आगरा में 300 किलो जहरिला मिलावटी घी जब्त, 5 सेकंड में चेक करें असली घी

आगरा में 300 किलो जहरिला मिलावटी घी जब्त, 5 सेकंड में चेक करें असली घी

How to check pure ghee | रक्षाबंधन का पर्व नजदीक है, और इस त्योहारी सीजन में मिठाइयों और पकवानों की मांग बढ़ने के साथ ही मिलावटखोरों की गतिविधियां भी चरम पर हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में खाद्य विभाग ने एक गोदाम पर छापेमारी कर 300 किलोग्राम नकली देसी घी जब्त किया है। यह घी मिठाइयों, घेवर, और अन्य पारंपरिक व्यंजनों में इस्तेमाल होने की तैयारी में था। छापेमारी के दौरान पता चला कि मिलावटखोर रिफाइंड तेल, वनस्पति घी, और पाम ऑयल का उपयोग कर नकली घी तैयार कर रहे थे। इस नकली घी को 170 रुपये प्रति किलो की लागत में बनाकर 600 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा था, जिससे मिलावटखोर मोटा मुनाफा कमा रहे थे। How to check pure ghee

खाद्य विभाग ने नकली घी के सैंपल प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे हैं, और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आगरा के खाद्य सुरक्षा अधिकारी, राजेश कुमार ने बताया कि यह छापेमारी स्थानीय सूचना के आधार पर की गई थी, और गोदाम से जब्त घी की गुणवत्ता संदिग्ध पाई गई। उन्होंने चेतावनी दी कि त्योहारी सीजन में ऐसी गतिविधियां बढ़ जाती हैं, और उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है।

नकली घी में मिलावट के तरीके

मिलावटखोर घी की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई हानिकारक पदार्थों का उपयोग करते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • स्टार्च: गेहूं, चावल, मक्का, आलू, या शकरकंद से प्राप्त स्टार्च को घी में मिलाया जाता है ताकि इसकी मात्रा बढ़ाई जा सके। इससे घी की लागत कम होती है, लेकिन पोषण मूल्य नष्ट हो जाता है।

  • सस्ते तेल: पाम ऑयल, वनस्पति तेल, या अन्य सस्ते वेजिटेबल ऑयल्स का उपयोग घी की बनावट को नकली बनाने के लिए किया जाता है।

  • जानवरों की चर्बी: कुछ मामलों में, सस्ती लागत के लिए जानवरों की चर्बी मिलाई जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।

  • सिंथेटिक केमिकल्स: पैराफिन वैक्स, डिटर्जेंट, या अन्य रासायनिक पदार्थ घी की बनावट और चमक बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

  • हाइड्रोजनेटेड फैट्स और प्रिजर्वेटिव्स: ये घी को लंबे समय तक संरक्षित रखने के लिए मिलाए जाते हैं, लेकिन ये शरीर में जमा होकर गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं।

नकली घी से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम

नकली घी का लंबे समय तक सेवन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। FSSAI और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नकली घी के सेवन से होने वाले नुकसान निम्नलिखित हैं:

  • पाचन संबंधी समस्याएं: स्टार्च और सस्ते तेलों की मिलावट से गैस, पेट फूलना, दस्त, और पाचन तंत्र की समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों को स्टार्च से एलर्जी भी हो सकती है।

  • हृदय रोग का खतरा: नकली घी में अन्हेल्दी फैट्स की मात्रा अधिक होती है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

  • किडनी और लिवर को नुकसान: हाइड्रोजनेटेड फैट्स, हैवी मेटल्स, और जहरीले केमिकल्स जैसे पैराफिन वैक्स या डिटर्जेंट किडनी और लिवर पर दबाव डालते हैं, जिससे फैटी लिवर और किडनी की क्षति हो सकती है।

  • हार्मोनल असंतुलन: कुछ रासायनिक पदार्थ थायरॉयड और अन्य हार्मोन्स को प्रभावित करते हैं, जिससे वजन बढ़ना, थकान, और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

  • पोषण की कमी: नकली घी में असली घी के पोषक तत्व, जैसे विटामिन A, D, E, और K, नहीं होते, जिससे शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिलता।

लंबे समय तक नकली घी का सेवन करने से नर्वस सिस्टम पर भी असर पड़ सकता है, और कुछ मामलों में कैंसर जैसे गंभीर रोगों का खतरा भी बढ़ सकता है।

घर पर असली घी की पहचान के आसान तरीके

FSSAI और खाद्य विशेषज्ञों ने असली और नकली घी की पहचान के लिए कुछ सरल घरेलू तरीके सुझाए हैं, जिन्हें आप 5 सेकंड में आजमा सकते हैं:

  1. आयोडीन टेस्ट:

    • आधा चम्मच घी को एक साफ कांच की शीशी में लें।

    • इसमें 2-3 बूंद आयोडीन सॉल्यूशन डालें।

    • अगर रंग अपरिवर्तित रहता है, तो घी शुद्ध है। नीला या बैंगनी रंग स्टार्च की मिलावट दर्शाता है।

  2. पिघलने का टेस्ट:

    • एक चम्मच घी को गर्म करें।

    • शुद्ध घी तुरंत पिघलकर हल्का भूरा रंग लेता है और सौंधी खुशबू देता है। नकली घी धीरे पिघलता है और अजीब गंध दे सकता है।

  3. गर्म पानी टेस्ट:

    • एक चम्मच घी को गर्म पानी में डालें।

    • शुद्ध घी पूरी तरह घुल जाएगा और पानी में फैल जाएगा। नकली घी तलछट छोड़ सकता है या असमान रूप से फैल सकता है।

  4. हाइड्रोक्लोरिक एसिड टेस्ट:

    • एक चम्मच घी में थोड़ा हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाएं।

  • अगर मिश्रण लाल रंग का हो जाता है, तो घी में वनस्पति तेल या अन्य मिलावट की पुष्टि होती है।

  1. हथेली टेस्ट:

    • थोड़ा सा घी हथेली पर रगड़ें।

    • शुद्ध घी आसानी से अवशोषित हो जाता है और सौंधी खुशबू छोड़ता है, जबकि नकली घी चिपचिपा लग सकता है।

रक्षाबंधन में सावधानी की जरूरत

रक्षाबंधन जैसे त्योहारों में मिठाइयों और पकवानों की मांग बढ़ने के कारण मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं। आगरा में हुई इस कार्रवाई ने उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। खाद्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे केवल विश्वसनीय दुकानों और ब्रांडेड घी खरीदें, जिन पर FSSAI का लोगो हो। साथ ही, मिठाइयां खरीदते समय उनकी गुणवत्ता और ताजगी की जांच करें।

प्रशासन की कार्रवाई और भविष्य की योजना

आगरा में इस छापेमारी के बाद खाद्य विभाग ने शहर के अन्य गोदामों और मिठाई की दुकानों पर नजर रखने की योजना बनाई है। उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने बताया कि त्योहारी सीजन में मिलावट रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत नकली खाद्य पदार्थों, विशेष रूप से घी, दूध, और मिठाइयों की जांच की जाएगी। दोषी कारोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और जेल की सजा शामिल हो सकती है।

उपभोक्ताओं के लिए सलाह

  • FSSAI प्रमाणित उत्पाद खरीदें: हमेशा पैकेज्ड घी खरीदें, जिस पर FSSAI लोगो और लाइसेंस नंबर हो।

  • ब्रांडेड दुकानों से खरीदारी: स्थानीय और गैर-प्रमाणित दुकानों से सस्ता घी खरीदने से बचें।

  • घर पर जांच: ऊपर बताए गए तरीकों से घी की शुद्धता की जांच करें।

  • सतर्क रहें: त्योहारी सीजन में सस्ते ऑफर और डिस्काउंट के चक्कर में न पड़ें।

आगरा में 300 किलोग्राम नकली घी की बरामदगी ने रक्षाबंधन से पहलेउपभोक्ताओं और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। नकली घी न केवल आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि त्योहारों की खुशी को भी प्रभावित कर सकता है। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे सावधानी बरतें, विश्वसनीयदुकानों से खरीदारी करें, और घर पर घी की शुद्धता की जांच करें। खाद्य विभाग की यह कार्रवाई मिलावटखोरों के खिलाफ एक बड़ा कदम है, और यह सुनिश्चित करता है कि त्योहारीसीजन में उपभोक्ताओं को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य पदार्थ मिलें। How to check pure ghee

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है और किसी चिकित्सीयसलाह का विकल्प नहीं है। स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए अपनेडॉक्टर से संपर्क करें। How to check pure ghee


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