वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का निर्माण: जानें कैसे बनाएं अपने घर को सुख-समृद्धि से भरपूर

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का निर्माण: जानें कैसे बनाएं अपने घर को सुख-समृद्धि से भरपूर

House construction as per Vaastu | वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का निर्माण करते समय विशेष ध्यान रखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करते हैं। इनका पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और घर में सुख, समृद्धि, शांति और खुशी बनी रहती है। आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार घर बनाने के प्रमुख दिशानिर्देश:

1. घर का स्थान और दिशा:

  • मुख्य द्वार (Main Entrance):
    • घर का मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पूर्व (ईशान) या पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है।
    • मुख्य द्वार पर कोई भी रुकावट न हो और यह साफ सुथरा रखा जाए।
  • दक्षिण और पश्चिम दिशा:
    • दक्षिण और पश्चिम दिशा की दीवारें मजबूत और अधिक ऊंची बनानी चाहिए। यह घर को स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता है।
    • दक्षिण दिशा का मुख्य द्वार रखना अशुभ माना जाता है।

2. कमरों का स्थान और दिशा:

  • बैठक / लिविंग रूम:
    • लिविंग रूम को उत्तर या पूर्व दिशा में बनवाना सबसे उपयुक्त है, ताकि सूर्य की रौशनी प्राकृतिक रूप से आए और वातावरण सकारात्मक हो।
  • स्नानघर और बाथरूम:
    • बाथरूम और शौचालय को घर के पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोने में बनवाना चाहिए। स्नानघर में पानी की निकासी व्यवस्था उत्तरी या पूर्वी दिशा में होनी चाहिए।
  • रसोई (Kitchen):
    • रसोई घर को दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय कोण) में बनवाना सबसे अच्छा होता है क्योंकि यह भोजन बनाने के लिए एक शुभ दिशा मानी जाती है।
    • रसोई में जल और अग्नि (गैस चूल्हा) का संयोजन सही दिशा में होना चाहिए।
  • शयनकक्ष (Bedroom):
    • बेडरूम को दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनवाना शुभ माना जाता है, जिससे परिवार के सदस्यों को शांति और आराम मिलता है।
    • बेड का सिरा हमेशा दक्षिण दिशा में होना चाहिए, ताकि नींद अच्छी हो।
  • स्टडी रूम:
    • अध्ययन कक्ष को उत्तर या पूर्व दिशा में बनवाना चाहिए। छात्रों के लिए यह दिशा शुभ मानी जाती है, क्योंकि इससे ध्यान केंद्रित होता है और मानसिक शांति मिलती है।

3. वास्तु के अनुसार जल और पानी की व्यवस्था:

  • जल टंकी और कुएं:
    • जल टंकी या कुआं उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे पानी का प्रवाह सकारात्मक दिशा में होता है और घर में ताजगी बनी रहती है।
    • जल स्रोत को घर के अंदर या बाहर किसी कोने में रखें, ताकि यह सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाए।

4. वेंटिलेशन और प्राकृतिक रोशनी:

  • घर में पर्याप्त हवा और रोशनी का आना बहुत जरूरी है। घर के प्रत्येक कमरे में खिड़कियाँ लगवाएं ताकि सूरज की रौशनी और ताजगी अंदर आ सके।
  • खिड़कियाँ और दरवाजे हमेशा सही दिशा में होनी चाहिए ताकि वायु का प्रवाह ठीक से हो सके।

5. घर में वास्तु के अनुसार रंग:

  • दीवारों का रंग:
    • घर की दीवारों के लिए हल्के और शांति देने वाले रंग जैसे हल्का पीला, सफेद, हल्का हरा, हल्का नीला, या पीच रंग उपयुक्त रहते हैं।
    • दक्षिण और पश्चिम दिशा की दीवारों के लिए गहरे रंग जैसे लाल, भूरा या काला उपयुक्त होते हैं।
  • फर्नीचर का रंग:
    • फर्नीचर के लिए लकड़ी के रंग, भूरे, सफेद या हल्के रंगों का उपयोग करें, जो प्राकृतिक दिखते हैं।

6. फर्नीचर का स्थान:

  • बेड:
    • बेड को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। बिस्तर का सिरा दक्षिण दिशा की ओर रखें, ताकि नींद गहरी और शांति से हो।
  • सोफा और बैठने की व्यवस्था:
    • सोफा और अन्य बैठने की व्यवस्था को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
  • टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स:
    • टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें।

7. घर में स्थान की साफ-सफाई और नवीनीकरण:

  • घर में किसी भी प्रकार की गंदगी, टूट-फूट, या पुरानी चीजों को इकट्ठा न होने दें। यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
  • समय-समय पर घर की सफाई और नवीनीकरण करें। पुराने और खराब सामान को हटाना चाहिए, ताकि नकारात्मक ऊर्जा बाहर जाए और घर में शांति और समृद्धि आए।

8. सजावट और शांति के उपाय:

  • घर में कुछ शुभ चित्र, मूर्तियाँ या सजावट का प्रयोग करें जैसे भगवान गणेश की मूर्ति, फूलों के गुलदस्ते, या शांति देने वाले चित्र। ये सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
  • घर के प्रवेश द्वार पर एक अच्छा तोरण या दीपक रखें, जो शुभता और समृद्धि का प्रतीक हो।

9. वास्तु के अनुसार पेड़-पौधों का चयन:

  • घर में पौधे लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। तुलसी, बांस, गेंदे के फूल आदि पौधे शुभ माने जाते हैं।
  • घर के भीतर बड़ी-बड़ी घास या कांटेदार पौधों से बचें, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकते हैं।

10. वास्तु के अनुसार बिजली की व्यवस्था:

  • घर में बिजली के मीटर, स्विचबोर्ड और अन्य इलेक्ट्रिकल फिटिंग्स को सही दिशा में रखें। इलेक्ट्रॉनिक्स को हमेशा उचित स्थान पर और सही दिशा में स्थापित करें।

घर का निर्माण करते समय वास्तु शास्त्र के इन सभी महत्वपूर्ण पहलुओं का पालन करने से न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, बल्कि घर के भीतर सुख, शांति और समृद्धि भी बनी रहती है।


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