शराब और लिवर की सेहत: कब शुरू होता है नुकसान और क्या हैं खतरे के लक्षण?
How soon does alcohol damage liver | शराब का सेवन हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर लिवर जैसे महत्वपूर्ण अंग के लिए। लिवर हमारे शरीर का एक अनमोल हिस्सा है, जो खून को साफ करने, ऊर्जा संग्रह करने, और हानिकारक पदार्थों को तोड़ने का काम करता है। लेकिन अधिक शराब पीने से लिवर को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है, जो कई बार जानलेवा साबित हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि शराब कब और कैसे लिवर को नुकसान पहुंचाती है, इसके लक्षण क्या हैं, और इससे बचाव के उपाय क्या हैं। How soon does alcohol damage liver
शराब और लिवर: कैसे होता है नुकसान?
जब आप शराब पीते हैं, तो लिवर उसे मेटाबॉलाइज (तोड़ने) का काम करता है ताकि उसे शरीर से बाहर निकाला जा सके। इस प्रक्रिया में कुछ जहरीले पदार्थ, जैसे एसिटाल्डिहाइड, बनते हैं, जो लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। समय-समय पर थोड़ी मात्रा में शराब पीने से लिवर को ज्यादा नुकसान नहीं होता, लेकिन अगर आप नियमित रूप से अधिक मात्रा में शराब पीते हैं, तो यह नुकसान धीरे-धीरे बढ़ता जाता है।
लंबे समय तक अधिक शराब पीने से Alcohol-Related Liver Disease (ARLD) नामक बीमारी हो सकती है। यह बीमारी तीन चरणों में बढ़ती है:
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फैटी लिवर (Steatosis): लिवर में चर्बी जमा होने की स्थिति।
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एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस: लिवर में सूजन और कोशिकाओं को नुकसान।
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सिरोसिस: लिवर का सख्त होना और स्थायी नुकसान।
आइए, इन चरणों को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि कब और कैसे आपको सतर्क होने की जरूरत है।
पहला चरण: फैटी लिवर
फैटी लिवर शराब से संबंधित लिवर की बीमारी का शुरुआती चरण है। इसमें लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने लगती है। यह स्थिति कुछ हफ्तों तक भारी मात्रा में शराब पीने से भी हो सकती है। यह चरण आमतौर पर बिना लक्षणों के होता है, जिसके कारण इसे “साइलेंट” बीमारी भी कहा जाता है।
लक्षण:
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आमतौर पर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते।
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कभी-कभी हल्की थकान या पेट के दाहिने हिस्से में असहजता महसूस हो सकती है।
अच्छी खबर:
फैटी लिवर की स्थिति को उलटा किया जा सकता है। अगर आप समय रहते शराब का सेवन बंद कर देते हैं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं, तो लिवर कुछ हफ्तों में सामान्य हो सकता है।
बचाव के उपाय:
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शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें या बहुत कम करें।
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संतुलित आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल हों।
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नियमित व्यायाम करें।
दूसरा चरण: एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस
अगर शराब का सेवन जारी रहता है, तो फैटी लिवर की स्थिति एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस में बदल सकती है। इस चरण में लिवर में सूजन आ जाती है, और लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और समय पर इलाज न होने पर जानलेवा साबित हो सकती है।
लक्षण:
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लगातार थकान और कमजोरी।
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भूख में कमी और वजन कम होना।
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उल्टी और मतली।
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पीलिया (आंखों और त्वचा का पीला पड़ना)।
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पेट में दर्द या सूजन।
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बुखार और भ्रम की स्थिति (गंभीर मामलों में)।
जोखिम:
एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस हल्के से लेकर गंभीर रूप तक हो सकता है। गंभीर मामलों में यह लिवर फेल्योर का कारण बन सकता है। अगर इस चरण में शराब छोड़ दी जाए और उचित चिकित्सा सहायता ली जाए, तो लिवर को ठीक होने का मौका मिल सकता है।
बचाव और उपचार:
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तुरंत शराब का सेवन बंद करें।
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डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां और पौष्टिक आहार लें।
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नियमित जांच और लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं।
तीसरा चरण: सिरोसिस
सिरोसिस शराब से संबंधित लिवर की बीमारी का सबसे गंभीर चरण है। इस स्थिति में लिवर की कोशिकाएं स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, और उनकी जगह सख्त ऊतक (फाइब्रोसिस) बन जाते हैं। सिरोसिस में लिवर अपनी कार्यक्षमता खो देता है, और यह स्थिति आमतौर पर अपरिवर्तनीय होती है।
लक्षण:
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पीलिया (आंखें और त्वचा पीली पड़ना)।
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पेट में सूजन (जलोदर) और दर्द।
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पैरों में सूजन।
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हाथ की हथेलियों का लाल होना।
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भूख न लगना और वजन कम होना।
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अत्यधिक थकान और कमजोरी।
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त्वचा पर खुजली और नीले-लाल निशान।
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भ्रम, स्मृति हानि, और व्यवहार में बदलाव (एन्सेफैलोपैथी)।
जोखिम:
सिरोसिस लिवर कैंसर और लिवर फेल्योर का खतरा बढ़ा देता है। इस चरण में कई बार लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपचार होता है।
बचाव और उपचार:
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शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें।
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नियमित मेडिकल चेकअप और लिवर विशेषज्ञ (हेपेटोलॉजिस्ट) से परामर्श लें।
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स्वस्थ आहार और जीवनशैली अपनाएं।
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लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है।
इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें
अगर आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
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पीलिया: आंखों और त्वचा का पीला पड़ना।
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पेट की समस्याएं: सूजन, दर्द, या भारीपन।
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भूख और वजन में कमी: भूख न लगना और अचानक वजन कम होना।
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थकान: असामान्य रूप से अधिक थकान या कमजोरी।
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हथेलियों का लाल होना: यह लिवर की गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
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त्वचा पर बदलाव: खुजली, नीले-लाल निशान, या आसानी से चोट लगना।
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मानसिक भ्रम: भूलने की समस्या, भ्रम, या व्यवहार में बदलाव।
इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति और गंभीर हो सकती है। समय रहते चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है।
लिवर को स्वस्थ रखने के उपाय
लिवर को नुकसान से बचाने और उसकी सेहत बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
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शराब का सेवन सीमित करें या बंद करें: अगर आपको पहले से लिवर की समस्या है, तो शराब का सेवन पूरी तरह बंद कर दें।
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नियमित हेल्थ चेकअप: लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) और अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट समय-समय पर करवाएं।
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स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ लें। तैलीय और प्रोसेस्ड भोजन से बचें।
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व्यायाम: नियमित व्यायाम लिवर में चर्बी को कम करने में मदद करता है।
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वजन नियंत्रण: मोटापा लिवर के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए वजन को नियंत्रित रखें।
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हैपेटाइटिस से बचाव: हैपेटाइटिस बी और सी से बचने के लिए वैक्सीनेशन और सुरक्षित जीवनशैली अपनाएं।
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दवाओं का सावधानीपूर्वक उपयोग: बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयां न लें, क्योंकि कुछ दवाएं लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
शराब का अधिक और लंबे समयतक सेवन आपके लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, जोफैटी लिवर से शुरू होकर सिरोसिस जैसी जानलेवा स्थिति तक पहुंच सकता है। शुरुआती चरणों में लक्षणों को पहचानना और समय पर शराब छोड़ना लिवर को ठीक करने में मदद कर सकता है। अगरआपको लिवर की समस्या के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच लिवर को स्वस्थरखने की कुंजी है। How soon does alcohol damage liver
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।