भारत का नया ‘ब्रह्मास्त्र’: हाइपरसोनिक मिसाइल, रूस से भी ताकतवर, चीन-पाकिस्तान के लिए चेतावनी

भारत का नया ‘ब्रह्मास्त्र’: हाइपरसोनिक मिसाइल, रूस से भी ताकतवर, चीन-पाकिस्तान के लिए चेतावनी

India Hypersonic Missile Success | नई दिल्ली/मास्को/बीजिंग: भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करते हुए स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile) का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण शनिवार की रात ओडिशा के समुद्री तट से किया गया। इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 1500 किलोमीटर है और इसे पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक (Indigenous Technology) से विकसित किया गया है।

इस उपलब्धि का श्रेय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर (Dr. APJ Abdul Kalam Missile Complex), हैदराबाद को जाता है। इस तकनीकी सफलता ने भारत को रूस, अमेरिका और चीन जैसे देशों की श्रेणी में खड़ा कर दिया है, जो हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास और संचालन में अग्रणी हैं।

हाइपरसोनिक मिसाइल: आधुनिक युद्ध का ब्रह्मास्त्र

हाइपरसोनिक मिसाइलें (Hypersonic Missiles) आधुनिक युद्ध का सबसे खतरनाक और प्रभावी हथियार मानी जाती हैं। ये मिसाइलें मैक 5 (Mach 5) या उससे अधिक की गति से हमला करने में सक्षम होती हैं। इसके अलावा, हवा में दिशा बदलने की अद्भुत क्षमता के कारण इन्हें मार गिराना किसी भी आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defense System) के लिए लगभग असंभव होता है।

भारत का यह नया परीक्षण उस समय हुआ है जब चीन, जो पहले से ही हाइपरसोनिक मिसाइलों (Hypersonic Missiles) में दक्ष है, के साथ सीमा विवाद चरम पर है। चीन के पास ऐसी मिसाइलें हैं जो अंतरिक्ष मार्ग से भी हमला करने की क्षमता रखती हैं।

रूस: हाइपरसोनिक मिसाइलों का बादशाह

हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास और उपयोग में रूस सबसे आगे है। रूस ने अपनी जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल (Zircon Hypersonic Missile) के साथ यह साबित किया है। जिरकॉन मिसाइल मैक 8 (Mach 8) की गति से 1000 किमी तक हमला करने में सक्षम है। इसके अलावा, रूस के पास एवनगार्ड (Avangard) और किंझल (Kinzhal) जैसी मिसाइलें हैं, जिनमें से किंझल की मारक क्षमता 2000 किमी तक है।

हाल ही में यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) में रूस ने इन मिसाइलों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया, जिससे वहां भारी तबाही हुई। हालांकि, यूक्रेन ने दावा किया कि उसने अमेरिकी पेट्रियट मिसाइल सिस्टम (American Patriot Missile System) की मदद से कुछ रूसी मिसाइलों को नष्ट कर दिया।

भारत की बड़ी तैयारी

भारत हाइपरसोनिक मिसाइलों (Hypersonic Missiles) के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहा है। डीआरडीओ (DRDO) ने 2008 में इस दिशा में शोध शुरू किया था। वर्ष 2019 में भारत ने मैक 6 (Mach 6) की गति से अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया।

ब्रह्मोस-2 (BrahMos-2) पर भी तेजी से काम किया जा रहा है, जो 2028 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। यह मिसाइल हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Hypersonic Cruise Missile) होगी और वर्तमान में दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, ब्रह्मोस से भी अधिक ताकतवर होगी।

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चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी

भारत की इस नई उपलब्धि से न केवल चीन बल्कि पाकिस्तान की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। पाकिस्तान के पास फिलहाल हाइपरसोनिक मिसाइलें (Hypersonic Missiles) नहीं हैं। हालांकि, चीन से उसे यह तकनीक मिलने की संभावना है।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह कदम देश की रक्षा नीति को मजबूत करेगा और किसी भी संभावित खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम बनाएगा।

दुनिया के चुनिंदा देश और हाइपरसोनिक मिसाइलें

अटलांटिक काउंसिल (Atlantic Council) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में केवल चार देश – अमेरिका (USA), रूस (Russia), चीन (China) और भारत (India) ही इस तकनीक का सफल प्रदर्शन कर चुके हैं। इनमें से रूस ने युद्ध में इसका इस्तेमाल कर दुनिया को इसकी ताकत का अहसास कराया है।

हाल ही में यमन के हूतियों (Houthis) ने दावा किया था कि उन्होंने अपनी फलस्तीन-2 हाइपरसोनिक मिसाइल (Falasteen-2 Hypersonic Missile) से इजरायल पर हमला किया। हालांकि, विशेषज्ञों ने इन दावों को खारिज कर दिया।

भारत की हाइपरसोनिक ताकत: भविष्य की राह

भारत का नया हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण यह दिखाता है कि देश अपने दुश्मनों के खिलाफ तकनीकी और सामरिक रूप से पूरी तरह तैयार है। यह परीक्षण न केवल भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा बल्कि इसे वैश्विक ताकतों की सूची में ऊंचे पायदान पर ले जाएगा।

इस सफलता के साथ, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। स्वदेशी तकनीक (Indigenous Technology) पर आधारित यह मिसाइल न केवल चीन और पाकिस्तान के लिए बल्कि सभी संभावित दुश्मनों के लिए एक मजबूत संदेश है।

भारत की यह उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। स्वदेशी तकनीक और उच्च मारक क्षमता वाली यह मिसाइल न केवल देश की सीमाओं को सुरक्षित रखेगी बल्कि भारत को हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी (Hypersonic Technology) के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी। यह देशवासियों के लिए गर्व और दुश्मनों के लिए चेतावनी का प्रतीक है।

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