Earth in astrology | नवग्रहों में पृथ्वी का स्थान: क्यों नहीं होती पृथ्वी शामिल?”
Earth in astrology | हिंदू ज्योतिष (Hindu astrology) और वैदिक ज्योतिष (Vedic astrology) में नवग्रह (Navagraha) का विशेष महत्व है। नवग्रह वे नौ ग्रह हैं जिनका जीवन पर गहरा प्रभाव माना जाता है। ये नवग्रह हैं: सूर्य (Sun), चंद्र (Moon), मंगल (Mars), बुध (Mercury), गुरु (Jupiter), शुक्र (Venus), शनि (Saturn), राहु (Rahu), और केतु (Ketu)। हालांकि, इन नवग्रहों में पृथ्वी (Earth) को शामिल नहीं किया गया है, जो कुछ लोगों के लिए एक जिज्ञासा का विषय हो सकता है। यह लेख इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेगा कि नवग्रहों में पृथ्वी को क्यों शामिल नहीं किया गया है।
पृथ्वी को ग्रह क्यों नहीं माना जाता?
हिंदू ज्योतिष में पृथ्वी को ग्रहों की सूची में शामिल नहीं किया जाता क्योंकि यह ज्योतिषीय प्रणाली पृथ्वी के दृष्टिकोण (geocentric perspective) से विकसित हुई है। इसका मतलब है कि ज्योतिषीय गणनाएँ और भविष्यवाणियाँ पृथ्वी को केंद्र में रखकर की जाती हैं। जब हम किसी व्यक्ति की कुंडली (horoscope) का अध्ययन करते हैं, तो हम यह देखते हैं कि अन्य ग्रह (planets) पृथ्वी से किस दिशा और स्थिति में हैं। इसलिए, पृथ्वी को उस मंच के रूप में माना जाता है, जिस पर बाकी सभी ग्रहों के प्रभाव का अनुभव किया जाता है। इस दृष्टिकोण से, पृथ्वी को एक ग्रह के रूप में गिना नहीं जाता, बल्कि इसे अवलोकन का केंद्र (center of observation) माना जाता है।
सूर्य और चंद्रमा का ग्रहों में शामिल होना
नवग्रहों में सूर्य और चंद्रमा को भी ग्रहों की तरह माना जाता है, जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य एक तारा (star) है और चंद्रमा एक उपग्रह (satellite)। वैदिक ज्योतिष में, इन दोनों को ग्रहों में शामिल करने का कारण यह है कि वे सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालते हैं। सूर्य के कारण हमें प्रकाश और ऊर्जा (light and energy) मिलती है, जबकि चंद्रमा का प्रभाव ज्वार-भाटा (tides) और मनोवैज्ञानिक स्थितियों (psychological conditions) पर देखा जाता है। इसलिए, ज्योतिषीय गणनाओं में सूर्य और चंद्रमा का महत्वपूर्ण स्थान है।
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राहु और केतु: छाया ग्रह
राहु और केतु को छाया ग्रह (shadow planets) कहा जाता है, जो वास्तव में ग्रह नहीं हैं, बल्कि चंद्रमा के आरोही (ascending) और अवरोही (descending) नोड्स (nodes) हैं। ये दोनों नोड्स आकाश में ऐसे बिंदु हैं जहाँ सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आते हैं और ग्रहण (eclipse) का निर्माण करते हैं। इसलिए, राहु और केतु को भी नवग्रहों में शामिल किया गया है, क्योंकि उनका प्रभाव चंद्रमा और सूर्य के साथ संबंधों के कारण महत्वपूर्ण माना जाता है।
पृथ्वी का केंद्र के रूप में महत्व
ज्योतिषीय प्रणाली में पृथ्वी को उस मंच के रूप में देखा जाता है जिस पर सभी ग्रहों का प्रभाव अनुभव किया जाता है। इस दृष्टिकोण को भूकेंद्रित प्रणाली (geocentric system) कहा जाता है। इस प्रणाली में यह माना जाता है कि सभी ग्रह पृथ्वी के चारों ओर घूमते हैं और उनका प्रभाव पृथ्वी पर ही पड़ता है। इसलिए, पृथ्वी को ग्रहों की सूची में शामिल नहीं किया गया, क्योंकि इसे गणनाओं का आधार (basis of calculations) माना गया है।
ज्योतिषीय गणनाओं में पृथ्वी का महत्व
हालांकि पृथ्वी को नवग्रहों में शामिल नहीं किया गया है, फिर भी ज्योतिषीय गणनाओं (astrological calculations) में इसका महत्व बहुत बड़ा है। पृथ्वी की स्थिति (position of Earth) और उसकी गति (motion) अन्य ग्रहों के साथ उसके संबंध को निर्धारित करती है, जिससे कुंडली में विभिन्न योग (combinations) और दोष (flaws) बनते हैं। पृथ्वी की धुरी (axis) पर झुकाव और इसकी परिक्रमा (orbit) से दिन-रात और ऋतुओं (seasons) का निर्माण होता है, जो मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
भौगोलिक स्थिति का प्रभाव
पृथ्वी की भौगोलिक स्थिति (geographical position) भी ज्योतिषीय गणनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। व्यक्ति का जन्मस्थान (place of birth) और जन्म समय (time of birth) यह निर्धारित करता है कि अन्य ग्रहों की स्थिति क्या होगी और उनका प्रभाव कैसा होगा। इस कारण से, पृथ्वी को एक ग्रह के रूप में नहीं गिना जाता, बल्कि इसे उस आधार के रूप में देखा जाता है जिससे सभी अन्य ग्रहों का प्रभाव निर्धारित होता है।
नवग्रहों में पृथ्वी को शामिल न किए जाने का कारण ज्योतिषीय प्रणाली का भूकेंद्रित दृष्टिकोण है। इस प्रणाली में पृथ्वी को उस मंच के रूप में देखा जाता है, जिस पर बाकी सभी ग्रहों के प्रभाव का अनुभव किया जाता है। इसलिए, पृथ्वी को नवग्रहों में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन इसका महत्व ज्योतिषीय गणनाओं में बहुत अधिक है। पृथ्वी की स्थिति, गति, और भौगोलिक स्थिति ज्योतिषीय गणनाओं का आधार बनती हैं, जो मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालती हैं।
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