हरियाली अमावस्या पर स्नान-दान, पूजा, तर्पण और शुभ पेड़-पौधे लगाने की जानकारी
Hariyali Amavasya | हिंदू धर्म में हरियाली अमावस्या का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह पर्व सावन मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है और इसे पितरों को समर्पित माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध, और भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस साल हरियाली अमावस्या 24 जुलाई 2025, गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन स्नान-दान, पूजा-पाठ, और कुछ विशेष पेड़-पौधे लगाने की परंपरा भी है, जो सुख-समृद्धि और सकारात्मकता लाती है। आइए, हरियाली अमावस्या के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, तर्पण, और शुभ पेड़-पौधों के बारे में विस्तार से जानते हैं। Hariyali Amavasya
हरियाली अमावस्या का महत्व
हरियाली अमावस्या, जिसे सावन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक पवित्र और शुभ दिन है। सावन मास भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है, और इस महीने की अमावस्या को प्रकृति की हरियाली के कारण “हरियाली अमावस्या” कहा जाता है। इस दिन चारों ओर फैली हरियाली वातावरण को शुद्ध करती है, और यह पर्व पर्यावरण संरक्षण और पितरों की शांति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
- पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध: इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। मान्यता है कि इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- भगवान शिव की पूजा: सावन मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। हरियाली अमावस्या पर शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, और धतूरा चढ़ाकर उनकी आराधना की जाती है।
- पर्यावरण संरक्षण: इस दिन पेड़-पौधे लगाने की परंपरा है, जो प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और संरक्षण का प्रतीक है।
हरियाली अमावस्या 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
हरियाली अमावस्या की तिथि 24 जुलाई 2025 को सुबह 02:28 बजे से शुरू होकर 25 जुलाई 2025 को सुबह 12:40 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, यह पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:15 बजे से 04:57 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:55 बजे तक
- अमृत काल: दोपहर 02:26 बजे से 03:58 बजे तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: पूरे दिन (शुभ कार्यों के लिए फलदायी)
- गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग: शाम 04:43 बजे से पूरे दिन
पितरों के तर्पण का मुहूर्त:
- प्रातः सन्ध्या: सुबह 04:18 बजे से 05:21 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:19 बजे से 03:13 बजे तक
तर्पण विधि: तर्पण सुबह 11 बजे से पहले दक्षिण दिशा की ओर मुख करके किया जाता है। इस दौरान “ॐ पितृ देवाय नमः” मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। जल में काले तिल मिलाकर पितरों को अर्पित करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
हरियाली अमावस्या पर पूजा विधि
हरियाली अमावस्या पर पूजा-पाठ और स्नान-दान का विशेष महत्व है। निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- स्नान: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी, तालाब, या घर पर स्नान करें। स्नान के दौरान जल में गंगाजल और काले तिल मिलाएं।
- पितरों का तर्पण: दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल, काले तिल, और कुशा के साथ पितरों को तर्पण अर्पित करें। मंत्र “ॐ पितृ देवाय नमः” का जाप करें।
- शिव पूजा: शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, और चंदन अर्पित करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप 108 बार करें।
- हनुमान पूजा: हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- दान: गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, या धन का दान करें। यह पुण्यदायी माना जाता है।
हरियाली अमावस्या के शुभ उपाय
हरियाली अमावस्या पर निम्नलिखित उपाय करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है:
- पितृ तर्पण: जल में काले तिल और कुशा मिलाकर पितरों को तर्पण अर्पित करें। यह पितृ दोष को शांत करता है।
- शिव अभिषेक: शिवलिंग पर दूध, जल, और बेलपत्र चढ़ाकर अभिषेक करें। यह मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।
- हनुमान चालीसा पाठ: हनुमान मंदिर में दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह नकारात्मकता को दूर करता है।
- अन्न दान: गरीबों को भोजन या अनाज का दान करें। इससे आर्थिक समस्याएं कम होती हैं।
- शमी पूजा: शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। यह शनि दोष से मुक्ति दिलाता है।
- मछलियों को आटा खिलाना: नदी या तालाब में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। यह ग्रह दोषों को शांत करता है।
- पेड़-पौधे लगाना: इस दिन तुलसी, शमी, या बेल का पौधा लगाना शुभ माना जाता है।
हरियाली अमावस्या पर शुभ पेड़-पौधे
हरियाली अमावस्या पर पेड़-पौधे लगाना पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिक लाभ दोनों के लिए शुभ है। शास्त्रों के अनुसार, निम्नलिखित पेड़-पौधे लगाने से सकारात्मकता और समृद्धि बढ़ती है:
- तुलसी (Tulsi):
- तुलसी को हिंदू धर्म में पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इसे भगवान विष्णु का प्रिय पौधा माना जाता है।
- हरियाली अमावस्या पर तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- तुलसी की पूजा करने और इसके नीचे दीपक जलाने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति मिलती है。
- शमी (Shami):
- शमी का पौधा भगवान शिव और शनिदेव को प्रिय है। इसे लगाने से शनि दोष और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- हरियाली अमावस्या पर शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
- यह पौधा भाग्य और समृद्धि को आकर्षित करता है।
- बेल (Bel Plant):
- बेल वृक्ष भगवान शिव का प्रिय है, और इसकी पत्तियां (बेलपत्र) शिव पूजा में अनिवार्य हैं।
- हरियाली अमावस्या पर बेल का पौधा लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
- बेल वृक्ष की पूजा करने से कुंडली में ग्रह दोष कम होते हैं।
- पीपल (Peepal):
- पीपल का पेड़ आध्यात्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसे लगाने से पितृ दोष और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
- हरियाली अमावस्या पर पीपल का पौधा लगाकर इसके नीचे जल अर्पित करें।
- अशोक (Ashoka):
- अशोक का पेड़ सुख और शांति का प्रतीक है। इसे लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- इस दिन अशोक का पौधा लगाकर इसकी पूजा करें और दीपक जलाएं।
हरियाली अमावस्या का आध्यात्मिक और पर्यावरणीय महत्व
- आध्यात्मिक महत्व: हरियाली अमावस्या पर पितरों का तर्पण और भगवान शिव की पूजा करने से कुंडली में पितृ दोष, शनि दोष, और अन्य ग्रह दोष शांत होते हैं। यह दिन परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए आदर्श है।
- पर्यावरणीय महत्व: सावन मास में हरियाली की प्रचुरता के कारण इस दिन पेड़-पौधे लगाने की परंपरा है। यह पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है।
- सामाजिक महत्व: इस दिन दान-पुण्य और जरूरतमंदों की मदद करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सामाजिक सद्भाव बढ़ता है।
हरियाली अमावस्या के लाभ
- पितृ दोष से मुक्ति: तर्पण और श्राद्ध कर्म से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में चल रहे कलह-क्लेश समाप्त होते हैं।
- आर्थिक समृद्धि: अन्न दान और शुभ कार्यों से आर्थिक समस्याएं कम होती हैं।
- स्वास्थ्य और सुख: शिव पूजा और पेड़-पौधे लगाने से स्वास्थ्य लाभ और मानसिक शांति मिलती है।
- पर्यावरण संरक्षण: पेड़-पौधे लगाने से प्रकृति का संतुलन बना रहता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
हरियालीअमावस्या 2025, जो 24 जुलाई को मनाई जाएगी, पितरों की शांति, भगवानशिव की आराधना, और प्रकृति संरक्षण का एक महत्वपूर्णअवसर है। इस दिन स्नान-दान, तर्पण, शिव पूजा, और तुलसी, शमी, बेल जैसे पेड़-पौधे लगाने से सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। शुभ मुहूर्त में पूजा और तर्पण करने से पितृ दोष और ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है, जबकिपेड़-पौधे लगाने से पर्यावरण को लाभ होता है। यह पर्व आध्यात्मिक,सामाजिक, और पर्यावरणीय दृष्टि से एक अनूठा संदेश देता है। Hariyali Amavasya
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।