क्या उंगलियां चटकाने से गठिया होता है? जानिए सच्चाई
Does cracking knuckles cause arthritis | क्या आप भी अपनी उंगलियां चटकाने की आदत रखते हैं? कुछ लोग इसे मजेदार पाते हैं, कुछ को इससे तनाव में राहत मिलती है, तो कुछ इसे दर्द से निजात पाने का तरीका मानते हैं। लेकिन, आपने अक्सर घर के बड़ों-बुजुर्गों को कहते सुना होगा, “उंगलियां मत चटकाओ, गठिया हो जाएगा!” यह बात सुनकर मन में सवाल उठता है कि क्या वाकई उंगलियां चटकाने से गठिया जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है? या फिर यह सिर्फ एक पुराना मिथक है? आइए, इस लेख में हेल्थ एक्सपर्ट प्रियंका सहरावत और अन्य विशेषज्ञों की राय के साथ इस सवाल का वैज्ञानिक जवाब जानते हैं।
उंगलियां चटकाने की आदत: क्यों और कैसे?
उंगलियां चटकाना एक आम आदत है। कुछ लोग इसे जानबूझकर करते हैं, तो कुछ के लिए यह अनजाने में हो जाता है। यह आदत अक्सर तब शुरू होती है, जब लोग जोड़ों में अकड़न या तनाव महसूस करते हैं। उंगलियां चटकाने से एक ‘क्रैक’ की आवाज आती है, जो कुछ लोगों को संतुष्टि देती है। लेकिन क्या यह आदत सेहत के लिए हानिकारक है? आइए पहले समझते हैं कि उंगलियां चटकाने पर वह आवाज क्यों आती है।
क्रैक की आवाज का विज्ञान
हेल्थ एक्सपर्ट प्रियंका सहरावत बताती हैं कि उंगलियां चटकाने से जो ‘क्रैक’ की आवाज आती है, वह किसी हड्डी टूटने या जोड़ों को नुकसान की वजह से नहीं होती। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। हमारे जोड़ों में एक चिकनाई वाला तरल पदार्थ होता है, जिसे साइनोवियल फ्लूइड कहते हैं। यह फ्लूइड जोड़ों को लुब्रिकेट करता है, जिससे हड्डियां आपस में रगड़ें नहीं और जोड़ आसानी से हिल सकें।
इस साइनोवियल फ्लूइड में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें छोटे-छोटे बुलबुले के रूप में मौजूद होती हैं। जब आप अपनी उंगलियों को खींचते या मोड़ते हैं, तो जोड़ों में दबाव बदलता है। इस दबाव के कारण गैस के ये बुलबुले अचानक फूट जाते हैं, जिससे ‘क्रैक’ की आवाज उत्पन्न होती है। एक बार जब ये बुलबुले फूट जाते हैं, तो दोबारा आवाज आने के लिए नए बुलबुले बनने तक का इंतजार करना पड़ता है। यही वजह है कि एक ही उंगली को बार-बार तुरंत चटकाने पर आवाज नहीं आती।
क्या उंगलियां चटकाने से गठिया होता है?
प्रियंका सहरावत साफ तौर पर कहती हैं कि उंगलियां चटकाने से गठिया होने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह एक मिथक है, जो पीढ़ियों से चला आ रहा है। गठिया (आर्थराइटिस) एक ऐसी स्थिति है, जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनती है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे:
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जेनेटिक्स: गठिया का पारिवारिक इतिहास होने पर इसका खतरा बढ़ता है।
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यूरिक एसिड का बढ़ना: गाउट (एक प्रकार का गठिया) यूरिक एसिड के बढ़ने से होता है।
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जोड़ों पर अत्यधिक दबाव: भारी वजन उठाने या बार-बार जोड़ों पर तनाव डालने से।
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ऑटोइम्यून डिसऑर्डर: रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसे रोग, जहां शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता जोड़ों पर हमला करती है।
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उम्र: उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों की कार्टिलेज घिसने से ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है।
उंगलियां चटकाने से इनमें से कोई भी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उंगलियां चटकाने और गठिया के बीच कोई संबंध नहीं है। उदाहरण के लिए, 1990 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग लंबे समय तक उंगलियां चटकाते रहे, उनमेंगठिया का खतरा उन लोगों से ज्यादा नहीं था, जो ऐसा नहीं करते।
क्या उंगलियां चटकाना पूरी तरह सुरक्षित है?
हालांकि उंगलियां चटकाने से गठिया नहीं होता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह आदत पूरी तरह से हानिरहित है। कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
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खराब आदत: बार-बार उंगलियां चटकाना एक बुरी आदत बन सकता है, जो सामाजिक परिस्थितियों में दूसरों को अटपटा लग सकता है।
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जोड़ों की कमजोरी: कुछ मामलों में, अगर आप जोड़ों को जरूरत से ज्यादा खींचते हैं, तो इससे लिगामेंट्स में खिंचाव आ सकता है, जिससे जोड़कमजोर हो सकते हैं।
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दर्द का संकेत: अगर उंगलियां चटकाने के बाद दर्द या सूजन हो रही है, तो यह किसीअंतर्निहितसमस्या (जैसे टेंडोनाइटिस) का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें।
उंगलियां चटकाने की आदत को कैसे कम करें?
अगर आप इस आदत को छोड़ना चाहते हैं, तो निम्नलिखित टिप्स मददगार हो सकते हैं:
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जागरूकता बढ़ाएं: ध्यान दें कि आप कब और क्यों उंगलियां चटकाते हैं। तनाव या बोरियत इसका कारण हो सकता है।
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वैकल्पिक गतिविधियां: तनाव कम करने के लिए स्ट्रेस बॉल का उपयोग करें या हल्की स्ट्रेचिंग करें।
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हाथों को व्यस्त रखें: पेन घुमाना, स्केचिंग, या अन्य छोटी गतिविधियां इस आदत को कम कर सकती हैं।
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हाइड्रेशन और व्यायाम: पर्याप्त पानी पिएं और नियमित रूप से हाथों की हल्की कसरत करें, ताकि जोड़ों में अकड़न न हो।
अन्य मिथक और सच्चाई
उंगलियां चटकाने के अलावा भी कुछ अन्य मिथक हैं, जो जोड़ों की सेहत से जुड़े हैं। आइए कुछ को समझें:
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मिथक: जोड़ों की अकड़न का मतलब गठिया है।
सच्चाई: अकड़न कई कारणों से हो सकती है, जैसे मांसपेशियों में खिंचाव, कम गतिविधि, या ठंडा मौसम। यह जरूरी नहीं कि गठिया हो। -
मिथक: ठंडे मौसम में गठिया बढ़ता है।
सच्चाई: ठंड में जोड़ों की अकड़न बढ़ सकती है, लेकिन यह गठिया का कारण नहीं बनता।
विशेषज्ञ की सलाह
प्रियंका सहरावत सलाह देती हैं कि अगर आपकी उंगलियां चटकाने की आदत है, तो इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। यह गठिया का कारण नहीं बनता। हालांकि, अगर आपको जोड़ों में दर्द, सूजन, या गतिशीलता में कमी महसूस हो रही है, तो यह गठिया या अन्य जोड़ों से संबंधित समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत किसीऑर्थोपेडिक डॉक्टर या रूमेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
उंगलियां चटकाने से गठिया होने का डर एक मिथक है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह आदत जोड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन इसे कम करना बेहतर हो सकता है, खासकर अगर यह दूसरों को असहज करता हो। जोड़ों की सेहत बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और पर्याप्तहाइड्रेशन जरूरी है। अगर आपको जोड़ों से संबंधित कोई समस्या है, तो विशेषज्ञ की सलाह लें। Does cracking knuckles cause arthritis
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।