क्यों और कैसे मनाया जाता है हिंदी दिवस यह दिन, जानें इसका इतिहास और इस साल की थीम
Hindi Diwas 2025 | हर साल 14 सितंबर को भारत में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के सांस्कृतिक, सामाजिक और प्रशासनिक महत्व को रेखांकित करता है। देशभर में इस अवसर पर स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों और सांस्कृतिक संगठनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें निबंध लेखन, कविता पाठ, वाद-विवाद और सांस्कृतिक प्रदर्शन शामिल हैं। हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना, इसकी समृद्ध साहित्यिक विरासत को संरक्षित करना और इसे वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना है। प्रत्येक वर्ष एक नई थीम के साथ यह दिन मनाया जाता है, जो हिंदी के विभिन्न आयामों को उजागर करती है। आइए जानते हैं हिंदी दिवस का इतिहास और 2025 की थीम। Hindi Diwas 2025
हिंदी दिवस का इतिहास
हिंदी दिवस का इतिहास 14 सितंबर 1949 से जुड़ा है, जब भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। यह निर्णय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत लिया गया, जिसके अनुसार हिंदी और अंग्रेजी को केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषाओं के रूप में मान्यता दी गई। इस निर्णय का उद्देश्य देश की भाषाई विविधता को एक सूत्र में पिरोते हुए राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना था। पहला हिंदी दिवस 1953 में मनाया गया, और तब से यह हर साल 14 सितंबर को उत्साह के साथ मनाया जाता है।
हिंदी भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है, जिसे 43.63% से अधिक भारतीय अपनी प्रथम भाषा के रूप में बोलते हैं (2011 की जनगणना के अनुसार)। हिंदी साहित्य ने रामधारी सिंह दिनकर, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, जयशंकर प्रसाद और महादेवी वर्मा जैसे कवियों और लेखकों के माध्यम से देश की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है।
हिंदी दिवस 2025 की थीम
हर साल हिंदी दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है, जो हिंदी भाषा के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है। 2025 के लिए हिंदी दिवस की थीम “हिंदी: राष्ट्रीय एकता और वैश्विक पहचान की ताकत” (The Power of National Unity and Global Identity) है। यह थीम हिंदी को न केवल भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करती है, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर एक मजबूत पहचान के रूप में स्थापित करने पर भी जोर देती है।
इस थीम के तहत हिंदी को आधुनिक तकनीक, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया है। हिंदी को डिजिटल प्लेटफॉर्म और AI टूल्स के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह थीम हिंदी की प्रासंगिकता को आधुनिक युग में और मजबूत करने का प्रयास करती है।
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
हिंदी दिवस मनाने के पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं:
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भाषाई एकता: हिंदी को भारत की विविध भाषाई और सांस्कृतिक समुदायों को जोड़ने वाले सेतु के रूप में बढ़ावा देना।
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सांस्कृतिक गौरव: हिंदी साहित्य और इसकी समृद्ध विरासत को सम्मान देना और इसे नई पीढ़ी तक पहुँचाना।
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प्रशासनिक उपयोग: सरकारी और प्रशासनिक कार्यों में हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
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वैश्विक पहचान: हिंदी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक महत्वपूर्ण भाषा के रूप में स्थापित करना।
हिंदी दिवस 2025 का उत्सव
हिंदी दिवस के अवसर पर देशभर में कई तरह के आयोजन किए जाते हैं:
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शैक्षिक संस्थानों में: स्कूलों और कॉलेजों में निबंध लेखन, कविता पाठ, वाद-विवाद और नाटक जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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सरकारी पहल: राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे सम्मान दिए जाते हैं, जो हिंदी के प्रचार-प्रसार में योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को प्रोत्साहित करते हैं।
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सांस्कृतिक कार्यक्रम: हिंदी गीत, नाटक और कथावाचन जैसे आयोजन हिंदी की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करते हैं।
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डिजिटल पहल: सोशल मीडिया पर हैशटैग और ऑनलाइन इवेंट्स के माध्यम से हिंदी को बढ़ावा दिया जाता है।
14 सितंबर को हिंदी दिवस के साथ-साथ 15 सितंबर को अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें हिंदी के प्रशासनिक उपयोग और इसके डिजिटल विकास पर चर्चा होगी।
विश्व हिंदी दिवस से अंतर
हिंदी दिवस (14 सितंबर) भारत में हिंदी की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता को समर्पित है, जबकि विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत 2006 में हुई थी, और यह 1975 में नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की याद में मनाया जाता है।
हिंदी दिवस 2025 न केवल हिंदी भाषा की समृद्ध विरासत को सेलिब्रेट करने का अवसर है, बल्कि इसे आधुनिक तकनीक और वैश्विक मंचों से जोड़ने का भी एक प्रयास है। यह दिन हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ता है और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है। आइए, इस हिंदी दिवस पर हिंदी को गर्व के साथ अपनाएँ और इसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाएँ। Hindi Diwas 2025
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।