नवमी और अष्टमी कन्या पूजन का महत्व, विधि और शुभ मुहूर्त 2025
Kanya pujan muhurat 2025 | नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इसमें 9 कन्याओं को देवी मां का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, जो श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह पूजा घर में सुख-समृद्धि लाने और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने में सहायक होती है। Kanya pujan muhurat 2025
अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त 2025
- अष्टमी तिथि: 4 अप्रैल 2025, रात 8:12 बजे से शुरू
- कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त: 5 अप्रैल 2025, सुबह 11:59 बजे से 12:49 बजे तक
नवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2025
- नवमी तिथि की शुरुआत: 5 अप्रैल 2025, रात 7:26 बजे से
- नवमी के दिन कन्या पूजन का अभिजित मुहर्त: 6 अप्रैल 2025, सुबह 11:59 बजे से 12:50 बजे तक
कन्या पूजन विधि
- कन्याओं को सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें।
- उन्हें श्रद्धापूर्वक बिठाएं और पैर धोकर शुद्धिकरण करें।
- माथे पर रोली और अक्षत का तिलक लगाएं।
- विधिपूर्वक पूजा और आरती करें।
- हलवा, पूरी, चना और नारियल प्रसाद चढ़ाएं।
- भोजन कराने के बाद उपहार और दक्षिणा दें।
- चुनरी भेंट करें और सम्मानपूर्वक विदा करें।
कन्या पूजन नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है, बल्कि समाज में कन्याओं के प्रति सम्मान और श्रद्धा को भी बढ़ावा देता है। इस नवरात्रि, कन्या पूजन का महत्व समझें और इसे श्रद्धा के साथ करें।
विधि और शुभ मुहूर्त: नवरात्रि 2025 के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इसमें 9 कन्याओं को देवी मां का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, जो श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह पूजा घर में सुख-समृद्धि लाने और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने में सहायक होती है।
अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त 2025
- अष्टमी तिथि: 4 अप्रैल 2025, रात 8:12 बजे से शुरू
- कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त: 5 अप्रैल 2025, सुबह 11:59 बजे से 12:49 बजे तक
नवमी कन्या पूजन मुहर्त 2025
- नवमी तिथि की शुरुआत: 5 अप्रैल 2025, रात 7:26 बजे से
- नवमी के दिन कन्या पूजन का अभिजित मुहर्त: 6 अप्रैल 2025, सुबह 11:59 बजे से 12:50 बजे तक
कन्या पूजन विधि
- कन्याओं का आमंत्रण: कन्याओं को सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें।
- श्रद्धापूर्वक बिठाना: उन्हें श्रद्धापूर्वक बिठाएं और पैर धोकर शुद्धिकरण करें।
- तिलक करना: माथे पर रोली और अक्षत का तिलक लगाएं।
- पूजा और आरती: विधिपूर्वक पूजा और आरती करें।
- प्रसाद चढ़ाना: हलवा, पूरी, चना और नारियल प्रसाद चढ़ाएं।
- भोजन कराना: भोजन कराने के बाद उपहार और दक्षिणा दें।
- चुनरी भेंट: चुनरी भेंट करें और सम्मानपूर्वक विदा करें।
कन्या पूजन नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है, बल्कि समाज में कन्याओं के प्रति सम्मान और श्रद्धा को भी बढ़ावा देता है। इस नवरात्रि, कन्या पूजन का महत्व समझें और इसे श्रद्धा के साथ करें। मां दुर्गा की कृपा से आपके जीवन में सुख और समृद्धि का संचार होगा। Kanya pujan muhurat 2025
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।