जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) और भारत के राष्ट्रीय भूकंपीय निगरानी केंद्र (National Center for Seismology – NCS) ने भूकंप की तीव्रता और केंद्र की पुष्टि की है। एनसीएस के अनुसार, भूकंप भारतीय समयानुसार दोपहर 11:47 बजे आया और इसका केंद्र अक्षांश 38.65° उत्तर और देशांतर 70.79° पूर्व में स्थित था। भूकंप की गहराई 94 किलोमीटर दर्ज की गई, जो इस बात का संकेत है कि इसके झटके एक बड़े क्षेत्र में महसूस किए गए।
भारत में व्यापक असर, घरों से बाहर निकले लोग:
भारत में भूकंप के झटके जम्मू-कश्मीर के प्रमुख शहरों श्रीनगर और जम्मू के अलावा पड़ोसी राज्य पंजाब के कई जिलों में भी महसूस किए गए। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के निवासियों ने भी धरती में कंपन महसूस किया, जिससे लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों, कार्यालयों और अन्य इमारतों से बाहर खुले स्थानों की ओर भागे। हालांकि, अच्छी बात यह रही कि भारत के इन प्रभावित क्षेत्रों से तत्काल किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि की कोई खबर नहीं मिली है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। EarthQuake
पाकिस्तान में भी तेज झटके, अफरा-तफरी का माहौल:
पाकिस्तान में भी भूकंप का प्रभाव व्यापक रहा। राजधानी इस्लामाबाद के अलावा पंजाब प्रांत के बड़े शहर लाहौर और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर सहित मर्दन, कोहाट, लोअर दीर, मनसेहरा, हरिपुर, एबटाबाद, स्वाबी और स्वात जैसे पहाड़ी इलाकों में भी लोगों ने तेज झटके महसूस किए। इसके अतिरिक्त, सरगोधा, चिनियोट और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के कोटली और गिलगित-बाल्टिस्तान के निवासियों ने भी भूकंप के कारण धरती में कंपन महसूस किया। पाकिस्तानी मीडिया चैनलों ने भी भूकंप की खबरों को प्रमुखता से दिखाया और लोगों से शांत रहने की अपील की। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में भी किसी बड़े नुकसान या हताहत की कोई सूचना नहीं है, लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा विस्तृत आकलन किया जा रहा है।
क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता और पिछली आपदाएं:
यह उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र हिमालयी भूकंपीय पट्टी का हिस्सा है, जो दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटों की लगातार गतिशीलता के कारण भूकंप आते रहते हैं। पाकिस्तान भी इस भूकंपीय पट्टी का हिस्सा होने के कारण अक्सर भूकंपों का सामना करता है।
वर्ष 2005 में पाकिस्तान में आया 7.6 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आज भी लोगों के जेहन में ताजा है, जिसमें 74,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे। इस त्रासदी ने देश की भूकंपीय जोखिम के प्रति भेद्यता को उजागर किया था। इसके अलावा, इस सप्ताह पहले भी पाकिस्तान में 5.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था, जो इस क्षेत्र में लगातार भूगर्भीय गतिविधियों का संकेत देता है। EarthQuake
प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की निगरानी:
आज आए भूकंप के बाद, भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और अन्य संबंधित एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। वे स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर प्रभावित क्षेत्रों से जानकारी जुटा रहे हैं। हालांकि शुरुआती रिपोर्ट्स उत्साहजनक हैं, लेकिन अधिकारी किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सतर्कता बरत रहे हैं। इमारतों की सुरक्षा का आकलन किया जा रहा है और लोगों को भूकंप के बाद बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस भूकंप की तीव्रता मध्यम श्रेणी की थी और गहराई अधिक होने के कारण इसने एक बड़े क्षेत्र में झटके महसूस कराए, लेकिन सतह पर नुकसान की संभावना कम हो गई। फिर भी, कमजोर इमारतों और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और किसी भी आवश्यकता पड़ने पर तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू करने के लिए तैयार हैं।
इस भूकंप ने एक बार फिर इस क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर किया है और मजबूत निर्माण तकनीकों और आपदा preparedness के महत्व पर जोर दिया है। EarthQuake
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