आईएएस नियाज खान का बयान: ‘इस्लाम अरब का धर्म, भारत के सभी लोग मूल रूप से हिंदू’
India’s Original Hindu Roots | भोपाल, मध्य प्रदेश। आईएएस (IAS) अधिकारी नियाज खान एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने एक्स (X) पर एक पोस्ट किया, जिसने विवाद को जन्म दे दिया। अपने पोस्ट में उन्होंने इस्लाम को अरब का धर्म बताया और कहा कि भारत में सभी लोग मूल रूप से हिंदू (Hindu) थे। यह बयान सामने आने के बाद कई लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जबकि कुछ ने उनका समर्थन भी किया।
बयान पर कायम हैं नियाज खान
अपने बयान पर सफाई देते हुए आईएएस (IAS) नियाज खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे अपनी बात पर अडिग हैं। उन्होंने कहा, “इस्लाम (Islam) मूल रूप से अरब में उभरा और बाद में मलेशिया और इंडोनेशिया सहित 57 से अधिक देशों में फैल गया। वहां के कई लोग, खासकर आदिवासी समूह, मूल रूप से हिंदू धर्म के अनुयायी थे। समय के साथ, दो प्रमुख समुदाय बने, लेकिन उनकी उत्पत्ति एक ही थी। जेनेटिक टेस्ट से यह साबित होता है कि सभी का संबंध भारत से है।”
“लहू एक है, संस्कृति एक है”
नियाज खान ने कहा कि यह ऐतिहासिक और वैज्ञानिक (Scientific) रूप से सिद्ध है कि इस्लाम अरब का धर्म है और भारत में इस्लाम का आगमन बाद में हुआ। उन्होंने कहा, “यहां तो सभी हिंदू थे, जिन्हें बाद में मुस्लिम बनाया गया। इसलिए, भले ही धर्म अलग-अलग हों, लेकिन लहू एक ही है। सभी लोग एक ही संस्कृति के अंग हैं। अगर कोई मुस्लिम अरब के लोगों को अपना आदर्श मानता है, तो उसे पुनर्विचार करना चाहिए और पहले हिंदुओं को अपना भाई मानना चाहिए, उसके बाद अरब को।”
विवादों से पुराना नाता
यह पहली बार नहीं है जब आईएएस (IAS) नियाज खान का कोई बयान चर्चा में आया हो। वे पहले भी ब्राह्मण, हिंदू धर्म, धर्मांतरण और इस्लाम (Islam) जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रख चुके हैं। उन्होंने इन विषयों पर कई किताबें भी लिखी हैं, जिनमें उन्होंने धर्म, संस्कृति और समाज में बदलावों को विस्तार से समझाने की कोशिश की है। India’s Original Hindu Roots
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
उनके बयान के बाद सोशल मीडिया पर इस पर तीखी बहस छिड़ गई है। कुछ लोगों ने इसे एक ऐतिहासिक (Historical) तथ्य बताया, जबकि कुछ ने इस पर आपत्ति जताई। कई लोगों का मानना है कि यह बयान धार्मिक भेदभाव को खत्म करने और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने वाला है, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इससे समाज में अनावश्यक विवाद पैदा हो सकता है।
क्या कहते हैं इतिहासकार?
इतिहासकारों का मानना है कि भारत का इतिहास धर्मांतरण और सांस्कृतिक परिवर्तन की एक जटिल प्रक्रिया का हिस्सा रहा है। कुछ विद्वानों के अनुसार, भारत में इस्लाम का आगमन व्यापारियों और सूफी संतों के माध्यम से हुआ, जबकि कुछ जगहों पर यह राजनीतिक प्रभाव के तहत भी फैला।
क्या है इस बयान का प्रभाव?
नियाज खान के इस बयान से एक नई बहस छिड़ गई है। यह बयान न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक (Social) और राजनीतिक (Political) रूप से भी असर डाल सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार, प्रशासन और समाज इस पर क्या रुख अपनाते हैं। नियाज खान का यह बयान धार्मिक इतिहास और सांस्कृतिक पहचान पर चर्चा को एक नया मोड़ देता है। यह बयान केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि भारत की ऐतिहासिक और सामाजिक संरचना के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण हो सकता है। अब यह देखने वाली बात होगी कि यह बहस किस दिशा में जाती है और इससे समाज में क्या बदलाव आते हैं। India’s Original Hindu Roots
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।