दशहरा 2025: विजयादशमी पर इन मंत्रों का जप कर पाएं शत्रुओं पर विजय और जीवन में सकारात्मकता
Dussehra 2025 | भारत में दशहरा 2025 (विजयादशमी) का पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। यह पर्व भगवान श्रीराम द्वारा रावण के वध और मां दुर्गा द्वारा महिषासुर के संहार की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन धर्म, साहस और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। दशहरा न केवल धार्मिक, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन विशेष मंत्रों का जाप करने से शत्रुओं पर विजय, भय से मुक्ति और जीवन में सकारात्मकता प्राप्त होती है। Dussehra 2025
दशहरा 2025: शक्तिशाली मंत्र
निम्नलिखित मंत्रों का जाप विजयादशमी पर विशेष फलदायी माना जाता है:
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दुर्गा कवच मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
यह मंत्र मां दुर्गा की शक्ति का आह्वान करता है। इसका जाप शत्रुओं से रक्षा और साहस प्रदान करता है। -
राम रक्षा स्तोत्र मंत्र
रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे।
भगवान श्रीराम का यह मंत्र शत्रुओं पर विजय और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक है। -
हनुमान मंत्र
ॐ हं हनुमते नमः।
हनुमानजी का यह मंत्र भय को दूर करता है और असीम शक्ति व आत्मविश्वास प्रदान करता है।
दशहरा 2025: पूजा विधि
विजयादशमी की पूजा में निम्नलिखित विधि का पालन करें:
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घर को साफ कर गंगाजल से शुद्ध करें।
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पूजा स्थल पर भगवान श्रीराम और मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
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दीपक जलाकर पूजा शुरू करें।
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फूल, चंदन, रोली, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।
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आयुध पूजन के तहत शस्त्रों और औजारों की पूजा करें।
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अपराजिता देवी की पूजा करें, जो विजय का प्रतीक है।
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मंत्रों का जाप श्रद्धा और एकाग्रता के साथ करें।
दशहरा और शत्रु नाश का संबंध
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरा पर मंत्र जाप शत्रुओं की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है। यह दिन व्यक्ति में साहस, आत्मविश्वास और सकारात्मकता का संचार करता है। श्रद्धा से किए गए मंत्र जाप से जीवन की बाधाएं स्वतः दूर हो जाती हैं।
दशहरा 2025: सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व
दशहरा का पर्व सामाजिक एकता और आध्यात्मिक जागरूकता का संदेश देता है। रावण दहन के माध्यम से यह सिखाया जाता है कि सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है। यह पर्व हमें धैर्य, संयम और सकारात्मकता के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देता है।
दशहरा की विशेष परंपराएं
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सीमा पूजन: क्षेत्र की सीमाओं का पूजन।
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आयुध पूजन: शस्त्रों और औजारों की पूजा।
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शमी वृक्ष पूजन: शमी के पत्तों को सोने के समान मानकर पूजा।
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रावण दहन: रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव।
दशहरा 2025: क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
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शुभ मुहूर्त में पूजा और मंत्र जाप करें।
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घर में दीपक और धूपबत्ती जलाएं।
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बुजुर्गों और संतों का आशीर्वाद लें।
क्या न करें:
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नकारात्मक सोच और क्रोध से बचें।
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पराई वस्तु का लोभ न करें।
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असत्य या अनैतिक कार्यों से दूरी रखें।
नोट: यह जानकारी सामान्य धार्मिकमान्यताओं पर आधारित है। व्यक्तिगतसलाह के लिए किसी योग्यज्योतिषी या पंडित से संपर्क करें। Dussehra 2025
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।