सरकार का स्पष्टीकरण: 2,000 से अधिक के UPI भुगतानों पर GST लगाने की कोई योजना नहीं

सरकार का स्पष्टीकरण: 2,000 से अधिक के UPI भुगतानों पर GST लगाने की कोई योजना नहीं

gst on upi transactions | नई दिल्ली: भारत सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल भुगतान परिदृश्य में व्याप्त अनिश्चितता को दूर करते हुए एक आधिकारिक और स्पष्ट बयान जारी किया। इस बयान में, सरकार ने उन निराधार और भ्रामक रिपोर्टों का पुरजोर खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि वह 2,000 से अधिक के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय ने इन खबरों को पूर्णतः असत्य, आधारहीन और शरारतपूर्ण करार दिया है, और देश की जनता से आग्रह किया है कि वे ऐसी किसी भी अपुष्ट सूचना पर विश्वास न करें। मंत्रालय ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान में सरकार के स्तर पर ऐसी किसी भी प्रकार की कर नीति पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। gst on upi transactions

GST का मौजूदा ढांचा और डिजिटल भुगतान पर इसके निहितार्थ

वित्त मंत्रालय ने GST के वर्तमान ढांचे और डिजिटल भुगतान के संदर्भ में इसकी प्रयोज्यता पर विस्तृत स्पष्टीकरण प्रदान किया। मंत्रालय ने बताया कि GST का प्रावधान मुख्य रूप से कुछ विशिष्ट उपकरणों और माध्यमों से किए गए भुगतानों से जुड़े मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) जैसे सेवा शुल्कों पर लागू होता है। MDR वह शुल्क है जो व्यापारी अपने ग्राहकों से डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या अन्य डिजिटल भुगतान विधियों के माध्यम से भुगतान स्वीकार करने के लिए बैंकों या भुगतान सेवा प्रदाताओं को देते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक प्रगतिशील कदम उठाते हुए, जनवरी 2020 से प्रभावी रूप से व्यक्ति-से-व्यापारी (P2M) UPI लेनदेन पर MDR को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। इस नीतिगत निर्णय का उद्देश्य छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था। gst on upi transactions

UPI लेनदेन पर GST लागू न होने का सुसंगत तर्क

वित्त मंत्रालय ने इस बात पर दृढ़ता से बल दिया कि चूंकि वर्तमान परिदृश्य में अधिकांश UPI लेनदेन पर कोई MDR शुल्क लागू नहीं होता है, इसलिए इन लेनदेन पर GST लगाने का कोई कानूनी या आर्थिक आधार मौजूद नहीं है। मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से दोहराया कि 2,000 से अधिक के UPI लेनदेन पर GST लगाने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है और न ही भविष्य में ऐसी किसी नीति को लागू करने की कोई योजना है। सरकार का यह स्पष्ट और निर्णायक बयान उन आशंकाओं और भ्रम की स्थिति को समाप्त करने के उद्देश्य से जारी किया गया है, जो हाल ही में प्रसारित हुई निराधार अफवाहों के कारण उत्पन्न हो सकती थीं। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि डिजिटल भुगतान के उपयोगकर्ता बिना किसी आशंका के UPI का उपयोग जारी रख सकें।

भारत में UPI लेनदेन की असाधारण वृद्धि और डिजिटल क्रांति में इसका योगदान

सरकार का यह स्पष्टीकरण ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आया है जब भारत में UPI लेनदेन ने अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है और यह देश की डिजिटल क्रांति का एक अभिन्न अंग बन गया है। आधिकारिक सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 में UPI लेनदेन का कुल मूल्य ₹21.3 लाख करोड़ था। इसके विपरीत, मार्च 2025 तक, UPI लेनदेन का वार्षिक मूल्य आश्चर्यजनक रूप से बढ़कर ₹260.6 लाख करोड़ हो गया है। यह असाधारण वृद्धि न केवल भारतीय नागरिकों द्वारा डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाने को दर्शाती है, बल्कि UPI की पहुंच, सुविधा और सुरक्षा में उनके बढ़ते विश्वास को भी प्रमाणित करती है। UPI ने छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े व्यवसायों तक, सभी के लिए भुगतान के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे वित्तीय लेनदेन अधिक कुशल, पारदर्शी और सुलभ हो गए हैं। gst on upi transactions

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता

भारत सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और एक मजबूत डिजिटल अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। UPI की सफलता इस प्रतिबद्धता का एक ज्वलंत प्रमाण है। सरकार ने लगातार ऐसे नीतिगत उपाय किए हैं जो डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करते हैं और नकदी पर निर्भरता को कम करते हैं। UPI को बढ़ावा देने के अलावा, सरकार ने भीम ऐप, RuPay कार्ड और अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों को भी सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है। सरकार का मानना है कि डिजिटल भुगतान न केवल आर्थिक दक्षता में सुधार करते हैं बल्कि भ्रष्टाचार को कम करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ₹2,000 से अधिक के UPI भुगतानों पर GST लगाने की अफवाहों का खंडन सरकार के इसी व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान के उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास बनाए रखना और उन्हें निर्बाध रूप से इस प्रणाली का उपयोग जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि डिजिटल भुगतान की प्रगति बिना किसी अनावश्यक कर बोझ के जारी रहे। gst on upi transactions

अफवाहों से बचें, डिजिटल भुगतान को अपनाएं

अंततः, वित्त मंत्रालय का यह स्पष्ट और आधिकारिक बयान UPI उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है। यह न केवल ₹2,000 से अधिक के UPI भुगतानों पर GST लगाने की निराधार अफवाहों को समाप्त करता है, बल्कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को भी दोहराता है। देश के नागरिकों से आग्रह किया जाता है कि वे ऐसी किसी भी अपुष्ट और भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें और डिजिटल भुगतान के सुरक्षित और कुशल माध्यम के रूप में UPI का उपयोग निर्बाध रूप से जारी रखें। सरकार डिजिटल इंडिया के अपने दृष्टिकोण को साकार करने और एक मजबूत डिजिटल अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। gst on upi transactions


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