I Love Muhammad और I Love Mahadev में कोई गलत नहीं, पर ‘सर तन से जुदा’ बर्दाश्त नहीं’: धीरेंद्र शास्त्री का रायपुर में बड़ा बयान
I Love Muhammad Controversy | I Love Muhammad’ और ‘I Love Mahadev’ पोस्टर विवाद ने देशभर में हलचल मचा दी है। कानपुर से शुरू हुआ यह मामला बरेली, महाराष्ट्र और अब पूरे भारत में चर्चा का केंद्र बन गया है। इस विवाद पर अब साधु-संतों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है, जो सुर्खियों में है।
धीरेंद्र शास्त्री का बयान
रायपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “मुझे ‘I Love Muhammad’ कहने में कोई आपत्ति नहीं, इसमें कुछ गलत नहीं। ठीक वैसे ही जैसे ‘I Love Mahadev’ कहने में कोई गलत नहीं। लेकिन अगर कोई ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाएगा, तो न तो कानून और न ही हिंदू उसे बख्शेंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रेम और आस्था व्यक्तिगत हैं, लेकिन हिंसा और धमकी देने वाले नारे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
‘मैं संभल जाऊंगा, कोई डर नहीं’
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, “मैं जल्द ही संभल जाऊंगा। मुझे किसी का डर नहीं है। देश का कोई कोना ऐसा नहीं होगा जहां मैं न जाऊं। हम हिंदू विरोधियों को या तो देश छोड़ने पर मजबूर करेंगे या उनकी घर वापसी कराएंगे।” उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होने और डर को त्यागने का आह्वान किया।
‘हिंदुओं, अब माला और भाला साथ रखो’
कानपुर और बरेली में हाल की पथराव की घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए शास्त्री ने कहा, “हिंदुओं, अब समय है कि तुम माला और भाला दोनों साथ रखो। विदेशी ताकतें और कुछ लोग होली, दुर्गा विसर्जन और राम जुलूस पर पथराव कर हिंदुओं को डराने की साजिश रच रहे हैं। यह सुनियोजित षड्यंत्र है।” उन्होंने पूरे देश में हिंदुओं को जागृत करने के लिए पदयात्राओं की बात कही और कहा कि अब हिंदुओं को जागने का समय है।
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ अभियान
धीरेंद्र शास्त्री ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में हालात बदल रहे हैं। जल्द ही यह पहला राज्य बनेगा जहां गांव-गांव में धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठेगी और इसे रोका जाएगा।” उन्होंने धर्मांतरण को रोकने के लिए जन जागरूकता और संगठित प्रयासों पर जोर दिया।
‘I Love Muhammad’ और ‘I Love Mahadev’ के पोस्टरों को लेकर देशभर में सियासी और सामाजिक बहस छिड़ी है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब कानपुर में इन पोस्टरों को लेकर तनाव बढ़ा, जो बाद में बरेली और महाराष्ट्र तक फैल गया। कुछ समूहों द्वारा ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगाए जाने की घटनाएं भी सामने आईं, जिसने इस विवाद को और गर्म कर दिया। धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान इस मुद्दे पर एक नया दृष्टिकोण पेश करता है, जिसमें उन्होंने प्रेम और आस्था का सम्मान करते हुए हिंसक नारों की कड़ी निंदा की है।
क्या करें लोग?
- शांति बनाए रखें: धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें, लेकिन हिंसा और उकसावे से बचें।
- कानून का पालन: विवादास्पद नारे या गतिविधियां कानून के खिलाफ हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
- जागरूक रहें: सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री से सावधान रहें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लें।
- साइबर क्राइम की शिकायत: अगर कोई धमकी या भड़काऊ संदेश मिले, तो cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें या 1930 पर कॉल करें।
यह खबर सामाजिक और धार्मिकसंवेदनशीलता को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। किसी भी विवादास्पदस्थिति में शांति और कानून का पालन करें।
यह भी पढ़ें…
सरकार का 2.69 लाख कर्मचारियों को तोहफा, 376 करोड़ रुपये का बोनस और प्रोत्साहन राशि, जानें कितना मिलेगा
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।