खरगोन स्कूल विवाद: शिक्षक ने तिलक-कलावा बांधने से रोका, हिंदू संगठनों का हंगामा, शिक्षक से करवाई गई उठक-बैठक
Khargone School Controversy. | मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के बिस्टान में स्थित सांदीपनी विद्यालय में एक शिक्षक द्वारा छात्रों को धार्मिक प्रतीकों, जैसे तिलक और कलावा, का उपयोग करने से रोकने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया। इस घटना ने स्थानीय हिंदू संगठनों को आक्रोशित कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप स्कूल परिसर में जमकर हंगामा हुआ। सकल हिंदू समाज के सदस्यों ने स्कूल में प्रदर्शन किया, नारेबाजी की और शिक्षक से न केवल माफी मंगवाई, बल्कि उन्हें उठक-बैठक करने के लिए भी मजबूर किया। इस घटना ने शिक्षक दिवस से ठीक पहले स्थानीय समुदाय में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। Khargone School Controversy
यह विवाद सोमवार को उस समय शुरू हुआ जब सकल हिंदू समाज के सदस्य सांदीपनी विद्यालय पहुंचे। उनका आरोप था कि कक्षा 2 के अतिथि शिक्षक शाहरुख पठान ने छात्रों को तिलक लगाने और कलावा (पवित्र धागा) बांधने जैसे धार्मिक प्रतीकों का उपयोग करने से मना किया था। संगठन के सदस्यों ने दावा किया कि यह कोई नई घटना नहीं है और पिछले एक महीने से शिक्षक के खिलाफ इस तरह की शिकायतें सामने आ रही थीं। Khargone School Controversy
हिंदू संगठन के सदस्यों ने स्कूल के प्राचार्य बलराम भंवर से मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में उन्होंने परीक्षा प्रभारी जितेंद्र चौहान से अपनी शिकायत दर्ज की। इसके बाद शिक्षक शाहरुख पठान को कक्षा से बाहर बुलाया गया। प्रदर्शनकारियों ने उनसे न केवल माफी मांगने को कहा, बल्कि सार्वजनिक रूप से उठक-बैठक भी करवाई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया, जिसने विवाद को और हवा दी।
पहले भी हो चुकी हैं शिकायतें
सकल हिंदू समाज के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब शिक्षक शाहरुख पठान के खिलाफ शिकायत की गई है। संगठन का कहना है कि पिछले एक महीने से शिक्षक द्वारा छात्रों को धार्मिक गतिविधियों और प्रतीकों के उपयोग से रोकने की शिकायतें मिल रही थीं। पहले भी एक बार शिक्षक से माफी मंगवाने का मामला सामने आ चुका था, लेकिन इस बार स्थिति और गंभीर हो गई। प्रदर्शनकारियों ने शिक्षक को स्कूल से हटाने की मांग की और स्कूल प्रशासन पर त्वरित कार्रवाई करने का दबाव डाला।
स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्राचार्य बलराम भंवर ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्हें छात्रों और अभिभावकों से लिखित शिकायत प्राप्त हुई है, जिसमें शिक्षक शाहरुख पठान के व्यवहार की शिकायत की गई है। उन्होंने बताया कि शाला समिति की बैठक बुलाकर इस मामले पर विचार-विमर्श किया जाएगा और अतिथि शिक्षक को हटाने का प्रस्ताव सहायक आयुक्त को भेजा जाएगा। हालांकि, अभी तक स्कूल प्रशासन ने कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की है, जिसके कारण स्थानीय समुदाय में असंतोष बना हुआ है।
सामाजिक और धार्मिक तनाव
यह घटना खरगोन जैसे संवेदनशील क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक तनाव को बढ़ाने वाली साबित हुई है। सकल हिंदू समाज ने इसे धार्मिक भावनाओं पर हमला करार दिया है और स्कूल प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की है। दूसरी ओर, कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को तूल देने से पहले स्कूल प्रशासन और स्थानीय नेताओं को मिलकर मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए।
स्कूल प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस पूरे प्रकरण में स्कूल प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रशासन ने पहले की शिकायतों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसके कारण यह विवाद बढ़ा। प्राचार्य ने भविष्य में कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है। इस बीच, स्थानीय लोग और संगठन इस मामले को लेकर सतर्क हैं और प्रशासन के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
खरगोन के सांदीपनी विद्यालय में हुई इस घटना ने धार्मिक प्रतीकों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। यह मामला न केवल स्कूल प्रशासन, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संवाद और समझ की कमी को भी उजागर करता है। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए स्कूलों में धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
खरगोन के सांदीपनी विद्यालय में शिक्षक से उठक-बैठक क्यों करवाई गई?
यह घटना तब हुई जब अतिथि शिक्षक शाहरुख पठान ने छात्रों को तिलक लगाने और कलावा बांधने जैसे धार्मिक प्रतीकों का उपयोग करने से मना किया। इससे नाराज सकल हिंदू समाज के सदस्यों ने स्कूल में प्रदर्शन किया और शिक्षक से माफी मंगवाने के साथ-साथ उठक-बैठक करवाई।
क्या यह पहली बार था जब शिक्षक के खिलाफ शिकायत की गई?
नहीं, यह पहला मामला नहीं था। पिछले एक महीने से शिक्षक शाहरुख पठान के खिलाफ छात्रों को धार्मिक प्रतीकों के उपयोग से रोकने की शिकायतें मिल रही थीं। पहले भी एक बार उनसे माफी मंगवाने का मामला सामने आ चुका था।
स्कूल प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करेगा?
प्राचार्य बलराम भंवर ने कहा कि छात्रों और अभिभावकों से लिखित शिकायत मिलने के बाद शाला समिति की बैठक में इस मामले पर विचार किया जाएगा। अतिथि शिक्षक को हटाने का प्रस्ताव सहायक आयुक्त को भेजा जाएगा। Khargone School Controversy
इस घटना का स्थानीय समुदाय पर क्या प्रभाव पड़ा?
इस घटना ने खरगोन में धार्मिक और सामाजिक तनाव को बढ़ा दिया है। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिकभावनाओं पर हमला करार दिया है, जबकिकुछ लोग इसे शांतिपूर्णढंग से सुलझाने की वकालत कर रहे हैं। Khargone School Controversy
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।