आर्थिक समृद्धि के लिए होलिका दहन पर करें ये आसान उपाय
Holi Celebrations for Prosperity | यदि आपके घर की आर्थिक स्थिति किसी वजह से खराब हो रही है और पैसे बिना वजह खर्च हो रहे हैं, तो आपको कुछ आसान ज्योतिष उपाय आजमाने की सलाह दी जाती है। खासकर, यदि आप ये उपाय होलाष्टक के दौरान आजमाएंगे, तो इसके विशेष लाभ हो सकते हैं। Holi Celebrations for Prosperity
होलाष्टक का महत्व
होलाष्टक का समय होली के 8 दिन पहले से होलिका दहन तक का होता है। इस वर्ष होलाष्टक 7 मार्च 2025, शुक्रवार से प्रारंभ होकर 13 मार्च 2025, गुरुवार तक मनाया जाएगा। इस दौरान कुछ कार्य शुभ माने जाते हैं, जबकि कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। जैसे कि बेटी की विदाई, नई दुल्हन का मायके जाना, नया घर खरीदना, नया वाहन लाना, और गृह प्रवेश करना इस समय शुभ नहीं माना जाता है।
होलाष्टक का ज्योतिषीय महत्व भी बहुत अधिक है। इस दौरान चंद्रमा, सूर्य, शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन आता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा अधिक प्रभावी हो जाती है। यह अवधि विशेष रूप से अशुभ मानी जाती है क्योंकि इस दौरान लोगों के स्वभाव में क्रोध और असंतोष बढ़ सकता है। इसलिए इस समय धार्मिक कार्यों और उपासना का विशेष महत्व होता है।
हनुमान चालीसा का पाठ
होलाष्टक की पूरी अवधि में हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है। हनुमान जी की आराधना करने से आपके घर की समृद्धि बनी रहती है और धन का आगमन सुचारू रूप से होता है। विशेष रूप से यदि आप मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो यह आपके जीवन की आर्थिक बाधाओं को दूर कर सकता है।
भगवान विष्णु की पूजा
होलाष्टक के आठ दिनों में भगवान विष्णु की नियमित पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। इस दौरान यदि प्रतिदिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप किया जाए, तो इसका विशेष फल प्राप्त होता है। इस मंत्र का उच्चारण करने से मन को शांति मिलती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
विष्णु भगवान को तुलसी पत्र अर्पित करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि होलाष्टक के दौरान श्रद्धा और भक्ति भाव से विष्णु सहस्त्रनाम या नारायण कवच का पाठ किया जाए, तो जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और आर्थिक पक्ष मजबूत होता है।
पीपल के वृक्ष की पूजा
होलाष्टक के दौरान पीपल के वृक्ष की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह पूजा शनि देव की कृपा प्राप्त करने और जीवन में स्थिरता लाने का एक प्रभावी उपाय है। इस अवधि में प्रतिदिन प्रातःकाल पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर हो सकती हैं।
पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना और दीप प्रज्वलित करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इससे कुंडली में स्थित शनि दोषों का निवारण होता है और कार्यों में सफलता मिलती है। नौकरी, व्यापार और धन की स्थिति में सुधार लाने के लिए होलाष्टक में प्रतिदिन पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और तिल का दीपक जलाने से विशेष फल मिलते हैं।
गाय को हरा चारा खिलाएं
यदि आपकी आर्थिक स्थिति किसी कारण से खराब हो रही है और धन बेकार की जगहों पर नष्ट हो रहा है, तो आप होलाष्टक के समय में नियमित रूप से गाय को हरा चारा खिलाएं। यह उपाय होलाष्टक की शुरुआत से लेकर होलिका दहन तक आजमाना चाहिए। होलाष्टक के दिनों में रोजाना गाय को चारा खिलाने से घर में धन वृद्धि होती है।
तुलसी की पूजा
होलाष्टक के दौरान तुलसी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। प्रतिदिन तुलसी में दीपक प्रज्वलित करने और जल अर्पित करने से घर में माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है, जिससे आर्थिक समृद्धि बढ़ती है। विशेष रूप से इस दौरान ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और आर्थिक समस्याओं से राहत मिलती है।
भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का विशेष स्थान है। इसलिए होलाष्टक के दिनों में जब भी भगवान विष्णु को भोग अर्पित करें, Holi Celebrations for Prosperity
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।