FD या SIP किसमें निवेश करना सही, जानिए क्‍या सही हैं आपके लिए

FD या SIP में से किसमें निवेश करना सही, जानिए क्‍या सही हैं आपके लिए

FD vs SIP | वित्तीय योजनाओं और निवेश के निर्णयों में हमेशा यह सवाल उठता है कि किस विकल्प को चुना जाए। आमतौर पर निवेशकों के बीच एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) और SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के बीच तुलना होती है। एफडी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है जबकि SIP को उच्च रिटर्न के लिए पसंद किया जाता है। लेकिन SIP को एफडी से बेहतर क्यों माना जा सकता है, इसके पीछे कई कारण हैं। आइए दोनों विकल्पों की तुलना करके समझें कि SIP किस प्रकार एफडी से बेहतर साबित हो सकता है। FD vs SIP

एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) क्या है?

फिक्स्ड डिपॉजिट एक पारंपरिक निवेश विकल्प है जिसमें आप एक निश्चित राशि को बैंक या वित्तीय संस्थान में एक निश्चित अवधि के लिए जमा करते हैं। एफडी में ब्याज दर पहले से ही तय होती है और निवेशक को गारंटीड रिटर्न मिलता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं:

  • निश्चित ब्याज दर: एफडी में आपको पहले से ही मालूम होता है कि आपको कितनी ब्याज दर मिलेगी।
  • कम जोखिम: एफडी सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है क्योंकि इसमें जोखिम बहुत कम होता है।
  • नकदी की सीमित उपलब्धता: एक बार एफडी करा लेने के बाद, आमतौर पर आपको पूरी अवधि तक इंतजार करना होता है, जिससे बीच में पैसे निकालना महंगा हो सकता है।

SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) क्या है?

SIP एक निवेश योजना है जिसमें आप म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल (मासिक, त्रैमासिक, आदि) पर एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं। SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश का सरल और अनुशासित तरीका है। SIP की प्रमुख विशेषताएँ हैं:

  • लंबी अवधि के लिए लाभकारी: SIP आपको समय के साथ लाभ कमाने में मदद करता है क्योंकि यह आपको बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाकर निवेश का अनुशासित तरीका देता है।
  • रुपये की औसत लागत: बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद, SIP निवेश के माध्यम से आपको रुपये की औसत लागत का लाभ मिलता है।
  • लचीलापन: SIP में निवेश की राशि और अवधि में लचीलापन होता है, और आप अपनी आवश्यकता के अनुसार निवेश कर सकते हैं।
  • रिटर्न: SIP से प्राप्त रिटर्न एफडी की तुलना में आम तौर पर अधिक होता है, खासकर अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं। FD vs SIP

एफडी और SIP के बीच प्रमुख अंतर

1. रिटर्न

एफडी एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करता है जो बाजार की स्थितियों से अप्रभावित रहता है। चाहे बाजार कितना भी अच्छा या बुरा प्रदर्शन करे, आपको वही ब्याज मिलेगा जो पहले से तय है। मौजूदा समय में एफडी की ब्याज दरें 5-7% के बीच होती हैं, जो कि महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त नहीं मानी जा सकती। FD vs SIP

वहीं दूसरी ओर, SIP के जरिए आपको म्यूचुअल फंड्स के प्रदर्शन के आधार पर रिटर्न मिलता है। यह रिटर्न बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है और लम्बी अवधि में औसतन 12-15% तक का रिटर्न मिल सकता है, जो एफडी से काफी अधिक है। ऐतिहासिक डेटा बताता है कि इक्विटी-बेस्ड म्यूचुअल फंड्स ने लंबे समय में एफडी की तुलना में बेहतर रिटर्न दिए हैं। FD vs SIP

2. जोखिम और सुरक्षा

एफडी में जोखिम बिल्कुल नहीं होता है क्योंकि यह एक सुरक्षित निवेश है। आपका पैसा बैंक में सुरक्षित होता है और आपको निश्चित ब्याज मिलता है, इसलिए इसमें पूंजी हानि की संभावना नहीं होती। यह उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है जो जोखिम से बचना चाहते हैं। FD vs SIP

SIP, म्यूचुअल फंड्स में निवेश के कारण, बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है, जिससे इसमें कुछ हद तक जोखिम होता है। हालांकि, लम्बी अवधि में, जोखिम कम हो जाता है और निवेशक को बाजार के औसत रिटर्न का लाभ मिलता है। साथ ही, SIP का एक और फायदा यह है कि समय के साथ जोखिम को कम करने के लिए आप अपने पोर्टफोलियो को विविधता दे सकते हैं। FD vs SIP

3. लिक्विडिटी (नकदी की उपलब्धता)

एफडी एक निश्चित अवधि के लिए होता है, और अगर आप बीच में पैसे निकालते हैं, तो आपको पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। इससे आपकी लिक्विडिटी सीमित होती है।

SIP में आप अपनी मर्जी से पैसे निकाल सकते हैं, खासकर ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में। इससे SIP में लिक्विडिटी ज्यादा होती है और जरूरत पड़ने पर आप अपना निवेश आसानी से वापस ले सकते हैं। FD vs SIP

4. महंगाई दर पर प्रभाव

एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरें महंगाई दर को मात नहीं दे पातीं। उदाहरण के लिए, अगर महंगाई दर 6% है और एफडी पर आपको 5% ब्याज मिल रहा है, तो आपके निवेश की वास्तविक क्रय शक्ति घट रही है। FD vs SIP

SIP के जरिए निवेश करने पर आपको जो रिटर्न मिलता है, वह महंगाई दर से अधिक होता है। लम्बी अवधि में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाला रिटर्न महंगाई दर को आसानी से मात दे सकता है, जिससे आपकी पूंजी की वास्तविक क्रय शक्ति बढ़ती है। FD vs SIP

5. टैक्सेशन

एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर आपकी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है। इसका मतलब है कि अगर आप उच्च टैक्स स्लैब में आते हैं, तो आपका अधिकांश ब्याज टैक्स के रूप में चला जाता है, जिससे आपको कम नेट रिटर्न मिलता है। FD vs SIP

SIP पर, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एक साल के बाद मिलने वाला रिटर्न टैक्स फ्री होता है, जबकि लम्बी अवधि में होने वाले कैपिटल गेन पर 10% का टैक्स लगता है, जो एफडी की तुलना में कम है। इस प्रकार, टैक्स के मामले में भी SIP अधिक लाभदायक होता है। FD vs SIP

SIP के अन्य लाभ

1. अनुशासनिक निवेश

SIP एक अनुशासित निवेश योजना है। इसमें आपको नियमित अंतराल पर निश्चित राशि निवेश करनी होती है, जिससे आप निवेश के प्रति अनुशासित रहते हैं। इससे आपकी बचत और निवेश की आदत मजबूत होती है। FD vs SIP

2. चक्रवृद्धि का लाभ

SIP के जरिए आपको चक्रवृद्धि ब्याज (compounding) का लाभ मिलता है। इसका मतलब है कि आपके निवेश पर जो रिटर्न मिलता है, वह भी अगले निवेश में जुड़ जाता है और समय के साथ आपका पैसा तेजी से बढ़ता है। FD vs SIP

3. लंबी अवधि में अधिक रिटर्न

लम्बी अवधि में SIP आपको बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाता है और औसत रिटर्न देने में सक्षम होता है। समय के साथ अगर आप लगातार SIP जारी रखते हैं, तो आप उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

4. स्मॉल कैप और मिड कैप फंड्स का लाभ

अगर आप जोखिम लेने के इच्छुक हैं, तो SIP के जरिए स्मॉल कैप और मिड कैप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं। ये फंड्स लम्बी अवधि में उच्च रिटर्न देते हैं, जो एफडी से कहीं अधिक होते हैं।

एफडी एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, लेकिन यह महंगाई को मात नहीं दे सकता और लम्बी अवधि में पर्याप्त रिटर्न नहीं देता। वहीं SIP आपको लम्बी अवधि में बेहतर रिटर्न प्रदान करता है और आपके निवेश को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा, टैक्स लाभ और लचीलापन इसे एक बेहतर निवेश विकल्प बनाते हैं। इसलिए, अगर आप लम्बी अवधि के लिए निवेश करने का सोच रहे हैं और उच्च रिटर्न चाहते हैं, तो SIP को एफडी पर प्राथमिकता देना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। FD vs SIP

हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपनी वित्तीय स्थिति, लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए निवेश का निर्णय लें। दोनों ही विकल्पों का उपयोग अलग-अलग परिस्थितियों में किया जा सकता है, लेकिन SIP निश्चित रूप से एक बेहतर विकल्प हो सकता है, खासकर लम्बी अवधि के निवेशकों के लिए। FD vs SIP


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