7 करोड़ की संपत्ति के मालिक रिटायर्ड बैंक अधिकारी पर EOW का शिकंजा
EOW Raid in ujjain | आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के मामले में EOW (Economic Offences Wing) की टीम ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित उज्जैन के रिटायर्ड सहायक प्रबंधक अनिल सुहाने के ठिकानों पर छापा मारा। शनिवार को हुई इस कार्रवाई में उनके घर और अन्य संपत्तियों की तलाशी ली गई। अनिल सुहाने, जिन्होंने 33 साल की नौकरी में केवल 70 लाख रुपये का वेतन प्राप्त किया, के पास 7 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
ईओडब्ल्यू उज्जैन इकाई को सुहाने के खिलाफ गोपनीय शिकायत मिली थी। शिकायत के अनुसार, उनकी कुल आय और संपत्ति में भारी अंतर पाया गया। जांच के बाद आरोप प्रमाणित होने पर उनके खिलाफ धारा 13(1)(B) और 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 संशोधित 2018 (Prevention of Corruption Act, 1988 amended 2018) के तहत मामला दर्ज किया गया। DSP (Deputy Superintendent of Police) ईओडब्ल्यू, उज्जैन, संदीप कुमार निगवाल ने जानकारी दी कि लगभग 15 लोगों की टीम ने बसंत विहार कॉलोनी स्थित उनके मकान पर छापा मारा। जांच के दौरान सुहाने के भाई के नाम पर भी संपत्तियों की जानकारी मिली।
संपत्ति का ब्योरा
जांच में पता चला कि अनिल सुहाने ने आलीशान बंगले, प्लॉट, दुकानें, लक्जरी कारों, और सोने-चांदी के आभूषणों में भारी निवेश किया है। इसके अलावा, उनके पास दवा बाजार में दो दुकानें, दो प्लॉट, तीन गाड़ियां, और बैंक में तीन लॉकर भी मिले। ईओडब्ल्यू टीम ने इन सभी का दस्तावेजी सत्यापन शुरू कर दिया है।
सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद कार्रवाई
अनिल सुहाने 31 दिसंबर 2024 को जिला सहकारी बैंक से सहायक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने अपनी अधिकांश सेवा उज्जैन में ही पूरी की। उनकी शिकायत के आधार पर ईओडब्ल्यू ने गहन जांच की, जिसमें उनकी आय और संपत्ति के बीच बड़ा अंतर पाया गया।
आय और संपत्ति का बड़ा अंतर
शिकायत के अनुसार, सुहाने की कुल आय 33 साल के सेवा काल में लगभग 70 लाख रुपये होनी चाहिए थी। लेकिन उनकी कुल संपत्ति 7 करोड़ रुपये से अधिक पाई गई। यह उनकी आय से कई गुना अधिक है।
आगे की कार्रवाई
शनिवार देर शाम तक EOW टीम की जांच जारी रही। संपत्ति के स्रोत और आय के अन्य स्त्रोतों की भी जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या इन संपत्तियों में से कुछ उनके परिवार या अन्य रिश्तेदारों के नाम पर हैं।
पड़ताल के नतीजे
- अब तक की जांच में ईओडब्ल्यू को सुहाने की निम्न संपत्तियों का पता चला:
- बसंत विहार कॉलोनी में एक आलीशान मकान।
- दवा बाजार में दो दुकानें।
- दो प्लॉट।
- तीन गाड़ियां।
- बैंक में तीन लॉकर।
भ्रष्टाचार पर सख्ती
यह कार्रवाई सरकार और जांच एजेंसियों द्वारा भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ उठाए गए सख्त कदमों का हिस्सा है। ईओडब्ल्यू इस बात का पता लगा रही है कि क्या इन संपत्तियों में काले धन का उपयोग किया गया है। ईओडब्ल्यू ने यह स्पष्ट किया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, संपत्तियों को सील कर दिया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद ही उनके खिलाफ अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला उज्जैन जैसे छोटे शहरों में भी आय से अधिक संपत्ति के मामलों की गंभीरता को दर्शाता है। अधिकारियों का मानना है कि ऐसी कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सकती है।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।