डिजिटल संस्कृति की रक्षा: सांसद फिरोजिया की पहल से 25 अश्लील ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध

डिजिटल संस्कृति की रक्षा: सांसद फिरोजिया की पहल से 25 अश्लील ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध

Firojia MP bans vulgar OTT content | भारत की सांस्कृतिक और नैतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 25 ओटीटी (ओवर-द-टॉप) प्लेटफॉर्म्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह कार्रवाई उज्जैन-आलोट के सांसद श्री अनिल फिरोजिया की अथक मुहिम और संसद में उनके द्वारा बार-बार उठाए गए इस गंभीर मुद्दे के परिणामस्वरूप हुई है। उनकी इस पहल ने न केवल डिजिटल मीडिया में अनुशासन की दिशा में एक मील का पत्थर स्थापित किया है, बल्कि भारतीय समाज के मूल्यों और युवा पीढ़ी के भविष्य की रक्षा के लिए एक मजबूत संदेश भी दिया है। Firojia MP bans vulgar OTT content

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सांसद फिरोजिया की सतत मुहिम

सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती अश्लीलता और अनैतिक सामग्री के खिलाफ अपनी आवाज को लगातार बुलंद किया। इस मुहिम की शुरुआत उन्होंने 27 मार्च को संसद में की, जब उन्होंने बिग बॉस जैसे ऑनलाइन कार्यक्रमों, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और अन्य डिजिटल माध्यमों पर प्रसारित होने वाली अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की मांग की। उन्होंने सभापति के माध्यम से केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का ध्यान इस ओर आकर्षित किया।

इसके बाद, उन्होंने अपनी मांग को और मजबूती प्रदान करने के लिए 4 मई और 26 मई को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र लिखे। साथ ही, 4 जून और 18 जून को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन से व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त, 1 मई को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल (@AnilFirojiyaMP) के माध्यम से उन्होंने इस विषय को सार्वजनिक मंच पर भी उठाया, जिसे व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ।

मंत्रालय का कठोर कदम

सांसद फिरोजिया के निरंतर प्रयासों और संसद में उनके द्वारा उठाए गए सवालों के बाद, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने गहन जांच और विचार-विमर्श के पश्चात 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ये प्लेटफॉर्म्स भारतीय संस्कृति, सामाजिक मर्यादाओं और नैतिक मूल्यों के विपरीत सामग्री का प्रसार कर रहे थे, जो बच्चों, युवाओं, महिलाओं और परिवारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही थी।

प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म्स में शामिल हैं वे मंच जो अश्लीलता, हिंसा, और अनैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने वाली सामग्री को बिना किसी नियंत्रण के प्रसारित कर रहे थे। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत की गई है, जो डिजिटल मीडिया के लिए नैतिक और कानूनी मानदंडों का पालन अनिवार्य करता है।

सांसद अनिल फिरोजिया का बयान

इस ऐतिहासिक निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने कहा:

“भारत की सांस्कृतिक और नैतिक विरासत हमारी अमूल्य धरोहर है, जिसकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती अश्लीलता और भ्रामक सामग्री नई पीढ़ी के संस्कारों और समाज की मर्यादाओं को नष्ट कर रही थी। मैं इस निर्णायक कदम के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी, राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन जी और मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। यह निर्णय न केवल हमारी सांस्कृतिक गरिमा की रक्षा करेगा, बल्कि युवाओं और बच्चों के भविष्य को भी सुरक्षित करेगा।”

सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

यह प्रतिबंध डिजिटल मीडिया में अनुशासन और शुचिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कार्रवाई से न केवल ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सामग्री के स्तर में सुधार होगा, बल्कि अन्य डिजिटल मंचों को भी अपनी सामग्री को भारतीय संस्कृति और नैतिकता के अनुरूप बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

सामाजिक कार्यकर्ताओं और अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। दिल्ली की एक सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती राधिका शर्मा ने कहा, “यह कदम बच्चों और युवाओं को अनुचित सामग्री से बचाने में मदद करेगा। हम सांसद फिरोजिया और सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हैं।”

भविष्य की दिशा

यह कार्रवाई डिजिटल मीडिया के लिए एक नई शुरुआत का संकेत देती है। सरकार ने स्पष्ट किया है   कि वह उन सभी प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी नजर रखेगी जो भारतीय कानूनों और सांस्कृतिक मूल्यों का उल्लंघन करते हैं। मंत्रालय ने अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को भी चेतावनी दी है कि वे अपनी सामग्री को संवैधानिक मर्यादाओं और सामाजिक मूल्यों के अनुरूप बनाएँ, अन्यथा उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसके साथ ही, सरकार डिजिटल मीडिया के लिए एक व्यापक नियामक ढांचा विकसित करने की दिशा में भी काम कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी सामग्री को शुरूआत में ही रोका जा सके। विशेषज्ञों का सुझाव है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को स्व-नियमन (self-regulation) की दिशा में भी कदम उठाने चाहिए, ताकि वे दर्शकों का विश्वास बनाए रख सकें। Firojia MP bans vulgar OTT content

सांसद अनिल फिरोजिया की इस मुहिम ने न केवल डिजिटलमीडिया में अनुशासन की दिशा में एक नया अध्याय शुरू किया है, बल्कि भारतीयसमाज के मूल्यों और संस्कृति की रक्षा के लिए एक मिसाल भी कायम की है। यह निर्णय नई पीढ़ी को एक सुरक्षित और नैतिक डिजिटल वातावरण प्रदान करने की दिशा में एकमहत्वपूर्ण कदम है। उम्मीद है कि यह कार्रवाई अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को भी प्रेरित करेगी कि वे अपनी जिम्मेदारी को समझें और भारतीयसंस्कृति का सम्मान करें। Firojia MP bans vulgar OTT content


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