंदी फिल्में उड़ता पंजाब, सूरमा और पंजाबी सिनेमा की ब्लॉकबस्टर फिल्में जट्ट एंड जूलियट, पंजाब 1984, सरदार जी, सुपर सिंह और अंबरसरीया रही हैं। उनके शानदार अभिनय और गायन के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है।
दिलजीत की अंतरराष्ट्रीय पहचान
दिलजीत ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ी है। 2020 में उन्होंने बिलबोर्ड के सोशल 50 चार्ट में प्रवेश किया, जो उनकी बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है। उनके गाने और परफॉर्मेंस दुनिया भर में प्रशंसा पाते हैं।
आध्यात्मिकता से अभिभूत
भस्म आरती के दिव्य अनुभव के बारे में जब मीडिया ने दिलजीत से पूछा, तो उन्होंने कहा, “सब वही है, पर इस अनुभव को शब्दों में बयां करना मेरे लिए संभव नहीं है। यह कुछ ऐसा है, जिसे महसूस किया जा सकता है, लेकिन कहा नहीं जा सकता।” उनकी इस टिप्पणी ने उनकी आध्यात्मिकता और बाबा महाकाल के प्रति गहरी श्रद्धा को उजागर किया।
महाकाल मंदिर का महत्व
महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन का प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां प्रतिदिन सुबह होने वाली भस्म आरती देश-विदेश के श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। इस आरती को देखने का सौभाग्य प्राप्त करना अपने आप में एक अनोखा अनुभव है। दिलजीत दोसांझ जैसे सेलिब्रिटी का यहां आना और आरती में शामिल होना न केवल उनके लिए, बल्कि मंदिर के लिए भी एक विशेष क्षण था।
श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक
दिलजीत दोसांझ का यह दौरा यह दर्शाता है कि चाहे कोई कितना भी व्यस्त या प्रसिद्ध हो, आध्यात्मिकता और भक्ति का स्थान जीवन में हमेशा महत्वपूर्ण होता है। बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होकर उन्होंने न केवल अपने आध्यात्मिक पक्ष को उजागर किया, बल्कि अपने प्रशंसकों के लिए भी प्रेरणा पेश की।
दिलजीत दोसांझ का यह अनुभव इस बात का प्रतीक है कि महानता केवल बाहरी उपलब्धियों में नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आध्यात्मिक जुड़ाव में भी निहित है।
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