कितने दिनों बाद उतार देना चाहिए कलाई में बंधा कलावा? जानिए सही समय और नियम

कितने दिनों बाद उतार देना चाहिए कलाई में बंधा कलावा? जानिए सही समय और नियम

How many days to wear Kalava | हिंदू धर्म में रक्षासूत्र या कलावा को सुख, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। यह लाल और पीले रंग का पवित्र धागा न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा है, बल्कि ज्योतिष और वैदिक परंपराओं में भी इसका विशेष महत्व है। सदियों पुरानी भारतीय संस्कृति में कलावा बांधने की परंपरा आज भी जीवित है, जो सकारात्मक ऊर्जा और रक्षा का आभास देती है। यह लेख कलावा बांधने के नियमों, इसे उतारने के सही समय, और इसके चमत्कारी फायदों के बारे में विस्तार से बताएगा, साथ ही ज्योतिषाचार्यों की सलाह और सावधानियों पर भी प्रकाश डालेगा। How many days to wear Kalava

हिंदू धर्म में कलावा या रक्षासूत्र को शुभता और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। इसे पूजा-पाठ, यज्ञ, या धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान कलाई पर बांधा जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है और सकारात्मकता बढ़ती है। यह धागा आमतौर पर लाल और पीले रंग का होता है, जो ज्योतिष में ग्रहों से जुड़ा माना जाता है। लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो ऊर्जा, साहस, और समृद्धि को बढ़ावा देता है, जबकि पीला रंग गुरु (बृहस्पति) से संबंधित है, जो रक्षा और बुद्धि को मजबूत करता है।

वैदिक परंपरा के अनुसार, कलावा बांधने से व्यक्ति को ग्रहों के कुप्रभाव से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति व उन्नति आती है। इसे सही विधि और नियमों के साथ बांधना जरूरी है, ताकि इसका पूरा लाभ प्राप्त हो सके।

कलावा बांधने और उतारने के नियम

कलावा बांधने और उतारने के लिए कुछ विशेष नियम हैं, जिनका पालन करना शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, कलावा का सकारात्मक प्रभाव आमतौर पर 21 दिनों तक रहता है। इसलिए इसे 21 दिन बाद कलाई से उतार देना चाहिए। इस अवधि के बाद कलावा की ऊर्जा कमजोर पड़ने लगती है, और इसे और देर तक बांधे रहने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

कलावा बांधने के नियम:

  • शुभ मुहूर्त: कलावा हमेशा शुभ मुहूर्त में, जैसे सुबह के समय या रविवार/गुरुवार को बांधना चाहिए।

  • विधि: इसे पुरोहित या परिवार के बड़े सदस्य द्वारा मंत्रों (जैसे “येन बद्धो बली राजा दानवेंद्र: महाबल:”) के साथ बांधना शुभ होता है।

  • स्थान: दाहिनी कलाई (पुरुषों के लिए) और बाईं कलाई (महिलाओं के लिए) पर बांधना उचित माना जाता है।

  • संख्या: आमतौर पर 3, 5, या 7 गाठों के साथ कलावा बांधा जाता है, जो ग्रहों की शांति के लिए शुभ होता है।

कलावा उतारने के नियम:

  • समय: 21 दिन पूरे होने के बाद कलावा उतारना चाहिए। कई लोग इसे 40 दिन या महीनों तक बांधे रखते हैं, जो ज्योतिषीय दृष्टि से सही नहीं है।

  • उतारने की विधि: इसे कैंची या चाकू से न काटें। इसे सावधानी से खोलें और किसी शुद्ध स्थान पर रखें।

  • प्रदर्शन: पुराना कलावा गमले की मिट्टी में दबाना या नदी/तालाब में प्रवाहित करना शुभ माना जाता है। इसे कूड़े या अशुद्ध स्थान पर फेंकना वर्जित है।

  • नया कलावा: उतारने के बाद शुभ मुहूर्त में नया कलावा बांधना चाहिए, ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

सावधानियाँ:

  • पुराने कलावे के ऊपर नया कलावा बांधना अशुभ माना जाता है, क्योंकि इससे ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है।

  • अगर कलावा फट जाए या गंदला हो जाए, तो इसे तुरंत उतार देना चाहिए और शुभ मुहूर्त में नया बांधना चाहिए।

  • गर्भवती महिलाओं या बीमार व्यक्तियों को कलावा बांधने से पहले ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।

कलावा के चमत्कारी फायदे

कलावा बांधने से न केवल धार्मिक लाभ मिलते हैं, बल्कि यह स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी फायदेमंद है:

  • ग्रहों की शांति: लाल और पीले रंग का कलावा मंगल और गुरु ग्रह के कुप्रभाव को कम करता है।

  • सकारात्मकता: इसे बांधने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।

  • स्वास्थ्य लाभ: ज्योतिषियों के अनुसार, यह रक्त संचार और तनाव को नियंत्रित करने में मदद करता है।

  • परिवार की सुरक्षा: कलावा को परिवार की रक्षा के लिए भी शुभ माना जाता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।

  • आर्थिक उन्नति: सही तरीके से बांधे गए कलावे से व्यापार और नौकरी में तरक्की के योग बनते हैं।

ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि 21 दिन का समय इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक चक्र पूरा करने के लिए पर्याप्त होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, कच्चे सूत का धागा त्वचा पर हल्का दबाव बनाता है, जो एक्यूप्रेशर की तरह काम करता है और रक्त प्रवाह को बेहतर करता है। हालांकि, इसे लंबे समय तक बांधे रहने से त्वचा पर जलन या संक्रमण का खतरा हो सकता है, इसलिए समय पर उतारना जरूरी है। How many days to wear Kalava

लोकप्रिय प्रश्न और उत्तर

  • क्या 21 दिन से पहले कलावा उतारना ठीक है? नहीं, इससे शुभ प्रभाव कम हो सकता है। इसे कम से कम 21 दिन तक रखना चाहिए।

  • क्या महिलाएं भी कलावा बांध सकती हैं? हां, लेकिन उन्हें बाईं कलाई पर बांधना चाहिए और मासिक धर्म के दौरान इसे उतार देना चाहिए।

  • क्या इसे घर में रखा जा सकता है? हां, उतारे गए कलावे को पूजा घर में रखकर बाद में मिट्टी में दबाया जा सकता है।

कलावा या रक्षासूत्र हिंदू धर्म में एक पवित्रपरंपरा है, जो न केवल आध्यात्मिक बल्कि स्वास्थ्य और सकारात्मकता के लिए भी लाभकारी है। इसे 21 दिन बाद सही विधि से उतारना और शुभमुहूर्त में नया बांधना इसकी शक्ति को बनाए रखता है। नियमों का पालन न करने से इसकेप्रभाव में कमी आ सकती है, इसलिएज्योतिषीय सलाह और पारंपरिक ज्ञान का सम्मान करना जरूरी है। यह छोटा सा धागा न केवलकलाई को सजाता है, बल्कि जीवन में समृद्धि और शांति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। How many days to wear Kalava


यह खबर भी पढ़ें
हिंदुओं की घट रही संख्या, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ रही मुस्लिम-ईसाई आबादी

Leave a Comment

साउथ के मशहूर विलेन कोटा श्रीनिवास का निधन Kota Srinivasa Rao death news शर्मनाक जांच! ठाणे के स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए अर्चिता फुकन और Kendra Lust की वायरल तस्‍वीरें! जानिए Babydoll Archi की हैरान कर देने वाली कहानी बाइक और स्कूटर चलाने वालों के लिए बड़ी खबर! Anti-Lock Braking System लो हो गया पंचायत सीजन 4 रिलीज, यहां देखें एमपी टूरिज्म का नया रिकॉर्ड, रिकॉर्ड 13 करोड़ पर्यटक पहुंचे