मंगलसूत्र गिरवी रख कर मोबाइल दिलाने के वादे पर भी नहीं माना बेटा प्रिंस, कर लिया सुसाइड
Indore news | इंदौर में मोबाइल (Mobile) की जिद ने एक मासूम की जान ले ली। 16 साल के नौवीं (9th Class) के छात्र ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। मां ने उसे पिता की सैलरी (Salary) आने पर नया मोबाइल दिलाने की बात कही थी, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा। मां ने समझाया कि वह अपना मंगलसूत्र (Mangalsutra) गिरवी रखकर भी मोबाइल दिला देगी, लेकिन लड़के ने जिद छोड़ने के बजाय जहर पी लिया। घटना रविवार की है। सोमवार को अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
ऑनलाइन गेम (Online Game) की लत ने छीनी जिंदगी
इंदौर के आदर्श इंदिरा नगर में रहने वाले 16 वर्षीय प्रिंस, जो कक्षा नौवीं (9th Class) का छात्र था, को ऑनलाइन गेम (Online Game) खेलने की लत थी। वह घंटों मोबाइल पर फ्री फायर (Free Fire) खेलता था। इसी वजह से जब उसका मोबाइल चोरी हो गया, तो वह बहुत परेशान रहने लगा।
परिवार के अनुसार, कुछ दिन पहले वह अपने माता-पिता के साथ बिहार के नारायणपुर (Narayanpur) गांव गया था। 25 जनवरी को लौटते समय, पटना के पास ट्रेन में उसका मोबाइल (Mobile) चोरी हो गया। तब से वह अपनी मां सुधा से नया मोबाइल दिलाने की जिद कर रहा था।
जिद के आगे मां की मजबूरी हार गई
रविवार को प्रिंस ने मां से एक बार फिर नया मोबाइल (Mobile) दिलाने की मांग की। मां ने समझाया कि उसके पिता एक स्वीट्स की दुकान पर काम करते हैं और सैलरी मिलने के बाद नया मोबाइल दिला देंगी। मगर प्रिंस जिद करने लगा।
मां ने उसे शांत करने के लिए कहा कि अगर वह अभी बहुत ज्यादा जिद कर रहा है, तो वह अपना मंगलसूत्र (Mangalsutra) गिरवी रखकर सोमवार को मोबाइल दिला देगी। लेकिन प्रिंस को तुरंत ही मोबाइल चाहिए था। उसने कहा कि अगर मोबाइल नहीं मिला तो वह अपनी जान दे देगा।
जहरीली दवा (Poison) पीकर दे दी जान
मां ने उसे भरोसा दिलाया कि खाना खाने के बाद वे मोबाइल लेने जाएंगे। मगर प्रिंस को यह भी मंजूर नहीं था। वह गुस्से में घर से बाहर चला गया और पास की किराना दुकान से जहरीली दवा (Poison) खरीद ली।
वह दुकान से निकला और पानी में जहर घोलकर पी गया। थोड़ी देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। घरवालों को जब इस बारे में पता चला तो वे उसे फौरन एमवाय अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर (Ventilator) पर रखा, लेकिन सोमवार को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
“डराने के लिए जहर पिया था” – प्रिंस ने आखिरी शब्दों में कहा
परिवार के अनुसार, अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान प्रिंस होश में था और बातचीत कर रहा था। उसने कहा था कि उसने सिर्फ घरवालों को डराने के लिए जहर पिया था, लेकिन अब वह बचना चाहता है। मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जहर शरीर में फैल चुका था और डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए।
छोटे भाई-बहनों को रोता छोड़ गया प्रिंस
प्रिंस के परिवार में उसके माता-पिता के अलावा दो भाई और एक बहन है। उसके पिता एक मिठाई की दुकान पर काम करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है। इस घटना से पूरा परिवार सदमे में है। मां खुद को कोस रही है कि काश उसने किसी तरह बेटे को मना लिया होता। वहीं पिता बेटे की जिद को समझ न पाने के लिए खुद को दोषी मान रहे हैं। मोबाइल (Mobile) की लत बना रही बच्चों को मानसिक बीमार
यह घटना सिर्फ एक बच्चे की नहीं, बल्कि आज की युवा पीढ़ी की एक बड़ी समस्या को दर्शाती है। बच्चों में मोबाइल (Mobile) और ऑनलाइन गेम (Online Game) की बढ़ती लत उन्हें मानसिक रूप से कमजोर बना रही है। वे छोटी-छोटी बातों पर भावनात्मक रूप से टूट जाते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि माता-पिता को बच्चों के साथ संवाद बनाए रखना चाहिए और उन्हें भावनात्मक रूप से मजबूत बनाना चाहिए। उन्हें सिखाना चाहिए कि जिंदगी में मुश्किलें आएंगी, लेकिन उनका हल आत्महत्या नहीं, बल्कि धैर्य और समझदारी से निकालना होगा। यह घटना समाज के लिए एक बड़ा सबक है कि बच्चों को सिर्फ सुविधाएं देने से ज्यादा जरूरी है, उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाना।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।