भारत के UNSC स्थायी सीट के समर्थन के बीच क्वाड समिट में वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा
India’s Permanent UNSC Seat | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के पहले दिन डेलावेयर में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) समिट में भाग लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में वैश्विक चुनौतियों और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें भारत की UNSC (United Nations Security Council) में स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन का मुद्दा भी सामने आया। पीएम मोदी ने भारत के कूटनीतिक कद को मजबूत करने की दिशा में इस समर्थन की महत्वपूर्ण भूमिका बताई।
क्वाड समिट: एक नई रणनीतिक साझेदारी
क्वाड समिट का आयोजन राष्ट्रपति बाइडेन के होमस्टेट डेलावेयर में उनके हाई स्कूल में हुआ। इस समिट का मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करना था। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच, इस चार देशों के गठबंधन का उद्देश्य क्षेत्रीय अखंडता और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखना है।
समिट के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा, “हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हमारा उद्देश्य क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखना है, और एक स्वतंत्र और समावेशी इंडो-पैसिफिक हमारी प्राथमिकता है।”
UNSC में भारत की स्थायी सीट के लिए समर्थन
क्वाड समिट में पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए एक बार फिर अपना पक्ष मजबूत किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को आज के समय में वास्तविकता के रूप में देखा जाना चाहिए। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने इस मुद्दे पर भारत का समर्थन किया। पीएम मोदी ने कहा, “भारत का वैश्विक मंचों पर मजबूत प्रतिनिधित्व आज के दौर की ज़रूरत है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का समर्थन
समिट के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि क्वाड का अस्तित्व अमेरिकी चुनावों के बाद भी बना रहेगा। उन्होंने कहा, “हम लोकतांत्रिक देश हैं और हम जानते हैं कि कैसे काम करना है। मैंने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही क्वाड को अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में काम शुरू किया था, और आज हम पहले से कहीं अधिक रणनीतिक रूप से एकजुट हैं।”
बाइडेन ने यह भी घोषणा की कि क्वाड देशों के बीच कोस्ट गार्ड सहयोग को बढ़ाया जाएगा। यह समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही क्वाड फैलोशिप कार्यक्रम में अब साउथ-ईस्ट एशियाई देशों के छात्रों को भी शामिल किया जाएगा।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा, “क्वाड का इतिहास लंबा नहीं है, इसलिए यह किसी परंपरा से बंधा नहीं है। अगले साल प्रधानमंत्री मोदी क्वाड समिट की मेजबानी करेंगे, और मैं उस पल का इंतजार कर रहा हूं।” अल्बनीज के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि क्वाड के चारों देश अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं।
जापान के प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण
जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने भी समिट के दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “जापान, भारत और अन्य क्वाड देशों के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।” यह बयान चीन की आक्रामक नीति के संदर्भ में खासा महत्वपूर्ण है, जहां जापान और भारत दोनों ही अपने क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एकजुटता दिखा रहे हैं।
भविष्य के लिए नए कदम
क्वाड समिट में यह स्पष्ट हुआ कि चारों देश भविष्य में वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने सहयोग को और अधिक सुदृढ़ करेंगे। अगले साल भारत में होने वाली क्वाड समिट से और अधिक ठोस कदम उठाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “क्वाड साझेदारी और सहयोग के लिए है, और यह संगठन लंबे समय तक बना रहेगा।” उनकी यह बात इस बात का संकेत है कि यह संगठन केवल औपचारिक चर्चाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें शामिल देशों के बीच सहयोग की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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क्वाड समिट ने भारत की UNSC स्थायी सीट के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन को और मजबूत किया है। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समर्थन से भारत का कूटनीतिक कद और ऊंचा हुआ है। इसके साथ ही, क्वाड देशों के बीच बढ़ता सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक शांति के लिए एक सकारात्मक कदम है।
India’s Permanent UNSC Seat के लिए समर्थन भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है, और इससे भविष्य में वैश्विक राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।