थायराइड को नियंत्रित करने के लिए 4 रामबाण हर्बल चाय: प्राकृतिक उपाय से पाएं बेहतर स्वास्थ्य
Herbal_Teas_for_Thyroid_2025 | चाय पीना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, और अधिकतर लोग अपनी सुबह की शुरुआत एक कप चाय के साथ करते हैं। हालांकि, सामान्य दूध और चीनी वाली चाय को सेहत के लिए हमेशा अच्छा नहीं माना जाता, लेकिन हर्बल चाय एक स्वस्थ विकल्प हो सकती है। खासकर जब बात थायराइड जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करने की हो, तो हर्बल चाय न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित होती है। Herbal_Teas_for_Thyroid_2025
थायराइड ग्रंथि गर्दन में स्थित एक छोटी सी ग्रंथि है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा स्तर, और हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती है। जब यह ग्रंथि सही ढंग से काम नहीं करती, तो हाइपोथायरायडिज्म (कम थायराइड हार्मोन) या हाइपरथायरायडिज्म (अधिक थायराइड हार्मोन) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इनके लक्षणों में थकान, मूड स्विंग्स, वजन बढ़ना या घटना, बालों का झड़ना, और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। Herbal_Teas_for_Thyroid_2025
यूं तो थायराइड का इलाज दवाइयों और डॉक्टर की सलाह से किया जाता है, लेकिन कुछ हर्बल चाय को अपनी डाइट में शामिल करने से थायराइड के लक्षणों को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। ये चाय न केवल थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में सहायक हैं, बल्कि शरीर की सूजन, तनाव, और कमजोर इम्यूनिटी को भी ठीक करती हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी के अनुसार, निम्नलिखित चार हर्बल चाय थायराइड मरीजों के लिए रामबाण की तरह काम कर सकती हैं। इस लेख में हम इन चाय के लाभ, बनाने का तरीका, और सही समय के बारे में विस्तार से जानेंगे। Herbal_Teas_for_Thyroid_2025
1. अदरक की चाय: पाचन और सूजन के लिए रामबाण
लाभ: अदरक की चाय थायराइड मरीजों के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो थायराइड ग्रंथि में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। थायराइड की समस्या में अक्सर पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, जिससे कब्ज, अपच, और सूजन जैसी समस्याएं होती हैं। अदरक की चाय पाचन को बेहतर बनाती है और शरीर में गर्मी पैदा करके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है। इसके अलावा, यह थायराइड के कारण होने वाले मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को कम करने में भी सहायक है।
बनाने का तरीका:
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एक कप पानी में 1 इंच ताजा अदरक का टुकड़ा कद्दूकस करें या छोटे टुकड़ों में काट लें।
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इसे 5-7 मिनट तक उबालें।
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स्वाद के लिए थोड़ा शहद या नींबू का रस मिलाएं। चीनी का उपयोग न करें।
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इसे छानकर मिड-मॉर्निंग (सुबह 10-11 बजे) या दोपहर के भोजन के बाद पिएं।
सावधानी: अधिक मात्रा में अदरक की चाय पीने से बचें, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकती है। दिन में 1-2 कप पर्याप्त हैं।
वैज्ञानिक आधार: 2016 की एक स्टडी में पाया गया कि अदरक में मौजूद जिंजरोल और शोगोल जैसे यौगिक सूजन को कम करते हैं और थायराइड से संबंधित ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को नियंत्रित करते हैं।
2. तुलसी की चाय: तनाव और इम्यूनिटी के लिए लाभकारी
लाभ: तुलसी, जिसे “होली बेसिल” के नाम से भी जाना जाता है, अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। थायराइड मरीजों के लिए तुलसी की चाय मानसिक तनाव को कम करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है। थायराइड की समस्या में अक्सर तनाव और मूड स्विंग्स एक बड़ी चुनौती होते हैं। तुलसी में एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जो तनाव को कम करके दिमाग को शांत करते हैं। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में सहायक हैं। 2014 की एक स्टडी के अनुसार, तुलसी थायराइड हार्मोन के संतुलन को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देती है।
बनाने का तरीका:
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8-10 ताजा तुलसी की पत्तियों को एक कप पानी में डालें।
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इसे 5 मिनट तक उबालें और फिर छान लें।
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स्वाद के लिए थोड़ा शहद या गुड़ मिलाएं। चीनी से परहेज करें।
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इसे सुबह या शाम के समय पिएं।
सावधानी: तुलसी की चाय को खाली पेट लेने से बचें, क्योंकि यह कुछ लोगों में पेट में जलन पैदा कर सकती है। इसे भोजन के बाद लेना बेहतर है।
वैज्ञानिक आधार: जर्नल ऑफ एथनोफार्माकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि तुलसी में यूजेनॉल और अन्य यौगिक होते हैं, जो थायराइड स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हैं।
3. मोरिंगा की चाय: थायराइड हार्मोन के लिए सुपरफूड
लाभ: मोरिंगा, जिसे “ड्रमस्टिक ट्री” या “सहजन” के नाम से भी जाना जाता है, थायराइड मरीजों के लिए एक सुपरफूड है। मोरिंगा की पत्तियों में सेलेनियम और जिंक जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स पाए जाते हैं, जो थायराइड हार्मोन (T3 और T4) के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जर्नल ऑफ फूड बायोकैमिस्ट्री (2018) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मोरिंगा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और थायराइड ग्रंथि की कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं। यह चाय मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और थकान को कम करने में भी मदद करती है।
बनाने का तरीका:
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एक चम्मच मोरिंगा पाउडर या 8-10 सूखी मोरिंगा पत्तियों को एक कप गर्म पानी में डालें।
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इसे 5-7 मिनट तक उबालें या भिगोकर रखें।
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छानकर इसमें थोड़ा नींबू का रस या शहद मिलाएं।
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इसे सुबह या दोपहर में पिएं।
सावधानी: मोरिंगा की चाय को अधिक मात्रा में न लें, क्योंकि यह कुछ लोगों में ब्लड शुगर या ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकती है। दिन में एक कप पर्याप्त है।
वैज्ञानिक आधार: मोरिंगा में मौजूद सेलेनियम थायराइड हार्मोन के संश्लेषण में महत्वपूर्ण है, जबकि जिंक थायराइड ग्रंथि के कार्य को समर्थन देता है।
4. ग्रीन टी: डिटॉक्स और मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद
लाभ: ग्रीन टी अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए विश्व प्रसिद्ध है और थायराइड मरीजों के लिए सीमित मात्रा में फायदेमंद हो सकती है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन्स शरीर को डिटॉक्स करने, मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने, और थायराइड ग्रंथि में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह थायराइड के कारण होने वाली थकान और वजन बढ़ने की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक है। हालांकि, ग्रीन टी में कैफीन होता है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए।
बनाने का तरीका:
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एक चम्मच ग्रीन टी की पत्तियों को एक कप गर्म पानी में 2-3 मिनट तक भिगोएं।
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इसे छानकर थोड़ा शहद या नींबू मिलाएं।
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इसे दिन में एक बार, अधिमानतः सुबह के समय पिएं।
सावधानी: ग्रीन टी को दिन में एक कप से ज्यादा न पिएं, क्योंकि अधिक कैफीन थायराइड हार्मोन को प्रभावित कर सकता है। इसे खाली पेट लेने से बचें।
वैज्ञानिक आधार: 2017 की एक स्टडी में पाया गया कि ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, जैसे EGCG, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और थायराइड स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
हर्बल चाय के अतिरिक्त लाभ
ये चार हर्बल चाय न केवल थायराइड को नियंत्रित करने में मदद करती हैं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती हैं:
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इम्यूनिटी बढ़ाना: तुलसी और मोरिंगा की चाय इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं, जो थायराइड मरीजों के लिए जरूरी है।
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तनाव में कमी: तुलसी और अदरक की चाय तनाव और चिंता को कम करती हैं, जो थायराइड के लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक है।
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पाचन में सुधार: अदरक और ग्रीन टी पाचन को बेहतर बनाती हैं, जो थायराइड मरीजों में आम समस्या होती है।
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वजन नियंत्रण: ग्रीन टी और मोरिंगा की चाय मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
थायराइड मरीजों के लिए अतिरिक्त टिप्स
हर्बल चाय को अपनी डाइट में शामिल करने के साथ-साथ निम्नलिखित टिप्स थायराइड को नियंत्रित करने में मदद करेंगे:
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संतुलित आहार: आयोडीन, सेलेनियम, और जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मछली, नट्स, और हरी सब्जियां खाएं।
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नियमित व्यायाम: योग और हल्का व्यायाम थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है। सूर्य नमस्कार और प्राणायाम विशेष रूप से लाभकारी हैं।
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पर्याप्त नींद: 7-8 घंटे की नींद लें, क्योंकि नींद की कमी थायराइड को प्रभावित कर सकती है।
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तनाव प्रबंधन: ध्यान, योग, और गहरी सांस लेने की तकनीक तनाव को कम करती हैं।
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डॉक्टर की सलाह: हर्बल चाय को अपनी दवाइयों के साथ लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें, क्योंकि कुछ जड़ी-बूटियां दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं।
डिस्क्लेमर
यहां दी गई जानकारी सामान्यस्वास्थ्य सलाह और वैज्ञानिक अध्ययनों परआधारित है। यह किसी चिकित्सीय सलाह का स्थान नहीं लेती। थायराइड उपचार के लिए हमेशा अपनेडॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह लें। किसी भी हर्बल चाय को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले यहसुनिश्चित करें कि यह आपकी स्वास्थ्य स्थिति के लिए उपयुक्त है। Herbal_Teas_for_Thyroid_2025
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।