Farmers’ Protest | क्या किसानों की मांगें पूरी होंगी, या जारी रहेगा आंदोलन?
Farmers’ Protest | संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के नेतृत्व में हजारों किसानों का नोएडा (Noida) से दिल्ली (Delhi) कूच सोमवार को बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है। बीते दिन किसानों और प्रशासन के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही, जिसके बाद किसान (Farmers) अपनी मांगों के लिए कूच करने पर अड़े हुए हैं। इसके चलते जीरो प्वाइंट (Zero Point) और अन्य दिल्ली जाने वाले मार्गों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कई किसान नेताओं को घरों में नजरबंद भी कर दिया गया है। Farmers’ Protest
क्या हैं किसानों की मुख्य मांगें?
किसानों का कहना है कि नोएडा (Noida) की तीनों प्राधिकरणों द्वारा उनकी मांगों को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है। उनकी मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:
- 10% विकसित भूखंड (10% developed plots) और 64.7% अतिरिक्त मुआवजा (64.7% additional compensation) का प्रावधान किया जाए।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून (New Land Acquisition Act) के तहत 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा दिया जाए।
- गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) में पिछले 10 वर्षों से सर्किल रेट (Circle Rate) नहीं बढ़ाया गया है; इसे बढ़ाने की मांग की गई है।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ और हाई पावर कमेटी (High Power Committee) द्वारा किसानों के पक्ष में भेजी गई सिफारिशें लागू की जाएं।
- भूमिधर (Landowners) और भूमिहीन किसानों (Landless Farmers) के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ मिलें।
किसानों के प्रदर्शन का इतिहास
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर 10 किसान संगठनों ने 25 नवंबर से प्रदर्शन और महापड़ाव शुरू किया। Farmers’ Protest
- ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) प्राधिकरण के बाद किसान 28 नवंबर से यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) के सामने धरने पर बैठे हैं।
- रविवार को हुई हाई-लेवल बैठक के बाद भी कोई सहमति नहीं बन पाई।
प्रशासन और प्राधिकरण का रुख
किसानों की मांगों को लेकर प्राधिकरण (Authority) और जिला प्रशासन (District Administration) ने अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाला है। रविवार को हुई दो घंटे की बैठक विफल रही। प्रशासन का कहना है कि वे कानूनी दायरे में रहकर किसानों की समस्याओं का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं। Farmers’ Protest
दिल्ली कूच की तैयारी
किसान नेताओं (Farmer Leaders) ने दावा किया है कि गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar), गाजियाबाद (Ghaziabad), हापुड़ (Hapur) और आगरा (Agra) से हजारों किसान दिल्ली की ओर रवाना होंगे। इसके मद्देनजर दिल्ली जाने वाले मार्गों पर पुलिस द्वारा बैरिकेड लगाकर चेकिंग की जा रही है। जीरो प्वाइंट (Zero Point), कासना (Kasna) और दादरी (Dadri) जैसे प्रमुख चौराहों पर यातायात प्रभावित है। Farmers’ Protest
क्या कह रहे हैं किसान नेता?
किसान नेता (Farmer Leaders) प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। आंदोलन का लक्ष्य सरकार और प्राधिकरण पर दबाव बनाना है ताकि किसानों को उनका अधिकार मिल सके। Farmers’ Protest
प्रशासन की तैयारियां
प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर चार हजार से ज्यादा पुलिस बल (More than 4,000 police personnel) तैनात किए हैं। इसके अलावा कई किसान नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है। Farmers’ Protest
धरना-प्रदर्शन की चुनौतियां
किसानों के इस आंदोलन से यातायात (Traffic) पर गंभीर असर पड़ रहा है। नोएडा और दिल्ली के बीच कई मार्गों पर जाम की स्थिति है। इसके साथ ही, इस कूच से आम जनता की परेशानियां भी बढ़ रही हैं। Farmers’ Protest
अब सवाल यह है कि क्या किसानों की मांगें जल्द पूरी होंगी, या आंदोलन और भी व्यापक रूप लेगा? प्रशासन और किसानों के बीच बातचीत की विफलता स्थिति को और गंभीर बना सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के इस बड़े प्रदर्शन से यह साफ है कि किसान अपने अधिकारों के लिए पीछे हटने वाले नहीं हैं।आगे की स्थिति पर नजर बनी हुई है। Farmers’ Protest
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