आम के अचार को फंगस से बचाने के 5 अचूक उपाय: सालों साल चलेगा स्वादिष्ट
How To Preserve Indian Pickles | अचार, भारतीय भोजन संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल हमारे व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि हमारी थाली में एक विशेष स्थान रखता है। चाहे वह आम का अचार हो, मिर्च का अचार हो, या कोई अन्य प्रकार का अचार, यह भोजन को स्वादिष्ट और रुचिकर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, अचार को बनाने में तो आसानी होती है, लेकिन इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखना और फंगस से बचाना एक कला है जिसमें थोड़ी सी भी लापरवाही से सारी मेहनत और स्वाद बर्बाद हो सकता है। How To Preserve Indian Pickles
इस लेख में, हम आपको 5 ऐसे सरल लेकिन महत्वपूर्ण उपायों के बारे में बताएंगे, जिनका पालन करके आप अपने आम के अचार को फंगस से हमेशा के लिए सुरक्षित रख सकते हैं और इसे सालों तक स्वादिष्ट बनाए रख सकते हैं।
1. अचार बनाने से पहले सामग्री की तैयारी (फंगस से बचाव का पहला कदम):
अचार बनाने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। ये छोटे-छोटे कदम आपके अचार को खराब होने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
सभी सामग्री को धूप में अच्छी तरह सुखाएं: अचार बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली मुख्य सामग्री जैसे आम के टुकड़े, नींबू, हरी मिर्च, लहसुन और अन्य सभी मसालों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लेना चाहिए। थोड़ी सी भी नमी फंगस के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना सकती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि सभी सामग्री बिल्कुल सूखी हों।
विस्तार से: नमी को हटाने के लिए सामग्री को कई घंटों तक सीधी धूप में रखें। आम के टुकड़ों को फैलाकर रखें ताकि वे समान रूप से सूख जाएं। मसालों को भी धूप में रखा जा सकता है या हल्का सा भूनकर उनकी नमी को कम किया जा सकता है।
सादा या सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करें: टेबल सॉल्ट (आयोडीन युक्त नमक) में आयोडीन और कुछ ऐसे रसायन होते हैं जो अचार के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं और उसे जल्दी खराब कर सकते हैं। इसलिए, हमेशा सेंधा नमक या काला नमक का ही चुनाव करें। यह न केवल अचार के स्वाद को बेहतर बनाता है, बल्कि इसे लंबे समय तक खराब होने से भी बचाता है।
विस्तार से: सेंधा नमक में खनिज तत्व होते हैं जो अचार के स्वाद को बढ़ाने में मदद करते हैं और इसे खराब होने से बचाते हैं। टेबल सॉल्ट में मौजूद आयोडीन अचार के रंग और स्वाद को बदल सकता है।
मसालों को हल्का भूनकर ही डालें: अचार में इस्तेमाल होने वाले मसाले जैसे राई, मेथी और सौंफ को हल्का सा भूनकर और फिर पीसकर डालें। ऐसा करने से उनमें मौजूद नमी पूरी तरह से खत्म हो जाती है, जिससे अचार की शेल्फ लाइफ (जीवनकाल) बढ़ जाती है और फंगस लगने का खतरा कम हो जाता है।
विस्तार से: मसालों को भूनने से उनका स्वाद और सुगंध भी बढ़ जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि उन्हें ज्यादा न भूनें, नहीं तो वे जल सकते हैं।
हींग जरूर डालें: हींग एक प्राकृतिक प्रिजर्वेटिव (संरक्षक) है। इसकी तेज खुशबू न केवल अचार के स्वाद को बढ़ाती है, बल्कि यह फंगस से भी बचाव करती है। अचार में एक चुटकी हींग डालना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
विस्तार से: हींग में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो फंगस और अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकते हैं।
कटे हुए आम की नमी की जांच करें: अचार में डालने से पहले कटे हुए आम के टुकड़ों को एक साफ सूती कपड़े में लपेटकर कुछ घंटों के लिए रखें। यह विधि आम के अंदर छिपी हुई अतिरिक्त नमी को भी सोख लेती है, जिससे अचार के खराब होने की संभावना कम हो जाती है।
विस्तार से: सूती कपड़ा आम के टुकड़ों से अतिरिक्त नमी को सोख लेता है, जिससे अचार में पानी की मात्रा कम हो जाती है और फंगस लगने का खतरा कम हो जाता है। How To Preserve Indian Pickles
2. अचार बन जाने के बाद सावधानियां (सुरक्षा के लिए अंतिम चरण):
अचार बनने के बाद भी कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए, जो फंगस लगने का कारण बन सकती हैं:
गीले चम्मच या हाथ न डालें: अचार के जार में कभी भी गीले हाथ या गीले चम्मच का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से फंगस के बैक्टीरिया आसानी से अचार में प्रवेश कर सकते हैं। हमेशा साफ और सूखे चम्मच का ही उपयोग करें।
विस्तार से: फंगस नमी में पनपता है, इसलिए अचार को निकालते समय गीले हाथों या चम्मच का इस्तेमाल करने से फंगस के विकास को बढ़ावा मिलता है।
अचार को नमी वाली जगह पर न रखें: अचार के जार को रसोई के नम कोनों, सिंक के पास या किसी अंधेरी जगह पर स्टोर न करें। इसे हमेशा ऐसी जगह पर रखें जहां थोड़ी धूप आती हो और जो सूखी हो।
विस्तार से: नमी और अंधेरा फंगस के विकास के लिए आदर्श वातावरण प्रदान करते हैं। अचार को ठंडी, सूखी और हवादार जगह पर रखना सबसे अच्छा है।
अचार को हिलाना या पलटना न भूलें: खासकर अचार डालने के पहले हफ्ते में, हर रोज साफ और सूखे चम्मच से अचार को हल्के हाथों से मिलाएं। इससे मसाले पूरे अचार में समान रूप से फैल जाते हैं और अचार के खराब होने की संभावना कम हो जाती है।
विस्तार से: अचार को नियमित रूप से हिलाने से तेल और मसाले अच्छी तरह से मिल जाते हैं, जिससे अचार का स्वाद और संरक्षण बना रहता है।
प्लास्टिक के डिब्बों में अचार न रखें: प्लास्टिक की सतह में नमी और तेल सोखने की क्षमता होती है, जिससे अचार जल्दी खराब हो सकता है। अचार को स्टोर करने के लिए हमेशा कांच या मिट्टी के बर्तन का ही इस्तेमाल करें। ये बर्तन अचार को लंबे समय तक सुरक्षित रखते हैं।
विस्तार से: कांच और मिट्टी के बर्तन अचार के लिए सबसे अच्छे होते हैं क्योंकि वे गैर-प्रतिक्रियाशील होते हैं और नमी को अवशोषित नहीं करते हैं। प्लास्टिक के बर्तन अचार के स्वाद को भी बदल सकते हैं।
ढक्कन खुला न छोड़ें: अचार के जार का ढक्कन हमेशा कसकर बंद रखें। ढीला ढक्कन हवा और नमी को अंदर आने देता है, जो फंगस के विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करता है।
विस्तार से: ढक्कन को कसकर बंद करने से अचार को हवा और नमी से बचाया जाता है, जिससे फंगस के विकास को रोका जा सकता है।
तेल की परत ऊपर से कम न होने दें: अचार हमेशा तेल में पूरी तरह से डूबा हुआ रहना चाहिए। तेल एक प्राकृतिक संरक्षक के रूप में काम करता है और अचार को हवा के संपर्क में आने से बचाता है। यदि आपको लगे कि जार में तेल की परत कम हो गई है, तो तुरंत ठंडा किया हुआ गर्म सरसों का तेल और डालें ताकि अचार हमेशा तेल में डूबा रहे।
विस्तार से: तेल अचार को ऑक्सीजन के संपर्क में आने से रोकता है, जो फंगस के विकास को बढ़ावा देता है। तेल की परत अचार के ऊपर कम से कम 1-2 इंच होनी चाहिए।
हर अचार को फ्रिज में न रखें: पारंपरिक भारतीय अचारों को फ्रिज में रखने से उनकी प्राकृतिक फर्मेंटेशन (किण्वन) प्रक्रिया रुक जाती है, जो उनके स्वाद और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। इन्हें सामान्य तापमान पर रखना बेहतर होता है। हालांकि, अत्यधिक गर्मी के मौसम में आप कुछ समय के लिए इसे फ्रिज में रख सकते हैं, लेकिन इसे नियमित रूप से धूप दिखाना भी जरूरी है।
विस्तार से: अचार को कमरे के तापमान पर रखने से उसमें मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया फर्मेंटेशन की प्रक्रिया को जारी रखते हैं, जिससे अचार का स्वाद और पोषण मूल्य बढ़ता है। फ्रिज में रखने से यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
यदि आप भी स्वादिष्ट और फंगस-मुक्त आम के अचार का आनंद पूरे साल लेना चाहते हैं, तो अचार डालने से पहले और बाद में इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना न भूलें। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। इसे लाइक करें और अपने दोस्तों और परिवार के साथ फेसबुक पर शेयर करना न भूलें ताकि वे भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। How To Preserve Indian Pickles
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।