अनोखी चोरी : ‘मजबूरी में पैसे ले जा रहा हूं, 6 महीने में लौटा दूंगा’; खरगोन की दुकान में दिल छू लेने वाला वाकया

अनोखी चोरी : ‘मजबूरी में पैसे ले जा रहा हूं, 6 महीने में लौटा दूंगा’; खरगोन की दुकान में दिल छू लेने वाला वाकया

Khargone News | खरगोन (मध्य प्रदेश) – आमतौर पर चोरी की घटनाएं क्रूरता, लालच और आपराधिक मानसिकता की कहानी बयां करती हैं, लेकिन खरगोन के जमींदार मोहल्ले में बीती रात जो हुआ, वह एक अनोखी घटना बन गई है। यहां एक कोल्ड ड्रिंक सप्लाई करने वाली दुकान में चोरी हुई, लेकिन इस चोरी के पीछे का दर्द और विवशता चोर द्वारा छोड़े गए पत्र में साफ झलक रही है।

इस चिट्ठी ने सोशल मीडिया और शहर भर में संवेदना और चर्चा का विषय बना दिया है। चोर ने न सिर्फ चोरी करने की बात कबूली, बल्कि बड़े ही विनम्र शब्दों में दुकान मालिक से माफी मांगी और वादा किया कि वह 6 महीने के भीतर पैसे वापस लौटा देगा।

घटना की शुरुआत: एक सामान्य रात, एक असामान्य चोरी

यह घटना रविवार रात की है। जमींदार मोहल्ले में स्थित ‘रॉयल फूड’ नामक दुकान रोज की तरह बंद थी। दुकान के मालिक जुजर बोहरा ने रोजाना की तरह अपनी दुकान बंद की थी, लेकिन सोमवार सुबह जब उन्होंने दुकान खोली, तो काउंटर से रखे बैग में से 2.5 लाख रुपए गायब थे। बैग में कुल 2 लाख 84 हजार रुपए थे, जिनमें से ढाई लाख निकाल लिए गए थे। चोर दुकान की पीछे की ओर से, एक प्याऊ के ऊपर से प्रवेश कर दुकान के अंदर घुसा था।

एक चिट्ठी ने सबका ध्यान खींचा

चोरी की जानकारी मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। एएसआई अशरफ खान मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। लेकिन इस मामले को अलग बना दिया उस चोर की लिखी हुई चिट्ठी ने, जो उसने चोरी के बाद दुकान में छोड़ दी थी।

पत्र में चोर ने लिखा:

> “मुझे पैसों की सख्त जरूरत है। बहुत कर्ज हो गया है। मैंने आपको कुछ दिन पहले दुकान में पैसे गिनते देखा था, तभी से सोच रहा हूं। मैं आपके मोहल्ले का ही हूं। पैसे वाले लोग मेरे घर रोज आ रहे हैं, धमका रहे हैं। अगर पैसे नहीं चुकाए तो मुझे जेल हो जाएगी। मजबूरी में यह कदम उठा रहा हूं।”

‘आप मुझे जानते हैं’ – दिल को छू जाने वाले शब्द

चोर ने अपनी बात को और साफ करते हुए लिखा:

> “मैं जानता हूं कि मैंने गलत किया है, लेकिन मैं वादा करता हूं कि 6 महीने में आपके सारे पैसे लौटा दूंगा। उस समय चाहे जो सजा देना, मैं स्वीकार करूंगा। मैं आपके बेटे और आपसे हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। मैं रामनवमी के दिन चोरी कर रहा हूं, पर मेरा इरादा चोरी का नहीं था। बस हालात ने मजबूर कर दिया।”

पत्र के अंत में उसने लिखा:

“आप चाहें तो 6 महीने बाद मुझे पुलिस के हवाले कर देना, लेकिन अभी मुझे पैसे चुराना जरूरी था। मैंने आपसे झूठ नहीं बोला। आप मुझे जानते हो। बस एक बार मुझे माफ कर दो।”

समाज के लिए एक आइना: अपराध या विवशता?

इस घटना ने पूरे शहर को दो हिस्सों में बांट दिया है—एक वह जो इस चोर को अपराधी मानते हैं, और दूसरा वह जो इसे एक मजबूर इंसान का कदम कह रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई लोग कह रहे हैं कि ऐसे हालात किसी के भी जीवन में आ सकते हैं और यह इंसान अभी भी इंसानियत से भरा है, जिसने चोरी के बावजूद पश्चाताप और उत्तरदायित्व की भावना दिखाई।

वहीं कुछ लोग इसे एक अच्छी तरह से गढ़ी गई योजना मान रहे हैं, जहां सहानुभूति बटोरने के लिए चिट्ठी का सहारा लिया गया है। उनका मानना है कि कोई भी अपराधी अगर वाकई अच्छा होता, तो चोरी की बजाय मदद मांगता।

पुलिस जांच में जुटी, चोर की तलाश जारी

पुलिस ने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू कर दिए हैं और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। चोर ने खुद को “आपके मोहल्ले का ही” बताया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह आसपास का ही कोई जानकार व्यक्ति हो सकता है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं यह चोर पहले से दुकान मालिक के संपर्क में तो नहीं था।

एएसआई अशरफ खान ने बताया, “हमने पत्र को जब्त कर लिया है। यह केस असामान्य है। इसमें भावनात्मक पहलू भी है, लेकिन कानून के दायरे में रहकर ही जांच की जाएगी।”

दुकान मालिक जुजर बोहरा का कहना है कि उन्हें बहुत हैरानी हुई जब उन्होंने चिट्ठी पढ़ी। उन्होंने कहा, “पैसे तो गए हैं, लेकिन यह पहली बार है कि किसी चोर ने इस तरह से माफी मांगी और पैसे लौटाने का वादा किया है। मैं भी सोच में पड़ गया हूं कि क्या करूंगा अगर वह वाकई पैसे लौटाने आ जाए।”

वो आगे कहते हैं, “देखिए, पैसा तो मेहनत की कमाई है और चोरी गलत है, पर अगर इंसानियत बची है उस इंसान में, तो शायद वह वाकई लौटाए। अभी पुलिस जांच कर रही है। देखते हैं आगे क्या होता है।”

यह चोरी रामनवमी के दिन हुई, जो कि एक धार्मिक और पवित्र दिन माना जाता है। चोर ने खुद भी इस बात को चिट्ठी में लिखा कि वह इस दिन चोरी नहीं करना चाहता था, लेकिन मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा। यह दिखाता है कि चाहे हालात कितने भी खराब क्यों न हों, इंसान की अंतरात्मा कभी-कभी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा ही देती है।यह घटना कई सवाल खड़े करती है—क्या चोर को उसका अपराध क्षमा किया जाना चाहिए क्योंकि वह मजबूरी में था? क्या यह एक भावनात्मक चाल हो सकती है? और क्या समाज को ऐसे मामलों में थोड़ी संवेदनशीलता दिखानी चाहिए?

कानून अपनी जगह है और उस पर अमल जरूरी है, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि हर अपराध के पीछे एक कहानी होती है। इस बार की कहानी ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

आपकी राय?

क्या इस चोर को माफ कर देना चाहिए अगर वह वाकई पैसे लौटा देता है? क्या यह एक नया ट्रेंड बन सकता है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं। Khargone News


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