मासूम बच्चे ने जिंदा सांप को खिलौना समझकर चबा डाला, बालक सुरक्षित

innocence child and snakeinnocence child and snake: मासूम बच्चे ने जिंदा सांप को खिलौना समझकर चबा डाला, बालक सुरक्षित

innocence child and snake: गया जिले के फतेहपुर के एक छोटे से गांव में घटी यह घटना हर किसी को चौंका देने वाली है। यह घटना अपने आप में जितनी विचित्र है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती थी। 17 अगस्त की इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। एक साल का मासूम बच्चा, जिसका नाम रियांश है, ने खेल-खेल में एक सांप को चबा-चबाकर मार डाला। इस घटना ने न केवल गांव वालों को, बल्कि चिकित्सकों को भी अचरज में डाल दिया। सांप (snake) की जहरीली प्रकृति के बारे में सोचकर लोग सहम उठे थे, लेकिन इस घटना का अंत अनपेक्षित रूप से सुखद हुआ।

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गया जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र के जमुहार गांव में यह घटना घटी। राकेश कुमार के घर के छत पर खेलते हुए एक साल का रियांश अचानक एक सांप के संपर्क में आ गया। उस उम्र के बच्चों के लिए हर नई चीज आकर्षक (attractive) होती है, और शायद इसी कारण से रियांश ने सांप को खिलौना (toy


) समझ लिया। अपने नन्हें हाथों में सांप को पकड़कर उसने उससे खेलना शुरू कर दिया। यह कल्पना ही डरावनी है कि एक मासूम बच्चा, जिसके लिए दुनिया अभी बस एक खेल है, कैसे एक विषैला जीव (venomous creature) को अपने हाथों में लेकर खेल रहा था।

खेलते-खेलते, रियांश ने सांप को अपने मुंह में डाल लिया। यह क्षण हर किसी के लिए भयावह होता, लेकिन मासूम रियांश के लिए यह बस एक खेल था। उसने कई बार सांप को चबाया, जिससे सांप की वहीं पर मौत हो गई। यह घटना जितनी सरल दिखती है, उतनी ही गंभीर भी है। एक विषैला सांप बच्चे की जान ले सकता था, लेकिन इस मामले में सांप जहरीला नहीं था। यही कारण था कि बच्चा सुरक्षित (safe) बच गया।

जब बच्चे के माता-पिता को इस घटना की जानकारी मिली, तो वे तुरंत उसे लेकर अस्पताल (hospital) पहुंचे। वे चिंतित थे कि कहीं बच्चे को सांप के जहर (poison) का असर न हो गया हो। डॉक्टर ने बच्चे की जांच की और यह देखकर सबकी जान में जान आई कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था। डॉक्टर ने यह स्पष्ट किया कि जिस सांप के साथ बच्चा खेल रहा था, वह जहरीला नहीं था। यह राहत की बात थी, लेकिन इस घटना ने बच्चों के प्रति माता-पिता की सतर्कता (alertness) को बढ़ा दिया।

अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि बारिश (rainy season) के मौसम में इस प्रकार के सांप (non-venomous snakes) अक्सर देखे जाते हैं। हालांकि, सभी सांप जहरीले नहीं होते, लेकिन यह भी सच है कि एक सामान्य व्यक्ति के लिए यह पहचान पाना कठिन है। इसलिए इस प्रकार की घटनाओं में खास सावधानी बरतनी चाहिए। डॉक्टर ने इस घटना को लेकर सलाह दी कि घर के आसपास की साफ-सफाई और सुरक्षा (safety measures) पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

यह घटना गांव में चर्चा का विषय बन गई। हर कोई इस बात को लेकर हैरान था कि कैसे एक साल का बच्चा अपने नादान खेल में एक सांप को चबा-चबाकर मार सकता है। हालांकि, इस घटना ने एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया कि हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति और भी सतर्क (vigilant) रहना चाहिए। बारिश के मौसम में सांपों का बाहर आना आम बात है, और इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए हमें अपने घरों को साफ-सुथरा और सुरक्षित (secure) रखना चाहिए।

सावधानी ही बचाव : इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सांपों से जुड़ी जानकारी और सावधानी कितनी महत्वपूर्ण है। बच्चे अक्सर अपने आसपास की चीजों को समझने के लिए उन्हें छूते हैं, मुंह में डालते हैं। ऐसे में अगर उन्हें किसी खतरनाक चीज के संपर्क में आने से रोका न जाए, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। बच्चों के खेल के क्षेत्रों की नियमित निगरानी (monitoring) और सफाई (cleanliness) के माध्यम से इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है।

रियांश का यह खेल एक खतरनाक मोड़ ले सकता था, लेकिन ईश्वर का धन्यवाद है कि वह सुरक्षित है। यह घटना न केवल एक विचित्र (bizarre) घटना के रूप में सामने आई, बल्कि इसने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति हमें कितना सचेत रहना चाहिए। बच्चे मासूम होते हैं, और उनकी मासूमियत (innocence) में कभी-कभी खतरनाक परिस्थितियां भी छिपी होती हैं। इसलिए, उनकी सुरक्षा के प्रति लापरवाही (negligence) बरतना हमारे लिए महंगा साबित हो सकता है।

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